तो बहुत दिनो से ,मैंने अपने इस वैबसाइट पर कहानी कहानी नहीं लिखा है आज सोचा की छोटी कहानी इन हिंदी लिख ही लेता हु ये कहानी कहानी है बेवकूफ लकड़हारा की है और ये बहुत ही मज़ेदार कहानी है तो चलिये शुरू करते है अच्छी कहानिया और कहानी कहानी
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बेवकूफ लकड़हारा
सोनामपुर नाम के गांव में एक बहुत ही करोड़पति सेट करोड़ीमल रहता था। वह सारे गांव वालों से उनका अनाज खरीद और शहर में उसे महंगे दामों में बेचता था इसी तरह से हो करोड़पति बना।
उसके पास उसका एक नौकर था जिसका नाम गुप्ता था गुप्ता बहुत ही बेवकूफ था और बहुत ही ना समझा था लेकिन वह बचपन ही से करोड़ीमल के यहां काम करता था। इसीलिए करोड़ीमल उसकी नादानियां को नजर अंदाज कर देता था।
एक दिन करोड़ीमल ने बेवकूफ गुप्ता को अपने साथ सामान खरीदने के लिए शहर लेकर गया शहर से वापस लौटते लोटने वह जंगल में रास्ता भूल गए तो करौली करने गुप्ता से कहा पेड़ पर चढ़कर देखो कहीं हम रास्ता तो नहीं भूल गए हैं हमारा गांव अभी कितना दूर है यह देखो पेड़ पर चढ़कर।
बेवकूफ गुप्ता पेड़ पर चढ़ा लेकिन उसे पेड़ से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। तभी वह वहां जोर-जोर से रोने लगा यह देखकर करोड़ीमल ने कहा तुम क्यों रो रहे हो यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता ने कहा मुझे पेड़ पर चढ़ना तो आता है लेकिन पेड़ से उतरना नहीं आता यह सुनकर करोड़ीमल सर को हाथ लगाकर जमीन पर बैठ गया।
और बेवकूफ गुप्ता से कहने लगा अरे तो बुद्धू जल्दी चल रात होने वाली है और अगर यहां से डाकू गुजरे तो हमारा सारा माल ले लेंगे और हमें मार भी सकते हैं यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता ने कहा ठीक है डाकू आने दो वह हमें पेड़ से उतार देंगे तुम्हारा माल हमारी जान से ज्यादा है क्या।
थोड़ी ही देर बाद रात हो गई और सच में वहां से डाकू गुजरे तो डाकू ने वहां करौडी मल के पास बहुत सारा सामान दिखा तो उसे लूट लिया। और बेवकूफ गुप्ता को भी पेड़ से उतार दिया।
अब करोड़ीमल खाली हाथ अपने गांव लौट गया बेवकूफ गुप्ता के साथ और गुप्ता से कहने लगा अब तुम अगली बार से मेरे साथ शहर नहीं आओगे सामान खरीदने के लिए बल्कि मैं अकेला ही जाया करूंगा।
करौली माल अगले दिन से शहर खुद जाने लगा और बेवकूफ गुप्ता को अपनी दुकान पर बैठने लगा जब एक दिन बेवकूफ गुप्ता दुकान पर बैठा था तभी एक ज्ञानी बाबा वहां आए और बेवकूफ गुप्ता से कहा मुझे भूख लगी है खाने को कुछ दो इस पर गुप्ता ने कहा के मैं तुम्हें क्यों खाने को दूं तुमने क्या आया पहले से खाना लाकर रखा था और यह कहकर गुप्ता बाबा को वहां से भेज देता है।
बाबा वहां से नाराज होकर चले जाते हैं। अगले दिन जब करोड़ीमल अपना हिसाब किताब कर रहा था तभी उसके चश्मा के कांच पर धूल जम गई तभी करोड़ीमल्ल ने गुप्ता से कहा मेरा चश्मा थोड़ा पूछ कर ला कर दो अच्छे से चमक दो यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता चश्मा चमकाने का तरीका ढूंढने लगा तभी पड़ोस की दो औरतें बातें करने लगी कि चूल्हे की राख से मेरे बर्तन अच्छी तरह से चमक गए।
फिर क्या था बेवकूफ गुप्ता ने चूल्हे की रखली और करोड़ीमल का चश्मा पूछने लगा इसकी वजह से चश्मे पर स्क्रैच आ गए और करोड़ी माने यह देखकर बहुत ही गुस्सा किया और बेवकूफ गुप्ता को नौकरी से निकाल दिया।
नौकरी से निकलने के बाद बेवकूफ गुप्ता नौकरी ढूंढने लगा लेकिन उसकी बेवकूफी की वजह से कोई भी उसे नौकरी देने से इनकार ही करता रहा आखिर में उसने सोचा कि मुझे अब अपना काम करना चाहिए तभी उसने सोचा कि मैं लकड़ियां काट कर बाजार में बेच कर आऊंगा और इसे मैं पैसे कमा लूंगा इससे मुझे किसी की नौकरी भी नहीं करनी पड़ेगी और किसी की बातें भी नहीं सुनाई पड़ेगी।
फिर वह लकड़ियां काटने के लिए जंगल में गया और पूरा दिन काम करने के बाद वह थोड़ी ही लड़कियां काटने लगा और उसने लकड़ी को बाजार में जाकर बेचा जिससे उसके घर में दो वक्त का खाना बन गया।
अगले दिन उसने सोचा कि क्यों ना मैं एक बहुत ही बड़ी डाल काटू पेड़ की जिससे मुझे अच्छी खासी आमदनी हो जाएंगी ये सोच कर वो जंगल के एक ऊंचे पेड़ की डाल पर बैठ गया और उसे काटने लगा।
लेकिन वो पेड़ की जिस डाल पर बैठा था उसी को ही काटने लगा । वही से वो साधु बाबा गुज़र रहे थे। साधु बाबा ने बेवकूफ गुप्ता से कहा " अरे ओ मूर्ख जिस डाल पर बैठा है उसी को ही काट रहा है, अब तो तू जमीन पर धड़ाम से गिरने वाला है "
साधु बाबा का ये कहेना था की डाल के कटते ही गुप्ता सचमे पेड़ से डाल समेत गिर गया, अब ये तो था ही बेवकूफ वो बड़े ही आश्चर्य से कहेने लागा आप तो ज्ञानी बाबा आपने कहा मुझे नीचे गिर जाऊंगा और मैं सच में नीचे गिर गया और जल्दी से जाकर ज्ञानी बाबा उसे साधु के पैर पड़ने लगा।
यह देखकर वह साधु बाबा समझ गए कि इसी ने मुझे खाना देने से मना किया था और यह तो बहुत ही बुद्धू लग रहा है और यह देखकर ज्ञानी बाबा ने कहा मैं तुम्हारा आगे पीछे सभी का भविष्य बता सकता हूं और मैं यह देख रहा हूं कि तुम कुछ ही दिनों में मरने वाले हो।
यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता ने कहा साधु महाराज यह क्या कर रहे हो महाराज ने कहा तुम कुछ ही दिनों में करने वाले हो और यमराज तुम्हारा हाथ पकड़ कर लेकर जाएंगे यह सुनकर गुप्ता बहुत ही डर गया और कहने लगा कृपया करके मुझे इससे छुटकारा दिलाइए यह सुनकर महाराज ने कहा लेकिन मैं कोई भी काम ऐसे नहीं करता मुझे इसके बदले दक्षण चाहिए यह सुनकर गुप्ता ने अपनी जेब में हाथ डाला और जब को टटोलने के बाद उसे ₹1 मिला बेवकूफ गुप्ता ने कहा महाराज मेरे पास ₹1 है यह ले लो और मेरी जान बचा लो।
साधु बाबा ने हंसते हुए बेवकूफ गुप्ता के ₹1 लिए और उसे एक काला धागा दिया और कहां इसे अपने पैर में बांध लो जब तक यह धागा तुम्हारे पैर में बंधा रहेगा तुम सुंदर होंगे और जब यह धागा टूट तो समझो तुम मर गए और यमराज तुम्हारा हाथ पकड़ कर ले जाएंगे।
सुबह होती है और बेवकूफ गुप्ता नींद से जगाता है तो देखा है कि काला धागा टूट गया है और वह जोर-जोर से रोने लगता है और कहता है मैं तो मर गया मैं तो मर गया उसकी बीवी कहती है तुम तो जिंदा हो लेकिन बेवकूफ गुप्ता कहता है नहीं मुझे ज्ञानी बाबा ने कहा था कि जब यह धागा टूट जाएगा तो मैं मर जाऊंगा और यमराज मेरा हाथ पकड़ कर ले जाएंगे अब शायद यमराज आने वाले हैं।
यह देखकर उसकी बीवी समझ गई मुझे समझाने से कोई फायदा नहीं है अब तो करोड़ीमल सेट को ही बुलाना पड़ेगा वह भागते भागते करोड़ीमल सेठ के पास गई और कहां की ऐसी बात है करोड़ीमल भले ही बेवकूफ गुप्ता से तंग आ गए हो लेकिन वह बचपन से ही उनके पास था इसलिए उन्हें उसे पर दया गई और वह उसे समझाने के लिए उसके घर चले गए।
जैसे ही करोड़ीमल उसके घर पहुंचे बेवकूफ गुप्ता ने कहा सेठ जी मैं तो मर गया हूं यह सुनकर उसकी बीवी और भी रोने लगी करोड़ी करने का लेकिन तुम तो जिंदा हो यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता ने कहा नहीं मुझे ज्ञानी बाबा ने कहा था अगर मेरे पैरों का यह काला धागा टूट गया तो मैं मर जाऊंगा और यमराज मेरा हाथ पकड़ कर ले जाएंगे।
यह सुनकर करोड़ीमल ने कहा तो ठीक है काला धागा ही टूटा है ना तो जब तक तुम एक काम करो यह गाय के गले की काली रस्सी बांध लो यमराज को पता ही नहीं चलेगा कि तुमने दूसरे रसी बनी है और कल रस से देखकर यमराज खाली हाथ वापस चले जाएंगे।
यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता कहने लगा लेकिन वह मुझे तो छोड़ जाएंगे लेकिन मेरी गाय को तो ले जाएंगे क्योंकि उसके खाली रस्सी तो मैं पहन लूंगा यह सुनकर करोड़ीमल कहते हैं नहीं नही वह गाय को नहीं ले जाएंगे क्योंकि तुम्हें तो बाबा ने कहा था ना कि वह हाथ पकड़ कर ले जाएंगे लेकिन तुम्हारे गाय की तो हाथ ही नहीं है तो फिर वह कैसे गाय को ले जा सकेंगे।
यह सुनकर बेवकूफ गुप्ता कहेनी लगा यह तो सही बात है इससे मेरी भी जान बन जाएंगे और मेरे गाय के भी जान बच जाएंगी यह कहते हैं करोड़ीमल ने गाय के गले से काली रस्सी निकाली और बेवकूफ गुप्ता के गले में पहेना दी और ऐसे ही उसे अपने हवेली पर ले गए।
और रास्ते से ये नज़ारा देख कर सभी लोग हंसने लगे और समझ गए की ये सभी बेवकूफ गुप्ता के बेवकूफी का हो नतीजा होंगा।
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