आम खाने वाली चुड़ैल ( मजेदार भूत की कहानी )
भनकपुर नाम के गांव में बहुत सारे आम के पेड़ थे और सारे ही आम के पेड़ों पर मीठे और स्वादिष्ट आम लगा करते थे वहीं पर ही नदी के किनारे एक बहुत बड़ा झाड़ था जिस पर बहुत ही स्वादिष्ट स्वादिष्ट आम लगा करते थे।
लेकिन उस पेड़ पर एक चुड़ैल रहती थी जो सर्दियों में ही आम आने का इंतजार किया करती थी एक बार जब सर्दियों खत्म हो गई और गर्मियां लगने लगी तभी पेड़ पर
अरे वाह अब तो इस पेड़ पर आम के लगे हैं अब तो मुझे रोज आम खाने को मिलने वाले हैं धीरे-धीरे वक्त गुजरता है और पेड़ पर आम उगने लगते हैं अब गर्मियां भी शुरू हो गई थी और पेड़ पर मीठे-मीठे आओगे और चुड़ैल वह आम खाने में लगी उसे वह आम बहुत स्वादिष्ट लगते थे।
वह पेड़ नदी के किनारे था इसीलिए गांव वाले वहां आए और कहने लगे इस पेड़ से हमें बहुत तकलीफ हो रही है इसलिए इसे काटना होगा यह सुनकर तो चुड़ैल दंग ही रह गई लेकिन देखते ही देखते गांव वालों ने वह पेड़ काट दिया पर वह पेड़ जाकर नदी में गिर गया चुड़ैल भी उस पेड़ के साथ ही नदी में गिर गई।bacchon ki bhoot ki kahani
बेचारी चुड़ैल को बहुत दुख हुआ क्योंकि अब उसका घर भी चला गया था और उसे अब मीठे मीठे आम भी खाने को नहीं मिलेंगे यह सोचकर वह बहुत ही रोने लगी लेकिन थोड़ी देर के बाद उससे बहुत भूख लगने लगी और वह आम खाने की तलाश में इधर-उधर घूमने लगी।
तभी उसे रास्ते में एक आदमी आम ले जाता हुआ दिखाई दिया तभी वह उस आदमी का पीछा करती रही वह आदमी ने आम किचन में रखा और अपने बच्चों को बुलाने के लिए गया
लेकिन उतनी ही देर में चुड़ैल आई और सारे आम खाली यहां तक की गुठलियों को भी उसने इतना सा भी गुर्दा नहीं लगने दिया और पूरा आम सफाचट करके वहां से चली गई।
यह देखकर वह आदमी दंग रह गया कि इतने सारे आम किस किसी ने खाया है और वह कुछ नहीं कर पाया धीरे-धीरे चुड़ैल ऐसे ही करती गई वह सभी के घरों में जाति और आप चुरा चुरा कर खाती थी पूरे गांव के लोग इस बात से बहुत परेशान हो गए थे कि आखिरकार उनके आम कौन खा रहा है वह भी इतनी सफाई से की गुठली पर इतना सभी गुदा नहीं लगा होता है।
आखिरकार सब गांव वालों ने मिलकर एक उपाय निकाला और उन्होंने एक घर की छत पर एक टोकरी भर कर आम रखें और उसके नीचे जाल बिछा दिया।
अब चुड़ैल आमों को देखती हुई घूम रही थी कि तभी उसे एक छत पर टोकरी भर कर आम दिखाई दिए उस आम को देख कर उसके मुंह में पानी आ गया लो जल्दी से हम खाने के लिए वह आ गई लेकिन उसे क्या पता था कि गांव वालों ने वहां जाल बिछा कर रखा है।
चुड़ैल आराम से वहां बैठे और आम खाने लगी जैसे ही उसने कुछ आम खाए वह जाल उठ गया और चुड़ैल उसमें फंस गई और सारे गांव वाले वहां जमा हो गए उसमें से सभी कहने लगे तुम ही थी जो मेरे आम खा रही थी जो हमारे आम खा रही थी इतना हमें परेशान कर रही थी यह सुनकर चुड़ैल कहने लगी।bacchon ki bhoot ki kahani
मैं तुम्हें परेशान कर रही हूं लेकिन मैं सालों से ही तुम्हारे गांव में रही रही हूं अभी तक मैंने परेशान क्यों नहीं किया क्योंकि मैं अपने ही पेड़ पर रहकर उस पेड़ के आम खाया करती थी लेकिन अभी तुमने वह पेड़ काट दिया इसलिए मैं तुम्हारे घर पर आकर तुम्हें तंग करती हूं और तुम्हारे आम खाती हूं।
यह सुनकर गांव वाले अपनी गलती का एहसास करने लगे और कहा ठीक है यह गलती हमारी है इसमें से एक बूढ़ा आदमी कहने लगा गांव के पीछे मेरा एक खेत है उसके अंदर एक आम का पेड़ है जिस पर मीठे मीठे आम लगे हैं तुम चाहो तो वहां पर रह सकती हो और तुम्हें वहां मीठे रसीले आम भी खाने को मिलेंगे।bacchon ki bhoot ki kahani
लेकिन इसके बदले में तुम्हें हमसे वादा करना पड़ेगा कि तुम गांव में कभी नहीं आऊंगी और किसी के घर के आम नहीं खाऊंगी यह शर्त चुड़ैल ने मंजूर कर ली और गांव के बाहर के खेत में जाकर उस पेड़ पर रहने लगी परिवार के काम करने लगी।
अब गांव वाले बगैर किसी परेशानी के मीठे और रसीले आम खाने लगे और अब कोई भी उनके आम चुराने वाला नहीं था क्योंकि चुड़ैल दो गांव के बाहर थी।
आम चुराने वाली चुड़ैल ( मजेदार भूत की कहानी )
ढोलकपुर नाम के गांव में एक बहुत ही स्वादिष्ट आम का बगीचा था उसे बगीचे का मालिक बाग में ही एक छोटी सी दुकान लगाकर आम बेचा करता था।
उसे बगीचे के आप इतने मीठे थे कि दूर-दूर से लोग वहां आम खाने आया करते थे एक दिन उसी गांव के लोग वहां आम खाने आए और आम खाता-खाता कैसे लगे सच में हमारे गांव के यह आप बहुत मीठे हैं इसलिए सारे गांव के लोग इस बात की चर्चा करते हैं।
धीरे-धीरे यह बात पूरे गांव में फैलने लगी तभी दो औरते एक पेड़ के नीचे बैठकर यह बात करने लगी कि सच में धीरु भैया के बगीचे की आप बहुत ही स्वादिष्ट है बहुत ही मीठी है एक बार जो भी खाता है बार-बार खाने लगता है।
उसे पेड़ पर एक चुड़ैल थी जो फलों के खाने की बहुत शौकीन थी उसने भी यह औरतों की बातें सुन ली और कहने लगी मैंने तो सोचा भी नहीं था कि इस गांव में आम का बगीचा भी है और इतने मीठे आम है अब तो मैं वह आम खाकर ही रहूंगी।
रात होती है वह आम के बगीचे में चली जाती है लेकिन वहां जाते ही उसे पर कुछ कुत्ते भोंकने लगते हैं चुड़ैल रहती है कि आम के बगीची के मालिक ने यहां कुत्ते छोड़ रखे हैं लेकिन उसने अपने जादू से वह कुत्तों को हाथ से भगा दिया और एक आम के पेड़ पर बैठकर आम खाने लगी और कैसे लगी सच में यह आम तो बहुत ही बैठे और स्वादिष्ट है।
अब चुड़ैल ऐसे ही करने लगी रोजाना रात में आती और मीठे मीठे आम खा कर चले जाती एक दिन जब बाग का मालिक बाग का दौरा कर रहा था।
तभी उसे बहुत सारे आम के छिलके वहां पड़े दिखाई दिए तभी वह समझ गया कि कोई ना कोई उसके भाग से हम चुरा कर खा रहा है फिर उसने सोचा कि चलो यहां पर एक चौकीदार लगा देते हैं फिर उसने एक बूढ़े चौकीदार को रखवाली करने के लिए वहां पर तैनात कर दिया।
लेकिन वह चौकीदार शराबी था रात होती है वह शराब पीता था और रखवाली करता था रखवाली करते-करते उसे चुड़ैल दिख गई जो पेड़ पर बैठकर आम खा रही थी उसने चुड़ैल से कहा कि तुम यहां से चले जाओ चुड़ैल ने नहीं माना तो उसे शराबी चौकीदार ने डंडे से चुड़ैल को मारना शुरू कर दिया चूड़े ने अपने जादू से उसे एक ही इसमें पटक दिया और उसकी कमर पर बहुत चोट आई और वह वहीं पर सो गया।
दूसरे दिन जब बाग का मालिक और कुछ लोग वहां आए तो शराबी चौकीदार ने कहा कि मैं कल रात चुड़ैल देखी है जो आम खा रही थी यह सुनकर गांव के लोग कहने लगे तू तो शराबी है शराब पीकर चौकीदारी कर रहा है यह सब तूने नशे में किया है चले जा यहां से अब तेरी हर कोई जरूरत नहीं बाग का मालिक चौकीदार को बाहर से निकाल देता है।
दूसरे दिन बाग के मालिक को नींद नहीं आती क्योंकि उसे यह चिंता खाई जाती है कि उसके बाग के आम कौन खा रहा है। फिर वह रात गई खुद ही अपने बाग में जाता है और देखता है कि कौन आम खा रहा है तभी उसे खाने की आवाज सुनाई देती है और उसे चुड़ैल दिखाई देती है पहले तो वह डर जाता है लेकिन बाद में कहता है की चुड़ैल यह मेरा बाग है यहां से चले जाओ वरना मैं तुम्हें पुलिस के हवाले कर दूंगा।
यह सुनकर चुड़ैल हंसने लगती है और उसे एक पेड़ से बांध देती है अगले दिन गांव वाले जब बाग में आते हैं तो बाग के मालिक को वहां बना पाते हैं।
लेकिन उसे जैसे ही खोलते हैं उन्हें कारण लगता है जल्दी से गांव के लोग एक बाबा के पास जाते हैं और उनसे कहते हैं यह सब बातें बाबा उन्हे एक सेब देते हैं और कहते हैं यह उस चुड़ैल को खिला दो इससे उसका जादू टूट जाएगा और वह वहां से भाग जाएंगी।
गांव के लोगों में से बालू वहां जाता है और चुड़ैल से कहता है कि तुम यहां से चले जाओ चुड़ैल रहती है चले जाओ यहां से नहीं तो मैं तुम्हें भी पेड़ से बांध दूंगी बालू कहता है ठीक है मैं चल जाता हूं लेकिन मैं यह दुनिया का सबसे मीठा सेब खा कर जाता हो यह सुनकर चुड़ैल रहती है यह दुनिया का मीठा से है तो मैं ही खाऊंगी और वह जल्दी से उसके हाथ से लेकर सब खा लेती है सब खाते ही वह गायब होने लगती है और उसका जादू भी टूट जाता है और बाघ वाला मालिक भी और रस्सी से खुल जाता है।
और उसके बाद चुड़ैल कभी उसे बाग में नहीं आती और बाघ वाला हंसी-खुशी अपने आम बेचता है और खूब सारे पैसे कमाता है।
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1 Comments
oh wow
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