25+ बच्चों की कहानियां | 4 बच्चों की कहानियां | chhote bacchon ki kahani | बच्चों की मजेदार कहानियां

25+ बच्चों की कहानियां | 4 बच्चों की कहानियां | chhote bacchon ki kahani | बच्चों की मजेदार कहानियां

आज की इस बच्चों की कहानियां मे हम पढ़ने वाले  है  बच्चों की मजेदार कहानियां क्यूंकी ऐसी ही 4 बच्चों की कहानियां पढ्न बच्चो को अच्छा लगता है और इस bacchon ki kahani मे हमने 2023 की बिलकुल नाईक कहानिया लाये है तो चलिये शुरू करते है bacchon ki kahani hindi mein


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    चमत्कारी घुड़सवार 

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    बच्चों की कहानियां

    एक गांव में एक छोटा सा लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल का सबसे बड़ा सपना था कि वह एक घुड़सवार बने और देश-दुनिया में चमत्कार दिखाए। वह घुड़सवारी के बारे में किताबें पढ़ता और ट्रेनिंग लेता था, लेकिन उसे अपना सपना पूरा करने के लिए एक चमत्कारी घुड़सवार की जरूरत थी।


    एक दिन, राहुल जंगल में घूम रहा था जब उसने एक बड़े पेड़ के नीचे एक चमत्कारी घुड़सवार देखी। यह घोड़ा सोने की रंगीन सवारी में था और उसके पीछे चमकदार पंखे थे। राहुल बहुत खुश हुआ क्योंकि यह घुड़सवार घोड़ा बिलकुल वही था जिसकी उसे तलाश थी।


    राहुल घुड़सवार के पास गया और उससे अपना सपना बताया। घुड़सवार ने राहुल की इच्छा को समझा और कहा, "तुम्हारी नियति पक्की है और मैं तुम्हारी मदद करने को तैयार हूँ। लेकिन मेरी सहायता के बदले मुझे एक साथ मिठास और सम्मान की जरूरत होगी।"


    राहुल खुशी से उच्चारण करते हुए एक मिठाई का टुकड़ा लेकर आया और उसे घुड़सवार को सौंपा। घुड़सवार ने वह मिठाई खायी और राहुल को अपने पीछे बैठने के लिए आमंत्रित किया।


    राहुल बहुत ही खुश हो गया और घुड़सवार की पीठ पर स्थान लेते हुए दौड़ने लगा। चमत्कारी घुड़सवार ने उसे अलग-अलग जगहों पर ले जाया, जहां वह पहले कभी नहीं गया था। राहुल को वहां की खूबसूरत प्रकृति, पहाड़ों की ऊँचाईयाँ और नदियों का ध्वनि बहुत पसंद आया।


    चमत्कारी घुड़सवार राहुल को धीरे-धीरे सवारी करने की कला सिखाता रहा और राहुल को अद्भुत अनुभवों के साथ भर दिया। वह आसमान में उड़ते हुए पक्षीयों के साथ दौड़ा, जंगल में सवारी की, और पहाड़ों के चोटी पर जा पहुंचा।


    राहुल बहुत ही खुश था क्योंकि उसका सपना पूरा हो गया था। वह देखा कि चमत्कारी घुड़सवार की मदद से उसने दुनिया का अद्भुत सौंदर्य देखा और नए अनुभवों का आनंद लिया। अब उसका आगे का सफ़र और भी रोमांचक और रंगीन हो गया।


    हिम्मतवाला बंदर 

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    बच्चों की कहानियां

    एक जंगल में एक बंदर रहता था जिसका नाम मोनू था। मोनू बहुत ही खुशनुमा और खिलखिलाती हंसी वाला बंदर था। उसके जीवन की खुशियाँ उसके खेलने के दोस्तों और जंगल की प्राकृतिक सुंदरता से भरी थीं।


    एक दिन, जंगल के एक ऊँचे पेड़ पर मोनू को एक बालक देखा जिसे एक गधा साथ ले जा रहा था। मोनू ने देखा कि गधा बहुत परेशान और भयभीत दिख रहा था। मोनू अपनी हिम्मत जुटाकर गधे के पास गया और पूछा, "गधा, तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो?"


    गधा बोला, "मुझे डर लग रहा है कि वे मुझे दबा देंगे। मेरे बारे में बुरा बोलेंगे और मेरे साथ निर्लज्जता करेंगे।"


    मोनू मुस्कान में बोला, "अरे गधे, तू तो जंगल का राजा है! तू इतना डरने वाला क्यों हो रहा है? हिम्मत रख, मैं तुझे सहायता करूंगा।"


    मोनू ने अपनी हिम्मत जुटाई और गधे को बातचीत करने के लिए उससे नीचे आने को कहा। जब वे नीचे आए, तो मोनू ने देखा कि कुछ बंदर गधे के आसपास जमा हो गए थे और उसे परेशान कर रहे थे।


    मोनू ने एक आदमी को देखा जो बंदरों को धमकी दे रहा था और उन्हें भगाने की कोशिश कर रहा था। मोनू ने जल्दी से चुपचाप सभी बंदरों को एक साथ बुलाया और गधे के पीछे खड़ा हो गया।


    मोनू ने आवाज़ उठाई, "यह गधा हमारा दोस्त है और हमें उसकी मदद करनी चाहिए। हमें उसे सम्मान और प्यार देना चाहिए, न कि उसे डराना और परेशान करना।"


    बंदरों ने मोनू की बात सुनी और उन्होंने अपना व्यवहार बदल दिया। उन्होंने गधे को सम्मान दिया और दिखाने लगे कि वे एक टीम हैं।


    आदमी चकित रह गया और वही इस अवसर का लाभ उठाते हुए जल्दी से वहां से चला गया। गधा खुशी के साथ मोनू के पास गया और धन्यवाद कहा।


    बंदरों ने मोनू की वीरता और हिम्मत की प्रशंसा की। मोनू बोला, "हर जीव जंगल का राजा हो सकता है, बस उसे अपनी हिम्मत को पहचानना होगी।"


    उस दिन से बंदरों का जीवन बदल गया। उन्होंने सामरिक और सामाजिक रूप से एक-दूसरे का साथ दिया और उन्होंने एक खुशहाल और समृद्ध जंगल बनाया। इस घटना ने सबको यह बताया कि हिम्मत और मित्रता की ताकत असाधारण होती है।



    खोया हुआ खज़ाना 

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    बच्चों की कहानियां

    एक बच्चा रोहन अपने परिवार के साथ गाँव जाने का योजना बना रहा था। रोहन के पिता उसे गाँव लेजा रहे थे ताकि उसे अपने जवानी के दिनों में बचपन की खुशियों का आनंद ले सके। रोहन बहुत खुश था और उसे अपने दोस्तों के साथ खेलने, खूब मिठाई खाने और गांव की सुंदरता का आनंद लेने का बहुत बेसब्री से इंतजार था।


    जब रोहन और उसका परिवार गाँव पहुंचे, तो वहाँ पर विदेशी आवासियों का मेला चल रहा था। वहाँ पर ध्यान से देखने पर रोहन ने एक गहरे संवेदनशील चेस्ट को खोया हुआ देखा। उसने देखा कि बहुत से लोग चेस्ट के पास जा रहे हैं, लेकिन किसी को यह दिखाई नहीं दे रही थी। रोहन की रूचि जाग गई और वह चेस्ट के पास जा बैठा।


    रोहन ने देखा कि चेस्ट तंगी में थी और उसके अंदर कुछ रातों का ही संचित हुआ था। वह यकीन करने के लिए चेस्ट को खोलने का प्रयास किया और जैसे ही उसने चेस्ट को खोला, उसकी आंखों में आस्था की झलक दिखी।


    चेस्ट के अंदर एक पुराना सांझा नजर आया, जिसमें उसे बहुत सारे जुवानों के खेल, दोस्ती के लम्हे और प्यार के समय मिले। रोहन ने वह सब कुछ अपने दिल में अभिवृद्धि की और वह जान गया कि यह खोया हुआ खज़ाना उसके लिए अनमोल है।


    रोहन ने चेस्ट की बात अपने परिवार को बताई और सब ने वहाँ आकर चेस्ट को खोला। सभी ने देखा कि चेस्ट उन्हें अपने खोए हुए बचपन की यादें लौटा रही हैं। सभी खुशी के मारे हो गए और उन्होंने सोचा कि यह छोटा सा खज़ाना उनके लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा है।


    रोहन और उसका परिवार ने चेस्ट को गले लगाया और खुशी के संग वापस अपने गाँव की यात्रा पर निकले। वे सभी यह जान गए कि वास्तव में सबसे महत्वपूर्ण खज़ाना वही होता है जो हमारे अनमोल यादों और बचपन की सुंदरता को संजोता है।



    जादुई खज़ाना 

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    4 बच्चों की कहानियां

    एक छोटे से गांव में एक बच्चा नील रहता था। नील बहुत ही अकेला था और उसे अपने दोस्तों की कमी महसूस होती थी। एक दिन, जब वह अकेला जंगल में घूम रहा था, उसने एक चमत्कारिक दीपक मिला। जब नील ने दीपक को छुआ, तो वह एक प्यारी सी पुतली बन गया।


    नील को बहुत खुशी हुई और उसने पुतली से बात की। पुतली ने उसे दिया, "मैं तुम्हारी जादुई दोस्त हूँ। मैं तुम्हें हमेशा सम्बल और मदद करूंगी।"


    नील और पुतली की दोस्ती बहुत तेजी से बढ़ी। वे दोनों जंगल में एक साथ खेलने और घूमने लगे। पुतली नील को नई दुनिया के रंगों से परिचित कराती और उसे नई चीज़ों की सीख देती।


    एक दिन, जब नील और पुतली जंगल में घूम रहे थे, तो उन्होंने एक बिल्ली को देखा जो एक पेड़ के ऊपर फंस गई थी। बिल्ली बहुत डरी हुई थी और वहां से उतरने के लिए असमर्थ थी।


    नील और पुतली ने बिल्ली की मदद करने का फैसला किया। नील बिल्ली के पास गया और पुतली को बताया कि वह उसे नीचे उतारने में मदद करे। पुतली नीचे गई और बिल्ली को बाहर निकालने में सफल हुई।


    बिल्ली नील और पुतली को बहुत आभारी थी। उसने उन्हें अपने घर में आमंत्रित किया और उन्हें धन्यवाद दिया। वे तीनों एक-दूसरे के साथ अच्छी तरह से मिलकर खेलने लगे और एक दूसरे की मदद करने में समर्थ बन गए।


    इस तरह, नील ने जादुई दोस्ती के माध्यम से नई दोस्ती की महत्वपूर्णता सीखी। वह जान गया कि सच्ची दोस्ती एक अद्वितीय खज़ाना होती है जो हमारे जीवन को सुंदर और साथीपन्नपूर्ण बनाती है।



    खुशनुमा बारिश 

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    4 बच्चों की कहानियां

    एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में बच्चे राजू रहता था। राजू बारिश के बारे में बहुत प्रेम करता था। उसे बारिश की बूँदों की आवाज़ सुनना और बारिश की खेल-कूद करना बहुत पसंद था।


    एक दिन, जब राजू अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था, तो आचानक बादल गहरा हो गए और बारिश शुरू हो गई। राजू को खुशी के आंगन में खेलते हुए बारिश का मज़ा लेने का मौका मिला। वह बारिश की बूँदों को अपने हाथों में पकड़ रहा था, और वहाँ-वहाँ उन्हें छोड़ रहा था जैसे वह चमत्कारिक रंगों की खेलनेवाली वस्त्र बारिश का अभिनय कर रही हों।


    राजू और उसके दोस्त बारिश में गर्मी भूल गए थे। वे भीगने लगे और एक दूसरे के साथ भागने और झूलने लगे। उन्होंने आसमान की ओर अपनी बाहों को फैलाया और बारिश की बूँदों को अपने चेहरे पर चढ़ाने का आनंद लिया।


    बारिश रुकने के बाद, राजू और उसके दोस्त बहुत खुश और खिलखिलाते हुए घर वापस चले गए। वे अपने माता-पिता को बारिश के बारे में बताने के लिए उत्साहित थे।


    बारिश के बाद, गांव में हरियाली और ताजगी का नज़ारा था। पेड़-पौधों की पत्तियाँ चमक रही थीं और फूलों ने अपनी मधुर सुगंध बिखेर दी थी। राजू ने देखा कि बारिश के बाद प्रकृति की खुशनुमा रंगारंगी वापस आ गई थी।


    राजू ने अपने दोस्तों के साथ बगीचे में घूमने का आयोजन किया और उन्होंने खुशी के साथ फूलों की खुशबू सुनी, पेड़ों को गले लगाया, और मधुमक्खियों को घूमते देखा। वे बारिश के चमत्कारिक आनंद को साझा कर रहे थे और प्रकृति के साथ एक अद्वितीय जोड़ी बना रहे थे।


    इस रूप में, बारिश ने राजू को अपने चमत्कारिक परिवर्तन की खुशनुमा दुनिया में ले जाया। वह समझ गया कि जब हम प्रकृति के साथ मेल खाते हैं और उसका आनंद लेते हैं, तो हमेशा खुश और आनंदित रहते हैं।



    प्यासी गाय 

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    4 बच्चों की कहानियां

    एक गांव में एक प्यासी गाय रहती थी। यह गाय बहुत बीमार थी और उसे पानी की बहुत ज़रूरत थी। वह रोज़ाना गांव के आसपास के प्राकृतिक जल स्रोत के पास जाती और प्यास बुझाने की कोशिश करती, लेकिन वहाँ पानी की कमी होती थी।


    एक दिन, गाय ने अपनी प्यास के लिए दिल छू देने वाली बहुत सीधी बात की। उसने सोचा कि वह अपनी प्यास को कैसे बुझा सकती है। फिर उसे एक आदमी दिखाई दिया जो पानी के बारे में जानता था।


    गाय ने आदमी के पास जाकर अपनी प्यास का ब्यान दिया और आदमी ने उसे पानी देने का वादा किया। गाय बहुत खुश हुई और वहाँ खड़ी हो गई जहाँ उसे आदमी ने दिखाया था।


    आदमी ने एक नल का चश्मा खोला और गाय को ठंडा और शुद्ध पानी पिलाया। गाय ने पानी पीने के बाद बहुत आराम महसूस किया और उसकी प्यास बुझ गई।


    गाय ने अपने नए मित्र का आभार व्यक्त किया और वहाँ से वापस गई, लेकिन उसने यह नहीं भूला कि अपनी प्यास को बुझाने में दूसरों की मदद लेना बहुत महत्वपूर्ण है।


    इस घटना के बाद से गाय ने एक नदी के पास अपने नए मित्र के साथ निवास किया और उसे बच्चों के साथ बहुत आनंदित देखा। उसकी प्यास हमेशा बुझती रही और वह खुश रही।


    इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम अपनी समस्याओं को दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो हमें उन्हें हल करने के लिए सहायता मिलती है। और जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हम अपनी खुशियों को भी बढ़ाते हैं।



    सबसे बड़ी चालाकी 

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    4 बच्चों की कहानियां

    बहुत समय पहले एक छोटा सा गांव था। वहां एक चालाक लोमड़ी रहती थी जो हर समय अपनी चालाकी से लोगों को परेशान करती थी। यह लोमड़ी बहुत ही बुद्धिमान और चतुर होने के साथ-साथ बहुत ही खुशमिजाज भी थी।


    एक दिन, गांव में लोगों को परेशानी हो गई क्योंकि एक भयंकर सिंह वहां आ गया था और लोगों को डर का सामना करना पड़ रहा था। इस समय लोमड़ी ने एक मार्गदर्शक भूत के रूप में अपनी चालाकी का इस्तेमाल करने का फैसला किया।


    लोमड़ी ने गांव के लोगों को एकत्रित किया और उन्हें बताया कि उन्हें सिंह से निपटने का तरीका है। उसने कहा, "मैंने उस सिंह की बातें सुनी हैं और उसका रास्ता पता है। जब वह आता है, तो तुम सब खड़े हो जाओ और शोर करो। यह सिंह भयभीत हो जाएगा और वहां से दौड़ भाग जाएगा।"


    गांव के लोगों ने लोमड़ी की बात मान ली और जब सिंह आया, तो सभी लोग बहुत शोर मचाने लगे। सिंह भयभीत हुआ और उसने भागते हुए गांव को छोड़ दिया। गांव के लोग बहुत खुश थे क्योंकि लोमड़ी की चालाकी से सिंह भगवान्दी बान गया।


    लेकिन सच क्या था? यह सब लोगों की एक बड़ी चालाकी थी। लोमड़ी जानती थी कि सिंह विनम्र होने के बावजूद अजगर को भयभीत कर देता है। और जब वह दौड़ भाग जाता है, तो वह सबसे खुश होती है।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि चालाकी का उपयोग करना ठीक हो सकता है, लेकिन जब हम दूसरों को धोखा देते हैं, तो यह हमें खुश नहीं रखता। सच्चाई और ईमानदारी के साथ जीने से हमेशा अच्छा होता है।



    दोस्ती की टोली 

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    4 बच्चों की कहानियां

    बहुत समय पहले एक छोटे से गांव में चार अच्छे दोस्त रहते थे। उनके नाम थे राम, श्याम, मोहन और राजू। ये चारों दोस्त अपनी टोली के रूप में जाने जाते थे। वे सभी एक-दूसरे के साथ हमेशा मिलकर खेलते, पढ़ते और मस्ती करते थे।


    एक दिन, उन्होंने मिलकर तय किया कि वे एक रोमांचक और रोचक सफ़र पर जाएंगे। वे अपनी टोली को साथ लेकर एक जंगल में निकल पड़े।


    जंगल में जाते ही उन्हें वहां के चमत्कारिक दृश्य दिखाई देने लगे। उन्होंने हरे-भरे पेड़ों, सुंदर फूलों और चहचहाने वाले पक्षियों का आनंद लिया। वे अपनी टोली के साथ खेलते, गाने गाते और हँसते-खेलते बिताते थे।


    चलते-चलते, वे एक छोटे से नदी के पास पहुँच गए। नदी का पानी बहुत स्वच्छ और शीतल था। वे सब दोस्त नदी के किनारे खड़े हो गए और एक दूसरे के साथ आदेश लेकर जुलाहे खींचने लगे।


    नदी के किनारे खेलते हुए वे देखते हैं कि वहां पास में एक पेड़ पर एक मुर्गा बंद हो गया है और वह चीख रहा है। उन्होंने तत्परता से देखा कि मुर्गा परेशान दिख रहा था।


    दोस्तों ने बचाने का निर्णय लिया और उन्होंने मिलकर पेड़ पर चढ़ गए। वे मुर्गे को समय नष्ट किए बिना बचाने के लिए एक साथ काम करने लगे। राम ने पेड़ की ऊँचाई पर चढ़कर मुर्गे को उठाया, जबकि श्याम और मोहन ने नीचे आगे बढ़ते हुए उसे सहारा दिया। राजू ने खुशी के साथ मुर्गे को उसकी मुक्ति दिलाई।


    मुर्गा बच गया और चिढ़ गया। वह उन्हें अपनी टोली के सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया। अब चारों दोस्त और मुर्गा साथ मिलकर जंगल में और नदी के पास खेलने लगे।


    यह कहानी हमें दिखाती है कि दोस्ती का बहुत महत्व होता है। जब हम एकजुट होकर मिलकर काम करते हैं, तो हम बहुत कुछ सामर्थ्यपूर्ण कर सकते हैं। हमेशा अपने दोस्तों के साथ मिलकर आपसी सहयोग करें और सफलता को प्राप्त करें।



    चालक चूहे की कहानी 

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    बच्चों की मजेदार कहानियां

    एक जंगल में एक बहुत ही चालाक चुहिया रहती थी। वह अपनी चालाकी से दूसरे जानवरों को चिढ़ाती और परेशान करती थी। उसे खुद को सबसे चतुर समझने की आदत थी।


    एक दिन, जब चुहिया जंगल में घूम रही थी, तो उसने एक खास घटना देखी। वह देखी कि एक दूसरी चुहिया बहुत प्रेम और सौम्यता के साथ दूसरे जानवरों के साथ बातचीत कर रही थी। वह देखकर चुहिया थोड़ी हैरान हुई क्योंकि वह सोचती थी कि प्रेम और सौम्यता करना केवल कमज़ोर लोगों का काम है।


    चुहिया ने सोचा कि वह देखना चाहती है कि कैसे यह चुहिया बातचीत कर रही है और इसे एक अवसर समझकर चुहिया ने इसका अनुसरण किया।


    चुहिया ने देखा कि यह चुहिया दूसरे जानवरों की सुनती और समझती है, उनके साथ समय बिताती है और उनकी मदद करती है। वह इतनी मित्रता और सौम्यता के साथ बातचीत कर रही थी कि सबको यह बहुत पसंद आ रहा था।


    चुहिया ने इससे एक महत्वपूर्ण सीख ली। उसने अपनी चालाकी के साथ एक बहुत अच्छी मित्रता बनाई। वह समझ गई कि सहयोग और सौम्यता करना अच्छा होता है और दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में सहायता करता है।


    इसके बाद से, चुहिया अपनी चालाकी के साथ दूसरे जानवरों के साथ दोस्ती और सहयोग करने लगी। वह खुश रहती और जंगल के सभी जानवर उसे सच्चे दिल से प्यार करने लगे। चुहिया को यह अनुभव हुआ कि दूसरों के साथ सहयोग करके हम अपने आप को बेहतर बना सकते हैं और सभी को खुशी प्रदान कर सकते हैं।



    खुदरा शेर 

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    बच्चों की मजेदार कहानियां

    बहुत समय पहले की बात है, एक खुदरा शेर एक जंगल में रहता था। वह शेर बड़ा नहीं था और उसका आकार बहुत ही छोटा था। वह अपने छोटे से आकार के कारण दूसरे जानवरों के बीच मज़ाक बन गया था।


    एक दिन, जब शेर जंगल में घूम रहा था, उसने एक बड़े शेर को देखा। वह बड़ा और शक्तिशाली दिख रहा था। खुदरा शेर को उसकी ताकत देखकर बड़ी ईमानदारी से हँसी आई। वह सोचा, "जरा आज मैं बड़े शेर के पास जाकर इसे दिखाऊंगा कि छोटा होने से मतलब नहीं होता।"


    खुदरा शेर ने उस बड़े शेर के पास जाकर कहा, "मैं आपको दिखाना चाहता हूँ कि मैं भी बहुत बड़ा और शक्तिशाली हूँ। क्या आप मेरे साथ मुकाबला करना चाहेंगे?"


    बड़े शेर ने मुस्कानी देते हुए कहा, "मेरे छोटे दोस्त, मुकाबला करने की कोई ज़रूरत नहीं है। हम सभी अपने अपने तरीके से अद्वितीय हैं और हर एक का अपना महत्व है।"


    यह सुनकर खुदरा शेर बहुत ही हैरान रह गया। वह समझ गया कि दूसरे का आकार, रंग या दिखावा कितना भी बड़ा हो, सच्ची ताकत और महत्व उसकी भी हो सकती है।


    खुदरा शेर ने अब अपनी छोटी सी आवाज़ को गर्व से उठाया और अपने आप में विश्वास जगाया। उसने जंगल के बाकी जानवरों के साथ मित्रता बनाई और अपनी चालाकी और मनोरंजन से सभी को मोह लिया।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमारा आकार, रंग, या दिखावा हमारी सच्ची क्षमता या महत्व को नहीं दर्शाता। हमारी सच्ची ताकत हमारे अंदर होती है और हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए। हमेशा यह याद रखें कि हम सभी अपने तरीके से अद्वितीय हैं और हमारी खासियत ही हमें अनूठा बनाती है।



    अनूठी मित्रता 

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    बच्चों की मजेदार कहानियां

    बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक छोटी सी लड़की रहती थी। उसका नाम रीया था। वह बहुत ही अकेली और उदास रहती थी क्योंकि उसके पास कोई सच्चा मित्र नहीं था।


    एक दिन, जब रीया एक पेड़ के नीचे बैठी थी, उसने अपनी अकेलापन की बातें एक गोलू में छोड़ दी। गोलू उस पेड़ पर रहने वाला एक अनूठा उड़ने वाला केवल ज़मीन से ऊँचा जानवर था। वह रोज़ाना गांव में लोगों के बीच उड़ान भरता था और उन्हें खुशी देने का प्रयास करता था।


    रीया ने गोलू को बारिश में भी देखा था। उसने देखा कि गोलू कितनी खुश था जब वह बारिश की बूँदों में खेल रहा था। यह देखकर रीया को एक विचार आया। उसने सोचा कि क्या वह गोलू उसका सच्चा मित्र बन सकता है?


    रीया ने गोलू से मिलने का निर्णय लिया। वह गोलू के पास गई और उसे अपनी अकेलापन की कहानी सुनाई। गोलू ने ध्यान से सुना और उसे समझा। वह कहा, "रीया, तुम मेरी मित्र बनना चाहती हो? मैं बहुत खुश होऊँगा।"


    इसके बाद से, रीया और गोलू की मित्रता बहुत गहरी हो गई। वे हर दिन एक-दूसरे के साथ खेलते और मस्ती करते थे। रीया का अकेलापन दूसरी ओर गायब हो गया क्योंकि उसके पास अब एक सच्चा मित्र था।


    रीया और गोलू ने एक दिन मिलकर सोचा कि वे दूसरे बच्चों को अपनी अनूठी मित्रता का संदेश देना चाहते हैं। वे गांव के बच्चों को एकत्रित करके उन्हें अपनी कहानी सुनाई। सभी बच्चे बहुत प्रभावित हुए और गोलू और रीया की अनूठी मित्रता का सम्मान किया।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि अनूठी मित्रता हमें खुशी और खुदरा करती है। हमें किसी के आकार, रंग या रूप से अधिक महत्व नहीं होता। जब हम एक दूसरे की एकता, समझ और प्यार को समझते हैं, तो हम सच्ची मित्रता का आनंद ले सकते हैं और दूसरों के जीवन में खासी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।



    मिठास भरी मिठाई 

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    एक गांव में एक मिठाई की दुकान थी। वहां पर एक मिठाईवाला रहता था जिसका नाम राजू था। राजू अपनी दुकान में रोज़ाना बहुत सारी मिठाईयाँ बनाता था। वह सभी ग्रामीणों के दिलों को हंसती और प्यारी बनाने के लिए अपनी मिठाईयों को मेहनत से तैयार करता था।


    एक दिन, राजू ने नए तरीके की मिठाई बनाने का फैसला किया। उसने नए अंदाज़ में मिठाई बनाने के लिए अलग-अलग खाद्य पदार्थों का उपयोग करने का सोचा। राजू ने चीनी, दूध, मखाने, बादाम, काजू, किशमिश, और एलायची का इस्तेमाल करके एक मिठास भरी मिठाई बनाई। वह मिठाई की ट्रे में रखकर उसे दुकान के बाहर रख दिया।


    दूसरे दिन सुबह, गांव के बच्चे राजू की दुकान पर चढ़ गए और उन्होंने मिठास भरी मिठाई की ट्रे देखी। वे सभी बच्चे खुशी से मुस्काने और हंसते हुए एक-दूसरे के पास आए। राजू ने बच्चों को खुश देखकर बहुत अच्छा महसूस किया। वह सबको मिठास भरी मिठाई खिलाने लगा और सभी को बहुत पसंद आई।


    गांव के लोगों ने अपने मुँह में मिठास भरी मिठाई चबाते हुए खुशी और संतोष का अनुभव किया। राजू की दुकान पर लोगों की भीड़ बढ़ गई और सभी उनकी मिठाईयों की प्रशंसा करने लगे। यह नई मिठाई गांव की पहचान बन गई।


    राजू को खुद पर गर्व हुआ क्योंकि उसकी मेहनत और नए आविष्कार ने लोगों के दिलों में खुशी और सम्मान का भाव जगाया। वह जान गया कि मिठाई न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि वह लोगों की जीवन में मिठास और प्यार का संकेत भी होती है।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपनी मेहनत और नवीनता से अलग-अलग चीज़ों को एकत्रित करके कुछ नया और अद्वितीय बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हमारे प्रयास से हम दूसरों को खुशी और मदद प्रदान कर सकते हैं और उनके जीवन में मिठास भर सकते हैं।



    जादुई महेमन 

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    बच्चों की मजेदार कहानियां

    बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़की नाम लता रहती थी। उसके परिवार में बहुत कम संसाधन थे, लेकिन वह हमेशा खुश रहती थी और अपने घर की मदद करने में व्यस्त रहती थी।

    एक दिन, जब लता अपने घर में कुछ सामान संभाल रही थी, एक अनोखा मेहमान द्वारा दस्तक दी गई। जब लता ने दरवाजा खोला, तो वह देखी कि एक जादुई दरबार के राजा रंगीला और उसके परिवार के सदस्य उसके घर पर आए हुए थे।

    रंगीला राजा और उसका परिवार अत्यंत सुंदर और चमकदार थे। उनके कपड़े और गहने सोने और चांदी से बने थे। वे अपने जादुई शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए गांव के आस-पास घूमने आए थे।

    लता ने रंगीला राजा और उनके परिवार को अपने घर में स्वागत किया। वह उन्हें अपनी संघर्षपूर्ण कहानी सुनाई और अपने दिल की बातें बताई। वे बहुत खुश हुए क्योंकि उन्हें लगा कि रंगीला राजा और उनका परिवार उनकी समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।

    रंगीला राजा ने देखा कि लता बहुत मेहनती और ईमानदार है और उसके मन में सच्ची भावनाएं हैं। उसने लता को एक जादुई घड़ी दी और कहा, "यह घड़ी तुझे हर समस्या को हल करने की शक्ति देगी।"

    लता ने अद्भुतता से घड़ी को देखा और उसे धन्यवाद दिया। जैसे ही लता घड़ी को पकड़ी, वह एक चमत्कारिक शक्ति के साथ सभी समस्याओं को हल करने लगी। वह अपने परिवार की समस्याओं को सुलझाने में मदद करने लगी, अपने गांव की समस्याओं का समाधान करने लगी और उन्हें अपनी दुखभरी कहानी में खुशी देने के लिए इस्तेमाल करने लगी।

    लता की जीवन में जादुई मेहमान के आगमन के बाद सब कुछ बदल गया। वह खुश और सफल हो गई और अपनी जीवन की मिशन और उच्चताओं को प्राप्त करने का आनंद ले रही थी।

    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा ईमानदार रहना और दूसरों की मदद करना हमें चमत्कारिक रूप से फलित बना सकता है। जीवन में किसी भी समस्या का सामना करते समय, हमें अपने अन्दर की ताकत का विश्वास रखना चाहिए और दूसरों के साथ मिलकर समस्या का समाधान करना चाहिए।


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    खोया हुआ बालू 

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    एक बार की बात है, एक गांव में एक छोटा सा बच्चा नाम राहुल रहता था। राहुल बहुत खुशनुमा और मस्तिष्कशील बच्चा था। उसके पास एक अनूठा खेलने का साथ हमेशा रहता था - एक मोटा-मोटा बालू। राहुल के लिए यह बालू बहुत प्रिय और खास था।


    एक दिन, राहुल बालू के साथ खेल रहा था और बड़ी खुशी के साथ इधर-उधर दौड़ रहा था। लेकिन फिर उसने एक ट्रिक करने का निर्णय लिया। उसने बालू को एक गहरे कुएं में फेंक दिया, सोचते हुए कि वह उसे बहुत आसानी से बाहर निकाल लेगा।


    लेकिन जैसे ही बालू कुएं में गिरा, राहुल को बहुत खेद हुआ। उसने बालू को फिर से बाहर निकालने के लिए दिल से प्रार्थना की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।


    राहुल को बहुत चिंता होने लगी। वह रोने लगा और बालू को बहुत याद करने लगा। वह सोचने लगा कि क्या उसने सही किया है या नहीं। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया।


    इस दौरान, एक बूढ़ा आदमी वहां से गुजर रहा था। वह राहुल को देखा और उसकी परेशानी को समझ गया। उसने राहुल के पास आकर पूछा, "क्या हुआ, मेरे बच्चे? तुम क्यों रो रहे हो?"


    राहुल ने उसे बताया कि उसने अपने प्रिय बालू को खो दिया है और उसे वापस पाने के लिए कुछ नहीं कर सकता। उसने गहरे कुएं के बारे में भी बताया।


    बूढ़ा आदमी मुस्काने लगा और बोला, "बेटा, यदि तुम मानो और एक बार ध्यान से सुनो, तो मैं तुम्हें एक सबक सिखा सकता हूँ।"


    राहुल ने आदमी की ओर ध्यान दिया और उसने कहा, "जी हाँ, कृपया मुझे सबक दीजिए।"


    आदमी ने कहा, "यह ज़िन्दगी हमें कई बार आवाज़ देती है, पर हमें ध्यान से सुनना चाहिए। कुछ बातें हमेशा हमारे पास होती हैं, लेकिन हम उन्हें समझने के लिए अपने दिल की सुनते नहीं हैं।"


    राहुल ध्यान से सुन रहा था। आदमी ने जारी रखा, "तेरे प्रिय बालू तुझे अभी भी मिल सकता है, लेकिन तुझे अपने दिल की सुननी होगी। तू अपने दिल की और अपने अस्थायी खो चुके बालू की ओर ध्यान देख।"


    राहुल ने आदमी की सलाह मानी और ध्यान से अपने दिल की बात सुनी। उसने समझा कि बालू उसे खुद नहीं, बल्कि उसकी मित्रता को दर्शाने के लिए मिला था। उसे खुशी मिली क्योंकि वह अब जानता था कि असली मित्रता कभी नहीं खो सकती है।


    राहुल ने दिल की आवाज़ पर विश्वास किया और अपने खोये हुए बालू को ढूंढ़ने के लिए वहां से बाहर चला गया। वह कुएं के पास पहुंचा और देखा कि बालू उसकी आवाज़ सुन रहा है।


    राहुल ने बालू को निकाला और उसे गले लगाया। वह बहुत खुश हुआ क्योंकि उसे एहसास हो गया कि असली खोया हुआ चीज़ कभी उससे दूर नहीं हो सकती।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा अपने दिल की आवाज़ को सुनना चाहिए। जब हम अपने मित्रों को खो देते हैं, तो हमें उन्हें अपने अंतर्मन के साथ ढूंढ़ना चाहिए। असली मित्रता हमेशा हमारे पास होती है, बस हमें उसे ध्यान से खोजना होता है।


    चंद्रमा की यात्रा 

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    एक समय की बात है, एक छोटा सा बच्चा नाम रवि रहता था। उसके दिल में चंद्रमा के प्रति बहुत आकर्षण था। रवि हमेशा चंद्रमा को देखने के लिए उठता था और सोने के बाद भी उसकी ओर देखता रहता था।


    एक दिन, रवि के पास एक आदर्श बाला आया और उसे बताया कि चंद्रमा उसे अपने पास बुलाता है। रवि बहुत खुश हुआ और चंद्रमा की यात्रा के लिए तत्पर हो गया।


    उस रात, रवि और आदर्श बाला एक बड़े बालू के टुकड़ों को जोड़कर चंद्रमा की यात्रा के लिए तैयारी करने लगे। वे एक रोबोटिक जहाज़ बनाने के लिए अद्भुतता से काम करते रहे।


    अंत में, रवि और आदर्श बाला ने अपनी खुदाई और उद्योग भरी मेहनत के बाद चंद्रमा के राजमहल के पास पहुंचे। चंद्रमा ने उन्हें देखकर खुशी से मुस्कान दी।


    चंद्रमा ने रवि को अपने राजमहल में आमंत्रित किया और उसे अपनी यात्रा के बारे में बताया। चंद्रमा ने रवि को दिखाया कि वह कैसे रातों के आसमान में चमकता है और सभी को रोमांचित करता है।


    रवि ने खुशी के साथ चंद्रमा की यात्रा का आनंद लिया। उसे लगा कि यह उसका सबसे अद्भुत सपना पूरा हो गया है। चंद्रमा के साथ यात्रा करने के दौरान, रवि ने बहुत सारे नए दुनियाओं को देखा और अनुभव किया।


    चंद्रमा की यात्रा से लौटकर, रवि बहुत खुश और प्रभावित था। उसने अपने मित्रों को चंद्रमा की यात्रा के बारे में बताया और उन्हें अपनी अनुभवों के बारे में सुनाया। उसने उन्हें इस यात्रा का महत्व और चंद्रमा की सुंदरता का वर्णन किया।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए। रवि ने अपने उत्साह, उद्यम, और मेहनत के साथ चंद्रमा की यात्रा को संभाला और उसकी अद्भुत सौंदर्य का आनंद लिया। हमें अपने सपनों को चेस्टा करना चाहिए और नई उचाईयों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित होना चाहिए।



    हँसती हुई खरगोश 

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    बहुत समय पहले की बात है, एक खुशहाल जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था। वह बहुत हंसता और मस्ती करता रहता था। उसकी खूबसूरत आँखें और सुंदर मुख हर किसी को मोह लेते थे। खरगोश की हरकतें और उसकी हँसी जंगल को रंगीन बनाती थी।


    एक दिन, जंगल में एक बहुत बड़ा और गर्मी से पीड़ित शेर रहता था। वह तापती धूप में बहुत परेशान था और पानी की तलाश में घूम रहा था। शेर अपने बालों को पिघलाने के लिए एक पहाड़ी तक पहुंचा, जहां एक छोटा सा नदी बह रही थी। वह खुशी से झाँकी और आहरण के लिए नदी में धावा बोला।


    शेर के धावे की गरजन को सुनकर खरगोश भी उत्साहित हुआ और देखने के लिए नदी की ओर चला। जब वह नदी के किनारे पहुंचा, तो उसने देखा कि शेर अपने पूंछ को पानी में डुबा रहा है और प्यास बुझा रहा है।


    खरगोश ने उसे हंसते हुए देखा और कहा, "अरे शेर भैया, आप ऐसे कैसे पानी पीते हो? आपका चेहरा तो देखने लायक है!"


    शेर मुस्काने लगा और बोला, "धन्यवाद खरगोश! मुझे प्यास लगी थी और मैं तापती धूप में तनाव में था। लेकिन जब तुम नदी के किनारे पहुंचे, तो मेरी खुशी दोगुनी हो गई।"


    खरगोश ने कहा, "शेर भैया, आपकी हँसी देखकर मेरा मन भी बहुत खुश हुआ है। आप हमेशा हँसते रहें और खुद को खुश रखें। आपकी हंसी जंगल को और रंगीन और खुशनुमा बनाती है।"


    शेर और खरगोश की बातचीत के बाद, वे दोस्त बन गए और हर रोज़ एक साथ मस्ती करने लगे। खरगोश की हंसी और शेर की गरजन जंगल में बड़ी खुशियों का संचार करती रही।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा खुश रहना और हंसना बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी हंसी और खुशी हमें और दूसरों को भी खुश करती है। इसलिए, हमें अपने आसपास के लोगों को मुस्कान और आनंद से भरी खुशनुमा दुनिया में ले जाना चाहिए।



    दिलचस्प खिलौना 

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    एक बार की बात है, एक छोटा सा बच्चा नाम वीर रहता था। वीर एक खुशहाल और जिज्ञासु बच्चा था। उसे नए खिलौनों की तलाश रहती थी और उसके पास हमेशा कुछ दिलचस्प ढंग से खेलने का इच्छा रहता था।


    एक दिन, वीर को अपने जन्मदिन के अवसर पर एक गाँव के बाज़ार में एक दुकान में दिलचस्प खिलौना दिखा। वह उस खिलौने को देखकर बहुत उत्साहित हुआ और अपने माता-पिता को वहां ले गया।


    वीर ने दुकानदार से कहा, "कृपया यह खिलौना मुझे दें, मैं इसे अपने जन्मदिन पर चाहता हूँ।"


    दुकानदार ने उसे एक मुस्कान के साथ खिलौने को दिया और वीर बहुत खुश हुआ। वह उस खिलौने को अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए ले जाया।


    खिलौने की विशेषता थी कि जब तुम उसे घुमाते तो उसका रंग बदल जाता। यह वीर के लिए बहुत दिलचस्प था। वह और उसके दोस्त खिलौने के साथ खेलने लगे और उसके रंग को बदलते रहे।


    जब वीर और उसके दोस्त खिलौने के साथ खेल रहे थे, तो वह अपने मन के रंग को भी बदलने लगे। वह खुशी, उत्साह और प्रफुल्लित था।


    उसे यह बात समझ में आई कि खिलौने के साथ खेलने से हमारे अंदर की खुशी, खुशहाली और रंगीनता बढ़ जाती है। हमें अपने मन को संतुष्ट, उत्साहित और आनंदित रखना चाहिए।


    वीर और उसके दोस्तों ने अपने जन्मदिन को खिलौने के साथ बहुत खुशनुमा बनाया और उस दिन को एक यादगार और अनूठा बना दिया। वह समय अच्छी तरह से बिताया और आनंद से भरा रहा।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमेशा दिलचस्प और रंगीन चीज़ों के साथ समय बिताएं और खुश रहें। जीवन में खुशी और उत्साह बनाए रखना हमारे अंदर की रंगीनता को बढ़ावा देता है और हमें खुशहाल बनाता है।



    सपनों का जहाज़ 

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    बहुत समय पहले की बात है, एक छोटा सा बच्चा नाम विजय अपनी आँखों में बहुत सारे सपने लेकर रहता था। वह सपने देखने का इच्छुक था और हर रोज़ नये सपने बुनता रहता था। उसे खुद को बड़े विमानों में उड़ते हुए सपने देखते हुए ख़ुशी मिलती थी।

    एक दिन, विजय के पास एक आदर्श बुद्धिमान वृद्ध महाराज आया और उसे एक खास उपहार दिया। वह उपहार था "सपनों का जहाज़"। यह जहाज़ एक मानवीय साइज का था, लेकिन विजय को इसकी असाधारणता की अनुभूति हुई।

    महाराज ने कहा, "विजय, यह जहाज़ तेरे सपनों को सच करने का माध्यम है। इस जहाज़ में तू अपने सपनों की यात्रा करेगा और उन्हें पूरा करेगा।"

    विजय ने महाराज का आभार व्यक्त किया और खुशी से जहाज़ को देखता रहा। उसने वहां बैठकर जहाज़ के बटनों को दबाया और अपने पसंदीदा सपने की यात्रा पर निकल गया।

    विजय के जहाज़ ने उसे अनगिनत सपनों की दुनिया में ले जाया। वह अपने खुद के राज्य का महाराज बनने का सपना देखा, अपने पसंदीदा खिलाड़ी के साथ खेलने का सपना देखा, और अपने परिवार के साथ सुखी जीवन बिताने का सपना देखा।

    विजय ने उड़ते हुए सपनों के साथ खेला, गतिशील दौड़ भरी यात्राएं की, और अपने सपनों को पूरा किया। वह हर सपने की यात्रा से खुश और प्रफुल्लित होता था।

    एक दिन, जब विजय वापस लौट रहा था, वह धीरे-धीरे वापसी की तरफ बढ़ रहा था। उसे अपने परिवार, दोस्तों और अपने घर की याद आने लगी।

    विजय ने जहाज़ को वापस दिया और खुशी के साथ वापसी की। वह जहाज़ का आभार व्यक्त करते हुए अपने माता-पिता के पास जाया और उन्हें अपनी सभी सफलताओं के बारे में बताया।

    विजय को यह अनुभव हुआ कि सपनों को पूरा करने का सच्चा माध्यम वही संयम है जो हमारे अंदर होता है। हमें अपने सपनों की यात्रा पर जाने के लिए संयमित और समर्पित रहना चाहिए। जब हम अपने सपनों के पीछे भागते हैं, तो हम अनलिमिटेड संभावनाओं को प्राप्त कर सकते हैं और खुद को सच्ची सफलता का आनंद दे सकते हैं।

    विजय ने अपने सपनों के जहाज़ का स्वागत किया और जीवन में नये और रंगीन सपने बुनना जारी रखा। उसने सारे दुनिया को दिखाने का अपना वादा किया, जब वह बड़ा होगा। और उस दिन आने तक, वह अपने सपनों की यात्रा पर जारी रखेगा।



    अधभूत जंगल की कहानी 

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    बहुत समय पहले की बात है, एक छोटा सा बच्चा नाम राहुल एक अद्भुत जंगल में रहता था। यह जंगल बहुत ही रंगीन और चमत्कारिक था। इस जंगल में अनेक प्रकार के जानवर और पक्षी बसे हुए थे जो अपनी अद्भुतता के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध थे।


    एक दिन, राहुल ने जंगल के आदेशवान राजा से पूछा, "आपके जंगल में इतने अद्भुत जानवर कैसे हैं? क्या यह जंगल कोई जादू का जंगल है?"


    राजा मुस्काने लगा और बोले, "हाँ, राहुल, यह जंगल वास्तव में एक अद्भुत जंगल है। इसमें एक पुरानी कहानी है जो कहती है कि इस जंगल को जादू का जंगल माना जाता है। इसकी वजह से इसमें अनगिनत प्रकार के जानवर हैं।"


    राहुल ने करीबी दोस्त बंदर से पूछा, "क्या तुम्हें जादू के बारे में कुछ पता है?"


    बंदर मुस्काने लगा और कहा, "हाँ, राहुल। जंगल में एक जादूगर रहता है जिसका नाम मोहन है। उसकी जादूगरी से ही यह जंगल इतना अद्भुत और रंगीन बना हुआ है। उसकी वजह से जंगल के जानवर भी अद्भुत हो जाते हैं।"


    राहुल अद्भुतता से भरे हुए मन से सोचा, "मुझे मोहन का पता लगाना होगा। मैं उससे मिलकर जंगल के बारे में और जानना चाहता हूँ।"


    राहुल ने अपने दोस्त बंदर के साथ मोहन के पास जाने का निर्णय लिया। वे जंगल के गहरे हिस्से तक पहुंचे और मोहन के सामने खड़े हुए।


    मोहन ने उन्हें देखते ही मुस्कराया और बोला, "तुम दोनों ने मेरे जादू को खोज लिया। मुझे खुशी है कि तुम जंगल की अद्भुतता के बारे में जानना चाहते हो।"


    राहुल ने कहा, "मोहन, क्या तुम मुझे इस जंगल के अद्भुतता के बारे में और बता सकते हो?"


    मोहन ने अपनी जादूगरी का एक छोटा सा प्रदर्शन किया और बताया, "राहुल, यह जंगल अद्भुत है क्योंकि यह सभी जानवरों के बीच एक प्यारा संगठन है। यहां का वातावरण खुशी और एकता से भरा हुआ है।"


    राहुल ने जंगल की अद्भुतता को देखा और अनुभव किया। वह देखा कि सभी जानवर आपस में मिलजुलकर रहते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। यहां का जीवन एक संगीत की तरह था, जहां सभी साथी मिलकर संगीत बनाते थे।


    राहुल को यह सब देखकर अच्छा लगा और उसने विश्वास किया कि एकता और मिलजुलकर रहने से हम एक अद्भुत और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।


    इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि एकता और सामरिकता सबके लिए अद्भुतता और समृद्धि का स्रोत होती है। जब हम अपने साथीदारों के साथ मिलकर रहते हैं, तो हमें संगठन में खुशहाली मिलती है और हमारा जीवन अद्भुत हो जाता है।



    जादुई परी की कहानी 

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    बहुत समय पहले की बात है, एक छोटी सी लड़की नाम आदिति अपने घर के पास एक अद्भुत जंगल में रहती थी। यह जंगल एक जादुई परी की दुनिया थी, जहां चमत्कार और रंग-बिरंगे परियों का नज़ारा देखने को मिलता था।


    आदिति को बचपन से ही परियों के बारे में सुना जाता रहा है और उसे उनकी कहानियों और जादू से भरी दुनिया में जाने की इच्छा हमेशा सताती रहती थी।


    एक दिन, जब आदिति जंगल में घूम रही थी, वह एक चमकदार द्वार पर खड़ी हुई, जहां एक दिलचस्प परी उसे अपने पास बुलाने की इशारा कर रही थी। आदिति को इतना खुशी महसूस हुई कि उसने तत्परता से वहां जाने का निर्णय लिया।


    जब आदिति परी के पास पहुंची, वह उसे स्वागत करती हुई बोली, "नमस्ते, आदिति। तुम यहां आने के लिए कितनी उत्सुक हो, मुझे पता है। मैं तुम्हें मेरी जादू से भरी दुनिया में ले जाना चाहती हूँ।"


    आदिति ने खुशी से हिला दिए और पूछा, "क्या मुझे तुम्हारी जादू सी दुनिया में देखने का मौका मिलेगा?"


    परी ने निश्चित होते हुए कहा, "बिल्कुल, आदिति। तुम मेरे साथ चलो।"


    और फिर, एक जादू से भरी बादलों की चादर उनके ऊपर बिछ गई और वे एक नयी दुनिया में पहुंच गईं। वहां परियों की बारातें नच रही थीं, पुरानी दुल्हनियां गीत गा रही थीं और फूलों की महक भरी वायु में बसी थी।


    आदिति ने देखा कि परियाँ उसे अपना बहुत प्यार दे रहीं थीं और उसे दिलचस्प जादूगरी कर्मों का अनुभव करने की सुविधा दे रहीं थीं। वह भारी नदियों के किनारे घूमी, पहाड़ों की ऊचाईयों पर चढ़ी और बहुत सारी रोचक चीज़ों को देखी।


    आदिति का वक्त जादू से भरे हुए जादूगरी दुनिया में बहुत रंगीन और यादगार रहा। जब उसे जादूगरी के बारे में सब कुछ देखने का समय आया, तो परियाँ उसे अपनी जगह पर वापस ले आईं और उसे अपने घर ले जाकर छोड़ दीं।


    आदिति अपनी जादूगरी से भरी हुई यात्रा से वापस आई, लेकिन उसने अद्भुत परी दुनिया के बारे में एक यादगार अनुभव प्राप्त किया। वह खुश थी कि उसे जादूगरी की दुनिया के बारे में जानकारी मिली और उसे परियों का संगीत और आनंद महसूस हुआ। इससे उसकी जिंदगी में रंग भर गया और उसकी ख्वाहिशें नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ीं।



    बुद्धिमान उल्लू 

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    बहुत समय पहले की बात है, एक अद्भुत जंगल में एक बुद्धिमान उल्लू रहता था। वह उल्लू अपनी बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध था और सभी जानवर उसे सलाह और मार्गदर्शन के लिए ढूंढ़ते थे।


    उसे एक दिन एक बारिश के दिन एक चूहा मिला और उसने उल्लू से कहा, "बुद्धिमान उल्लू, मुझे बारिश के दिन में अपने आप को सुरक्षित कैसे रखना चाहिए?"


    उल्लू ने ध्यान से सुना और चूहे की मदद करने का निर्णय लिया। उसने कहा, "चूहे, तुम्हें एक आशय होना चाहिए जहां तुम बारिश से बच सको। एक छत या झूला ढूंढ़ो जहां तुम सुरक्षित रह सको।"


    चूहा धन्यवाद कहकर चला गया और उसने उल्लू की सलाह का पालन किया। वह अपने घर के पास एक झूला ढूंढ़ लिया और वहां बारिश से बचकर सुरक्षित रहा।


    दूसरे दिन, उल्लू ने जंगल में देखा कि एक बंदर आसानी से एक पेड़ पर चढ़ता है। उसे चिंता हुई और उसने बंदर के पास जाकर पूछा, "बंदर, तुम ऐसे ऊँची ऊँची पेड़ों पर चढ़ने का रास्ता कैसे जानते हो?"


    बंदर मुस्काने लगा और कहा, "उल्लू, मैं पेड़ों पर चढ़ने के लिए देखता हूँ कि किस पेड़ के डंठल सबसे कठिन नहीं होते हैं। फिर मैं ऐसे पेड़ पर चढ़ता हूँ जहां डंठल और शाखाएँ सबसे सुरक्षित हों।"


    उल्लू ने बंदर का धन्यवाद किया और वह उसकी सलाह का पालन करने लगा। वह डंठल की जांच करके और सुरक्षित पेड़ पर चढ़ता रहा।


    इस तरह, उल्लू ने जंगल के सभी जानवरों को अपनी बुद्धिमानी से मार्गदर्शन दिया और सभी ने उसे सम्मानित किया। उल्लू ने सबको दिखाया कि बुद्धिमानी और तजुर्बे से हम सभी कठिनाइयों को पार कर सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।


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