पापड़ वाले की सफलता | आज की नई कहानी | new kahaniyan

 पापड़ वाले की सफलता | आज की नई कहानी 

पापड़ वाले की सफलता | आज की नई कहानी | new kahaniyan

आज की नई कहानी मे हम आपके लिए लाये है  new kahaniyan वो भी 2023 की बिलकुल नयी कहानिया क्यूंकी इसी तरह की 2023 की नयी मज़ेदार और बच्चो की कहानिया पढ़ना सभी को अच्छा लगता है न इसलिए आज चलो सब मिल कर पढ़ते है आज की नई कहानी new kahaniyan


जनकपुर धाम के गांव में एक आदमी रहता था वह आदमी बहुत गरीब था उसका नाम परिचय था विजय बहुत ही मेहनती किस्म का आदमी था लेकिन फिर भी इतनी मेहनत करने के बाद भी अपने घर वालों के लिए अच्छा खासा कमा नहीं पाता था।


रोजाना खेत में मजदूरी करता बोझे उठाता लेकिन इसके बावजूद भी वह अपने घर वालों का पूरी तरह नहीं भर पाता था।


एक बार की बात है जब भी चाय गांव में गया तो उसने देखा कि उसके पड़ोस के एक आदमी ने नई कार ली है नहीं कार देकर विजय की बीवी भी विजय को कहने लगी कि हम भी एक नई कार लेते हैं यह सुनकर विजय पहने लगा हमारे तो अभी खाने के मसले है और तुम्हें कार की पड़ी है यह सुनने के बाद विजय की बीवी से नाराज हो गई।


और उसके बाद विजय के पड़ोस में रहने वाला आदमी आया उसे कहने लगा की विजय भाई मैं आज नई कर ली है यह लो मुंह मीठा करो और विजय को पकड़े देता है विजय पेड खाता है और कहता है कि बहुत-बहुत मुबारक हो तुम्हें नई कार के लिए।


और वह आदमी वहां से चला जाता है विजय भी सोचता है मैं भी तो बहुत मेहनत करता हूं लेकिन मेरे पास ज्यादा पैसे क्यों नहीं आते यह बात वह सोचता ही रहता है कि उसकी बीवी अपने में कहती है कि तुम मजदूरी करते हो इसीलिए तुम अभी तक गरीब की गरीबी हो लेकिन विजय खुद का बिजनेस करता है।


यह सुनकर विजय कहता है कौन सा बिजनेस वह तो गली-गली गांव-गांव जाकर आलू पपोंगे बेचता है।


विजय की बीवी रहती है हां हां भले ही वह आलू पोंगे बेचता है लेकिन वह अपना खुद का बिजनेस करता है।


और तुम्हें पता है बिजनेस करने के कितने फायदे हैं अगर तुम मजदूरी करते हो तो तुम्हें पता है कि रोजाना तुम्हें ₹100 ही मिलेंगे लेकिन अगर तुम बिजनेस करते हो तो तुम्हें रोजाना ₹50 भी मिल सकते हैं ₹100 भी मिल सकते हैं और ₹500 भी मिल सकते हैं यही बिजनेस की सच्चाई है।


और इसीलिए तो मैं तुम्हें बार-बार कह रही थी कि कोई बिजनेस करो कोई बिजनेस करो यह सुनकर विजय कहता है हां लेकिन हमारे पास इतने पैसे थोड़ी ना है कि हम बिज़नेस खड़ा कर सके और उसमें तो नफा नुकसान भी होता है वह हम कैसे बर्दाश्त करेंगे।


यह सुनकर विजय की पत्नी रहती है हां हां यही सोच सोच कर तो तुम अभी तक गरीबों के गरीब ही हो और इतनी मेहनत करने के बाद भी अपने घर वालों की ज़रूरतें पूरी नहीं कर सकते अगर तुमने इतनी मेहनत अपने बिजनेस में की होती तो आज तुम भी एक नई कर खरीद पाए और हमें उसे कर में नई-नई जगह घूम पाते।


यह सुनकर विजय बहुत ही दुखी हो जाता है और रात में बिना खाना खाए ही सो जाते हैं लेकिन सुबह जब जाता है तो अपनी बीवी से कहता है मुझे माफ कर दो मुझे तुम्हारी बात माननी चाहिए थी और मुझे पहले ही बिजनेस शुरू कर देना चाहिए था लेकिन अब वह अपनी बीवी से कहते हैं कि आप मुझे कौन सा बिजनेस करना चाहिए।


विजय की बीवी पढ़ी-लिखी होती है इसीलिए उस बिजनेस का अच्छा हादसा नॉलेज होता है वह वजह से पीती है हमें अभी कोई ऐसा बिजनेस करना चाहिए जिसमें हमारी इन्वेस्टमेंट कम हो और प्रॉफिट सदा यह सुनकर विजय कहता है लेकिन ऐसा कौन सा बिजनेस है यह सुनकर उसकी बीवी कहती है इसके बारे में हमें थोड़ा सा जांच ना होगा थोड़ा सोचा होगा और इसके लिए हमें दो दिन तो जरूर लगेंगे यह सुनकर विजय कहता है ठीक है तुम भी सोच और मैं भी सोचता हूं कि हम कौन सा बिजनेस कर सकते हैं।


दोपहर का वक्त था और पड़ोस की रहने वाली अम्मा विजय के घर आती है और कहती है हमारे घर पर मेहमान आए हैं और शहर जाने के लिए मेरे पास कोई आदमी नहीं है क्या तुम अपनी बीवी से कहकर पापड़ तलवा सकते हो क्योंकि उसके बनाए हुए पापड़ उसके तले हुए पापड़ बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं और सभी को पसंद आती है पिछली बार हमारे यहां मेहमान आए थे उन्होंने वह पापड़ खाए थे और अभी उन्हें वही पापड़ चाहिए तुझे तुम अपनी बीवी से कह सकते हो वह कपड़ा टालने के लिए वह बहुत ही स्वादिष्ट पापड़ तल सकती है।


विजय कहता है हां हां क्यों नहीं और यह कहकर विजय अपनी बीवी को पापड़ टलने के लिए कहता है विजय की बीवी भी पापड़ चलती है और बूढ़ी अम्मा को दे देती है ओड़िया मां अपने मेहमानों को वह पापड़ खिला देती है।


और शाम को बूढ़ी अम्मा विजय के घर आती है और विजय से कहती है कि यह लोग दूसरों पर मुझे करता है कि किस चीज के ₹20 तो बूढ़ी अम्मा करती है तुम्हारी बीवी ने जो पापड़ पहले थी उसके ₹20 अगर मैं बाजार से लाती तो भी मुझे पैसे देने पड़ते तो यह पैसे तुम रख लो।


विजय ये पैसे अपनी बीवी को देता है और कहेता है ये लो बूढ़ी अम्मा ने तुम्हे पापड़ तलने की ₹20 दिए हैं पैसे देखकर विजय की बीवी बहुत खुश हो जाती है और वजह से कहती है यह तो एक अच्छा आईडिया है हम पापड़ बेच कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।


विजय कहता है अरे हां यह आईडिया हमारे दिमाग में क्यों नहीं आया दूसरे दिन विजय की बीवी अपने हाथों से पापड़ डालती है और उसे तलकर विजय को बेचने के लिए देती है विजय गांव गांव जाकर पापड़ भेजता है और उसकी अच्छी खासी कमाई हो जाती है अब रोजाना विजय इसी तरह पापड़ बेचने हर गांव हर मोहल्ले हर चौराहे पर जाता है।


कुछ दिनों के बाद विजय की बीवी कहती है अब तुम गांव-गांव पापड़ बेचने मत जाओ बल्कि हमारे यहां जो रेलवे स्टेशन है वहां पर एक छोटी सी दुकान लगा लो विजय वैसे ही पड़ता है रेलवे स्टेशन पर छोटी सी दुकान लगाता है।


अब तो विजय का बिजनेस 2 गुना बढ़ जाता है और विजय रोज के ₹1000 कमाने लग जाता है। अब विजय अपनी दुकान आसपास के गांव में भी लगाने लगता है और बल्कि अपने दुकानों के अलग-अलग ब्रांच बस डिपो रेलवे स्टेशन पर खोल देता है इस तरह विजय का धंधा बहुत बढ़ जाता है और वह एक अच्छा बिजनेसमैन बन जाता है और खुशी-खुशी रहीने लगता है।


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