एकता में बल short story in hindi
ekta me bal short story in hindi
सुबह का सुहाना मौसम था सारे पक्षियों की छह जाने की आवाज आ रही थी और कुछ कबूतर अपने झुंड में आसमान में उड़ रहे थे
कि अचानक उन्हें जमीन पर बहुत सारे अनाज के दाने दिखाई दिए उन्हें यह दाने देखकर उन्हें खाने का मन हुआ और वह उन दोनों को खाने के लिए जमीन पर उतर पड़े।
लेकिन शिकारी ने जानबूझकर कर जमीन पर बिखेरे थे और वहां जाल बिछा रखा था ताकि कबूतर वहां आए और दाना खाने में उन्हें जाल दिखाई ना दे और वह उसके चुंगल में फंस जाए।
लेकिन सचमुच ऐसा ही हुआ जैसे ही कबूतर दाना खाने के लिए नीचे आएगा और दाना खाने में व्यस्त हो गए फिर उन्हें पता लगा कि वह जाल में फंस चुके हैं ना उनके पंजे जाल में जकड़ गए हैं यह महसूस होती है वह उड़ने की कोशिश करने लगे और अपने पर फड़फड़ाने लगे।
लेकिन वह जाल से छूट नहीं रहते बल्कि जाल में और भी उलझ रहे थे।
उन कबूतरों में से एक उनका मुखिया कबूतर था उसने सभी कबूतरों से कहा कि तुम एक साथ अपने पर फड़फड़ा होगा ताकि तुम एक साथ यह पूरा का पूरा जाल लेकर और जाओ सच में ही कबूतरों ने ऐसा ही किया।
सारे कबूतर ने एक साथ होना शुरू किया और जाल लेकर उड़ गए यह देखकर शिकारी उनके पीछे दौड़ने लगा लेकिन इसका कोई फायदा नहीं था क्योंकि कबूतर बहुत ऊंचा उड़ गए थे।
थोड़ी देर के बाद कबूतर नीचे उतरे और मुखिया कबूतर ने उनके दोस्त चूहे को बुलाकर लाया चूहे ने सारा जग को छोड़ दिया और कबूतरों को आजाद कर दिया।
एकता में बल short story in hindi कहानी से मिलने वाली सीख एकता में बल होता है इसलिए हमें कोई भी काम मिलजुल कर करना चाहिए।
टूटा हुआ पुल ( एकता में बाल की कहानी )
एकता में बल short story in hindi
एक घने जंगल में हाथी खरगोश गोरिल्ला और गिलहरी रहा करती थी वह चारों बहुत अच्छे दोस्त हैं कोई काम एक साथ किया करते थे और आपस में ही बहुत ही अच्छे से रहा करते थे और एक दूसरे की मदद किया करते थे।
जंगल के पास ही एक नदी से होकर पुल गुजरता था और उस नदी के पार बहुत ही अच्छा अच्छा खाना मिलता था इसलिए यह चारों दोस्त नदी को पार करने के लिए उस पुल का इस्तेमाल करते थे एक बार की बात है।
गोरिला हाथी खरगोश और गिलहरी उस पुल को पार कर कर गए और अच्छा-अच्छा खाना खाने लगे लेकिन अचानक एक बिजली कड़की और वह पुल टूट गया।
यह देखकर खरगोश जोर-जोर से खुद अपने लगा और कहने लगा यह क्या अब तो पुल टूट गया है अब हम हमारे घर कैसे जाएंगे यह सुनकर गैलरी ने जोर जोर से रोने लगी लेकिन हाथी समझदार था हाथी ने अपनी तीनों दोस्तों से कहा कि हमें सब मिलकर यह काम करना चाहिए कि इस पुल को बनाना चाहिए ताकि हम हमारे घर जा सके।
सभी को यह सुझाव बहुत पसंद आया और सभी पुल बनाने के काम में लग गए गोरिला एक कुल्हाड़ी पेश करने में लग गया खरगोश एक टोकरी बनाने में लग गया और गिलहरी पेड़ों की रस्सी बनाने में लग गई और हाथी बड़े-बड़े पेड़ों को वहां लाकर रखने के लिए काम में जुट गए।
दूर से ही एक चालक लोमड़ी यह सब देख रही थी उसने सोचा अगर यह फूल ना बने तो यह अपने घर नहीं जा सकेंगे और मैं खरगोश कर गैलरी को आसानी से झांसी के लिए यह सोचकर वह गोरिल्ला के पास गई और कहा तुम यह कुल्हाड़ी क्यों तेज कर रहे हो तुम्हें इन सब की क्या जरूरत है तुम तो बहुत ताकतवर हो।
यह सुनकर गोरिल्ला उसके बातों में आ गया और कहा हां मैं तो बहुत ताकतवर हूं मैं तो किसी भी तरह से अपने घर पहुंच जाऊंगा।
अब चालाक लोमड़ी खरगोश के पास गई और कहा कि तुम यह पुल क्यों बना रही हो तुम तो बहुत चतुर हो तुम तो किसी भी थोड़ा अपने घर जा सकते हो क्योंकि तुम फुर्तीले हो।
यह सुनकर करो कोई भी नहीं लगा हां मैं उनकी मदद नहीं करूंगा।
अब हाथी और गिलहरी पुल बनाने के लिए किनारे पर आए लेकिन गोरिला और खरगोश वाह नहीं था उन्होंने बहुत देर उसका इंतजार किया लेकिन बाद में खुद ही पुल बनाने लगे लेकिन होने बाद में यह महसूस हुआ कि गोरिला और खरगोश के बगैर वह पुल नहीं बना सकते।
वह दोनों मिलकर गोरिल्ला और खरगोश मिले और उन्होंने कहा कि देखो तुम किसी की बातों में मत आओ हम एक साथ मिलकर कोई भी काम कर सकते हैं और अगर हमको एक साथ काम करोगे तो पुल भी बन जाएगा और हम अपने घर जा सकेंगे।
यह सुनकर गोरिल्ला और खरगोश उनके साथ काम करने में तैयार हो गए अब चारों साथ मिलकर काम करने लगे गोरिला ने पेड़ को काटा हाथी ने पेड़ को नदी तक नहीं गया गिलहरी ने रस्सी बनाई और खरगोश ने नहीं जोड़ने का काम किया इस तरह पुल तैयार हुआ।
और चारों दोस्त मिलकर पुल पर चढ़े और अपने घर आसानी से पहुंच सके।
इस एकता में बल short story in hindi कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की बातों में नहीं आना चाहिए और मिलजुल कर काम करना चाहिए क्योंकि एकता में ही बल होता है।
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लकड़ियों का गट्ठर
एकता में बल short story in hindi
एक गांव में एक बहुत ही ईमानदार और और मालदार जमींदार रहा करता था उसके तीन बेटे थे और तीनों बेटे हमेशा आपस में लड़ाई झगड़ा किया करते थे यह देखकर जमींदार को बहुत चिंता हुआ करती थी।
एक दिन जमींदार ने बैठे-बैठे यह सोचा कि अगर मेरे मरने के बाद भी मेरे तीनों बेटे लड़ते-लड़ते रहे तो तीनों का क्या होगा और यह तो अलग अलग होकर बहुत कमजोर हो जाएंगे यह बात सोच कर उसे बहुत ही दुख हुआ।
उसने यह सोचना शुरू किया कि हिंदी कैसे किया जाए और कैसे मिलाया जाए तभी उसे एक तरकीब सोची और उसने तीनों बेटों को एक जगह बुलाया और कहा।
यह देखो एक लकड़ी का गट्ठर है तुम इसे तोड़ो पहले बेटे ने तोड़ने की कोशिश की लेकिन उससे नहीं टूटा दूसरे बेटे ने भी तोड़ने की कोशिश की लेकिन वह लगती का गठन नहीं टूटा जब बारीकी से गलती किया उसने तो अपनी जान लगा दिया लेकिन लोगों के गद्दारों को नहीं तोड़ पाए।
फिर उस जमींदार ने लकड़ी के गट्ठर को खोल लिया और तीनों बेटों को एक एक लकड़ी दी तीनों बेटों ने एक-एक टुकड़े को आसानी से तोड़ दिया फिर जमींदार ने उन्हें और एक एक लकड़ी दी फिर और तीनों ने एक-एक लकड़ी को आसानी से तोड़ दिया।
इसके बाद बड़े बेटे ने कहा पिताजी आप हमें क्या बताना चाहते हैं तो जमींदार ने बड़े ही हंसते हुए कहा बेटा तुम तीनो भाई किस लकड़ी के गट्ठर की तरह हो कि जब तक तुम साथ में मिलजुल कर रहेंगे जब तक तुम्हें कोई नहीं तोड़ सकता।
लेकिन जब तुम अलग अलग हो जाओगे इन अलग अलग लकड़ी की तरह तो कोई भी आकर तुम्हें तोड़ देना यह सुनकर तीनों बेटों को बात समझ में आ गई तब से तीनों बेटे एक साथ रहने लगे और आपस में कभी झगड़ा नहीं किया।
एकता में बल short story in hindi कहानी से मिलने वाली सीख हमें अपने भाइयों के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए
और उनसे कभी झगड़ा नहीं करना चाहिए क्योंकि एकता में बल होता है।
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