आज की 2023 की बिलकुल नयी कहानिया मे हम आप के लिए औइर खास करके छोटे बच्चो के लिए लाये है जादुई कहानी जादुई कहानी क्यूंकी अक्सर छोटे बच्चो को जादुई कहानी जादुई कहानी पढ्न बेहद पसंद होता है इसी बात को ध्यान मे रखते हुए हमने जादुई कहानी जादुई कहानी , jadui in hindi लाये है आपके लिए तो चलिये शुरू करते है जादुई कहानी जादुई कहानी
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पेड़ जादुई बर्तन का
एक विशालपुर नाम के गांव में एक आदमी रहा करता था उसका नाम संजू था संजू बहुत ही शरीफ और ईमानदार आदमी था वह छोटे से गांव में बर्तन की दुकान चलाता था उसे बर्तन बेचते हुए 10 साल हो चुके थे वह उस से ही अपना घर बारचलता था।
लेकिन बर्तन का उसका धंधा ठप हो गया था और गांव के लोग शहर जा कर बर्तन खरीदा करते थे और बेचारे संजू के पास से कोई बर्तन नही खरीदता और जो खरीदते भी थे तो वो उधारी में खरीदते थे जिसकी वजह से संजू भूत ही टेंशन में रहा करता था।
एक बार जब संजू अपनी दुकान खोलने के लिए आया तो पहले से ही वहां पर एक छोटा बच्चा खड़ा था उसे छोटे बच्चों ने कहा क्या यह आपकी दुकान है संजू ने कहा हां बेटा यह मेरी दुकान है तुम्हें क्या चाहिए तो उसे छोटे बच्चों ने कहा मुझे एक चम्मच और एक प्लेट चाहिए थी खाना खाने के लिए यह सुनकर संजू ने कहा बेटा मेरे यहां सब नए बर्तन मिलते हैं मेरे पास पुराने बर्तन नहीं है।
यह सुनकर छोटे बच्चों ने कहा मेरे पास ₹10 है क्या ₹10 में मुझे पलेट और चम्मच मिल सकता है। यह सुनकर संजू कहता है लेकिन बेटा प्लेट और चम्मच के दो ₹100 होते हैं यह सुनकर बच्चा कहता है अंकल मेरे पास ₹10 है प्लीज मुझे ₹10 में प्लेट और चम्मच दे दो।
संजू को बच्चों पर दया जाती है और वह बच्चे को प्लेट और चम्मच दे देता है और जब बच्चा संजू को ₹10 देता है तो संजू कहता है नहीं बेटा यह ₹10 भी तुम्हारे पास रखो इससे कुछ खा लेना बच्चा संजू को धन्यवाद कहता है और वहां से चला जाता है।
संजू दिनभर दुकान में बैठा रहता है लेकिन एक भी ग्राहक उसके पास नहीं आता तो वह उदास होकर घर चला जाता है। घर पर जाकर संजू की बीवी संजू से कहती है क्या आज भी तुमने पैसे नहीं ले अगर ऐसे ही रहा तो कैसा चलेगा हमारे ऊपर कितना कर्जा हो गया है और तुम वह दुकान भेज क्यों नहीं देते जिससे हमारा कुछ कर्ज ही चुकाना हो जाए।
संजू कहता है यह मेरे पिताजी की अमानत है और यह मेरे पिताजी की निशानी है मैं वह दुकान नहीं देख सकता यह सुनकर बीवी कहती है तुम्हें तुम्हारे पिताजी के निशानी की पड़ी है और यह हम भूखे मर जाए तो उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता।
संजू राजपुर परेशान रहता है और सुबह जाकर दुकान खोलने ही वाला होता है कि वह बच्चा वापस से आ जाता है और कहता है अंकल कल तुमने जो मुझे लेट हो चम्मच दिया था और ₹10 भी दिए थे उससे मैंने पेट भर कर खाना खाया यह सुनकर संजू कहता है ठीक है बेटा अब तुम्हें क्या चाहिए और लड़का कहता है मैं तुम्हें कुछ देने आया हूं।
संजू कहता है तुम मुझे क्या देना आए हो तो वह बच्चा अचानक जिन बन जाता है वह बच्चे को जिन बनता देख संजू बहुत घबरा जाता है और कहता है क्या तुम एक जीन हो वह कहता है हां मैं तुम्हारी परीक्षा ले रहा था क्या तुम गरीबों की मदद करते हो या नहीं और तुमने बच्चों की मदद की तो मैं तुम् से खुश हो गया हूं मांगो तुम्हें मुझसे क्या मांगना है।
यह सुनकर संजू कहता है मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए बस इतना कर दीजिए कि मेरे बर्तन बीतने लगे और मुझे अच्छा खासा मुनाफा होने लगे यह सुनकर जिन संजू की दुकान पर जादू करता है पर जादू की वजह से संजू के दुकान के अंदर एक पेड़ रुक जाता है और उसे पेड़ पर बहुत सारे बर्तन लग जाते हैं।
जिन संजू से कहता है यह देखो यह एक जादुई पेड़ है इस पर जब भी तुम हाथ रखोगे इस पर बर्तन उगने लगेंगे और तुम यह बर्तन बेचकर अपने परिवार के लिए अच्छी-अच्छी चीज खरीदना और तुम्हारे गरीबी दूर कर देना।
संजू कहता है क्या सच में ऐसा हो सकता है जिन कहेता है तुम इस पेड़ को हाथ लगाकर जैसे ही संजू पेड़ को हाथ लगाता है पेड़ पर बर्तन उगने लेट है संजू ज़ोर से चिल्लाता है ये तो सचमे जादुई पेड़ है।और उतने में जिन वहा से गायब हो जाता है।
दूसरे दिन से संजू जादुई पेड़ को हाथ लगाता है और उस जादुई पेड़ पर बहुत सारे बर्तन आ जाते है और फिर संजू वो सारे बर्तन शहर जा कर होलसेल भाव में बेच कर आता है इसी तरह वो हर रोज़ करता है।
और देखते ही देखते संजू कुछ ही दिनों में बहुत सारे पैसे कमा लेता है और अपनी जिंदगी आराम से जीता है और अब
वो अपनी दुकान शहर में भी खोल लेता है।
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