आमलेट वाली गरीब चुड़ैल ( मजेदार भूत की कहानी )
लखन नाम का एक आदमी ढाबे पर काम किया करता था और रोजाना ढाबे पर बहुत मेहनत से खाना बना था और लोगों को खिलाता था लेकिन वह इतना दिन भर कमाने के बाद भी अपने घर की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता था एक बार जब बोल ढाबे पर काम कर कर अपने घर जाता है ।
तो लखन की बीवी उससे कहती है कि तुम दिन भर ढाबे में इतनी मेहनत का काम करते हो लेकिन फिर भी थोड़ी ही पैसा कमा पाते हो यह सुनकर लखन कहता है हां तो मैं क्या करूं मैं जितने पैसे कमा सकता हूं इतना तो काम आता हूं ना और यह कहकर वह सो जाता है।
दूसरे दिन जब लखन ढाबे पर जाता है तो देखता है क्या ढाबे पर आग लग गई है और पूरा ढाबा जलकर राख हो गया है यह बात अपनी बीवी को बताता है तो उसकी बीवी कहती है हाय हाय यह क्या हो गया हमारा घर का खर्च कैसे भी चल जाता था ढाबे के भरोसे लेकिन अब हमारा क्या होगा।
यह सुनकर लखन कहता है कि इतना क्यों रो रही हो मैं कोई दूसरा काम ढूंढ लूंगा पर यह कहकर लखन काम ढूंढने चला जाता है पूरा एक हफ्ता हो जाता है लेकिन लखन को कोई दूसरा काम नहीं मिलता उसके बाद उसकी बीवी कहती है कि 1 हफ्ते से तुम्हें कोई काम नहीं मिला यह सुनकर लग्न करता है कि आज जाता हूं और आज कहीं से भी काम ढूंढ कर ही लाता हूं।
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लखन की बीवी से लखन की बेटी कहती है कि मां मुझे आज आमलेट खाना है आप बहुत ही स्वादिष्ट आमलेट बनाते हो रोज रोज दाल खाकर मैं बोर हो गई हूं यह सुनकर लखन की बीवी दिल की दिल सोचती है कि मेरे पास तो कुछ ही पैसे हैं यह सोचकर वह कहती है ठीक है बेटी मैं तुम्हें आज आमलेट खिलाऊंगी।
वह दुकान जाती है और दो अंडे खरीद कर लाती है और उसकी बेटी को आमलेट खिलाती है इतने में लखन वहां जाता है और कहता है आज तो किचन से बहुत ही स्वादिष्ट खुशबू आ रही है यह सुनकर उसकी बीवी कहती है हां मैंने आमलेट बनाया है क्या तुम खाओगे लखन कहता है हां मैं आमलेट खा लूंगा।
लखन भी खुशी-खुशी वह आमलेट खाते हैं लेकिन उसकी बीवी कहती है यह क्या तुम्हें आज भी काम नहीं मिला यह सुनकर लखन कहता है हां मुझे आज भी काम नहीं मिला इतने में उसकी बेटी कहती है कि मां तुम इतना अच्छा आमलेट बनाती हो तुम आमलेट का ठेला क्यों नहीं लगाती यह सुझाव लखन की बीवी को बहुत अच्छा लगता है।bhut ki kahani
लेकिन लखन कहता है नहीं नहीं हमारे आस पड़ोस के लोग ब्राह्मण हैं उन्हें अंडा नहीं चलते हैं यह सुनकर उसकी बीवी कहती है हां अभी हमारे पास पैसे नहीं है तो क्या वह हमें पैसे लाकर दे रहे हैं हम तो ठेला लगाएंगे और उससे हमारी घर का खर्च निकल जाएगा और यह कहकर उसकी बीवी अपने फ्रेंड से कहती है कि आमलेट बनाने का मुझे सामान ला कर दो।
दूसरे दिन लखन की बीवी आमलेट का ठेला लगाती है और धीरे-धीरे पढ़कर बहुत लोग वहां आमलेट खाने आते हैं लेकिन उसके पड़ोस में रहने वाली एक बुढ़िया जो भ्रमण थी उसके पास आती है और बढ़ेगी गुस्से से उससे कहती है यह तुमने क्या कर दिया हम ब्राह्मणों के मोहल्ले में तुम आमलेट का ठेला लगा रही हो जल्दी से इस आमलेट के ठेले को बंद कर दो।bhut ki kahani
यह सुनकर लखन की बीवी कहती है कि अब तो आमलेट का ठेला यही लगेगा तुम से जो होता है वह तुम कर लो यह सुनकर उस बूढ़ी औरत को बहुत गुस्सा आ जाता है और वह कहती है कि मैं तो तुम्हें अच्छी तरह सबक सिखाऊंगी।
पूरा एक महीना बीत जाता है और लखन की बीवी आमलेट का ठेला लगाती है और उनकी अच्छी आमदनी हो जाती है लेकिन वह बुढ़िया उसका बहुत गुस्सा करती है एक दिन जब लखन की बीवी आमलेट का सामान लेने के लिए बाजार जा रही होती है तो वह बुढ़िया पीछे से आकर उसे नाले में फेंक देती है नाले में धक्का देने के बाद लखन की बीवी मर जाती है और भूत बन जाती है।
जैसे ही लखन को पता चलता है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है और वह बहुत रोता है लेकिन लखन की बीवी भूत बनने के बाद अपने घर जाती है और अपनी बेटी को रोते हुए देख कर बहुत दुखी होती है फिर वह अपनी छोटी बहन के घर जाती है और कहती है कि बहन मुझसे डरो मत मैं तुम्हारी बड़ी बहन हूं मैं भूत बन गई हूं लेकिन मुझे तुम्हारे सिवा कोई नहीं देख सकता।
उसकी बहन कहती है कि मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकती हो लखन की भूत बीवी उसकी बहन से कहती है कि मुझे तुम्हारे शरीर में जगा दो मैं दोबारा आमलेट कटैला लगाऊंगी और अपने परिवार को पालूंगी यह सुनकर उसकी बहन मान जाती है और लखन की भूत भी उसके बहन की शरीर में गुजरती है और आमलेट धंधा दोबारा से करने लगती है।bhut ki kahani
दोबारा उसकी बहन को आमलेट बेस्ट देखकर बुढ़िया और नाराज हो जाती है और उससे कहती है कि आमलेट का ठेला बंद कर दो यह सुनकर वह नहीं मानती तो बुढ़िया सोचती है मैं इसे भी नाले में ढकेल कर मार दूंगी जब वह बाजार जाती है तो बुढ़िया उसके पीछे जाती है यह देखकर लखन की भूत बीवी भी वहां मौजूद होती है और वह अपने पति से पुलिस मंगाती है।
जैसी ही बुढ़िया उसकी बहन को भी नाले में धक्का दे देती है उतने में पुलिस आ जाती है और उसकी बहन को नाले से निकाल लेती है और लखन की भूत बीवी सबके सामने आ जाती है और कहती है मुझे भी इस बुढ़िया ने ऐसे ही धक्का देकर मार दिया ।
मैं चाहती तो इससे पहले ही मार देती थी लेकिन मुझे इससे इंसाफ नहीं मिलता इसलिए मैं चाहती हूं कि कानून इसे सजा दे पुलिस गुड़िया को जेल में बंद कर देता है और लखन की भूत बीवी को शांति मिल जाती है।bhut ki kahani
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