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अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी | full akbar birbal short stories in hindi | अकबर बीरबल की छोटी कहानी

आज की इस अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी मे हम सभी पढ़ने वाले है 10+ अकबर बीरबल की छोटी कहानी क्यूंकी इसी तरह की full akbar birbal short stories in hindi पढ्न बच्चो को बहुत अच्छा लगता है । 

अकबर बीरबल  की कहानिया बहुत ही फेमस  है  खास तौर से बीरबल की चतुराई के किस्से और उसके मज़ेदार चुट्कुले लोगो के दिलो को लुभा जाते है इसी लिए अकबर बीरबल की कहानिया पढ़ना लोगो को बहुत अच्छा लगता है । 

तो चलिये बिना किसी देरी के आज हम पढ़ते है अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी और पूरे मज़ेदार और 2023 की बिलकुल नए तरीके से लिखी हुई  अकबर बीरबल की छोटी कहानी


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अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी

 अकबर बीरबल की छोटी कहानी

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     अकबर बीरबल की छोटी कहानी

    टेढ़ा सवाल

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    अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी

    एक दिन बादशाह अकबर को अपने राज्य के जंगल का दौरा करने का मूड हुआ तो उन्होंने दौरे के लिए इंतजाम करने का हुक्म दिया। अब सभी इंतजाम हो गया तो बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा तुम भी हमारे साथ हमारे राज्य का दौरा करने के लिए चलो तो बीरबल भी बादशाह अकबर के साथ जंगल का दौरा करने के लिए चले गए।


    जब बादशाह अकबर जंगल में पहुंचे तो वो अपनी सवारी से उतर गए साथ में बीरबल भी थे अब बादशाह अकबर साथ साथ चलने लगे बाते करते हुए।


    बादशाह अकबर को एक तरकीब सूझी बीरबल के साथ मज़ाक करने की बादशाह अकबर ने वहा एक पेड़ को देखा तो थोड़ा टेढ़ा था।

    ये देख कर बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा बीरबल " इस जंगल में सभी पेड़ सीधे है लेकिन केवल ये पेड़ क्यों टेढ़ा है "

    बादशाह अकबर का ये सवाल सुन कर बीरबल सोच में पढ़ गए लेकिन बीरबल बहुत बुद्धिमान थे उन्होंने थोड़ा सोचा और कहा " बादशाह अकबर ये पेड़ टेढ़ा इस लिए है क्योंकि ये सभी पेड़ो का साला है ।

    ये सुन कर बादशाह अकबर ने कहा इसका मतलब है सभी साले टेढ़े होते है। बीरबल ने कहा हा बादशा सलामत सभी साले टेढ़े होते है।

    बादशाह अकबर कहते है इसका मतलब है मेरा साला भी टेढ़ा है इसपर बीरबल कहते है हा बादशा सलामत आपका साला भी टेढ़ा है।

    ये सुनकर बादशाह अकबर कहते है तो फिर कल सुबह मैं अपने साले को फांसी दूंगा क्योंकि मुझे टेढ़े लोग बिलकुल पसंद नई है।

    अगले दिन बादशाह अकबर अपने महल में आते है और बीरबल से कहते है क्या मेरे साले की फांसी की तैयारी हो गई है, तभी बीरबल कहते है " जी जहांपनाह यहां एक सोने का फांसी का तख्ता है, एक चांदी का और एक लोहे का।


    ये सुन कर बादशाह अकबर कहते है " क्यों तीन फांसी के तख्ते क्यों बनाया है मेरा तो सिर्फ एक ही साला है।

    ये सुन कर बीरबल कहते है " जहांपनाह सोने के फांसी के तख्ते पर आप को चढ़ाया जाएगा चांदी के तख्ते पर मुझे और लोहे के फांसी के तख्ते पर आपके साले को क्योंकि मैं और आप भी तो किसी न किसी के साले है।

    ये सुन कर बादशाह अकबर को बीरबल को बात समझ में आ जाती है और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगते है और बीरबल की अक्लमंदी को सराहते है और उनके साले को भी माफ कर देते है।




    3 गधों का बोझ

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    अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी

    बादशाह अकबर बहुत बार अपने 2 बेटो के साथ नदी पर नहाने के लिए जाया करते थे। और कभी कभी बीरबल भी 

    बादशाह अकबर के साथ नदी पर जाया करते थे।


    लेकिन वो नदी में नहाया नही करते थे बल्कि नदी के।किनारे ही बैठकर बादशाह अकबर और उनके बेटो के कपड़ो की रखवाली किया करते थे।

    ऐसे ही जब एक दिन बादशाह अकबर अपने दोनो बेटो के साथ नदी में नहाने के लिए महल से निकल रहे थे तभी बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा " बीरबल चलो तुम भी चलो हमारे साथ नदी पर नहाने के लिए"

    इसपर बीरबल कहते है " चलिए जहापंह मैं आपके साथ चलता हु लेकिन केवल में नदी के किनारे बैठूंगा नहाऊंगा नही"


    ये सुन कर बादशाह अकबर बीरबल से कहते है " वो तो हमे पता ही है के तुम नदी में नहाओंगे नही।


    और बादशाह अकबर बीरबल और उनके बेटे नदी में नहाने के लिए निकलते है।


    जब बादशाह अकबर और उनके बेटे नदी में नहा रहे थे तभी बीरबल ने सारे कपड़े को अपने कंधे पर रखा और टहलने लगे।


    तभी नदी में नहाते नहाते बादशाह अकबर को बीरबल से मज़ाक सूझी तो बादशाह अकबर ने कहा " बीरबल तुमने हमारे कपड़े कंधे पर उठा रखा है तो ऐसा लग रहा है जैसे तुमने एक गधे का बोझ अपने पीठ पर उठा रखा है।


    अब बीरबल कहा चुप रहेने वाले थे बीरबल ने कहा " 1 गधे का नही बादशाह सलामत 3 गधों का बोझ मैने अपने कंधे पर उठा कर रखा है।

    ये सुनने के बाद बादशाह अकबर एक दम से खामोश हो गए, क्योंकि वो समझ गए की बीरबल ने उन्हें ही गधा कहे दिया है।

    क्योंकि बीरबल ने 3 गधों का बोझ कहा और उनके कंधे पर बादशाह अकबर और उनके दो बेटो के कपड़े थे।




    3 अजीब सवाल

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    एक दिन बादशाह अकबर का दरबार लगा था और सभी मंत्री और महा मंत्री दरबार में बैठे थे उनमें में एक महा मंत्री थे जो बीरबल से बहुत जलते थे क्योंकि बीरबल बादशाह अकबर के मुख्य सलाकार थे।


    उसी दिन ने बादशाह अकबर बीरबल की बुद्धिमानी की प्रशंसा की ये सुनने के बाद महामंत्री से रहा नही गया और महामंत्री ने बादशाह अकबर से कहा " हुज़ूर आप बीरबल को जितना बुद्धिमान समझते है मुझे नहीं लगता के वो सचमें इतने बुद्धिमान है।


    बादशाह अकबर : क्यों तुम्हे क्यों ऐसा लगता है?


    महामंत्री : अगर बीरबल मेरे 3 सवालों का सही सही जवाब दे देते है तो मैं समझ जाऊंगा की बीरबल बहुत बुद्धिमान है और , अगर बीरबल मेरे ये 3 सवालों का सही जवाब नही दे पाते है तो बीरबल को मानना पड़ेगा की वो बुद्धिमान नही है बल्कि बादशाह अकबर के चापलूस है।


    ( ये सुनने के बाद बादशाह अकबर ज़रा सोच में पढ़ गए , फिर उन्होंने सोचा की बीरबल तो महामंत्री के सवालों का आसानी से जवाब दे देंगे, ये सोच कर उन्होंने महामंत्री की शर्त मंजूर करली )


    बादशाह अकबर : बताओ तुम्हारे वो 3 सवाल कौनसे है।


    महामंत्री : जी महाराज मेरे 3 सवाल ये रहे!


    1) आसमान में कितने तारे है?

    2) पृथ्वी का सेंटर ( बीच का हिस्सा ) कहा है?

    3) पूरे पृथ्वी में कितने मर्द और कितनी औरते है?



    बादशाह अकबर : तो बीरबल महामंत्री के ये तीन सवाल है क्या तुम इन तीनों सवालों का जवाब दे सकते हो!

    ( बीरबल मुस्कुराता है और कहेता है )

    बीरबल : महामंत्री का पहला सवाल है की आसमान में कितने तारे है तो ये लीजिए जहापन्ह मैने ये बकरा लाया है जितने इसके बदन पर बाल है ठीक उतने ही आसाम में तारे है , अगर मंत्री जी चाहे तो इस बकरे के बाल गिन सकते है।


    और दूसरा सवाल को इस पृथ्वी का सेंटर कहा है ( ये कहेने के बार बीरबल एक लकड़ी लेते है और कुछ सोचकर जमीन पर एक निशान बनाते है )


    बीरबल : जहांपनाह यही पृथ्वी का सेंटर प्वाइंट है अगर किसी को गिनना हो तो गिन सकता है।


    और तीसरा सवाल की इस पृथ्वी पर कितने पुरुष हैं और कितनी औरते तो जहांपनाह इस पृथ्वी पर पुरषों और औरतों के अलावा और भी लोग रहते है।


    जो न तो पुरुष होते है और न औरते उमने से तो एक हमारे महल में भी है और वो हमारे महामंत्री है और अगर आप इन्हे फांसी की सजा देंगे तभी मैं इस सवाल का जवाब बताऊंगा।


    ये सुनने के बाद महामंत्री के पैर कपकपाने लगते है और महामंत्री कहते है।


    महामंत्री : नही जहांपनाह मुझे मेरे सवालों का जवाब मिल गया है ( और यह कहे कर महामंत्री वहा से खिसक जाते है)

    और बादशाह अकबर हमेशा की तरह बीरबल की बुद्धिमानी को सराहते है।




    बोलता हुआ तोता

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    बादशाह अकबर के दरबार में एक आदमी आया वो तोते को पालता पोस्ता और उसे अच्छी अच्छी बाते सिखाता और तोते के शौकीनों को अच्छे daamo में बेचता था।


    उस दिन वो आदमी अपना तोता बेचने के लिए बादशाह अकबर के दरबार में आया और वहां आकर उस आदमी ने तोते से पूछा ये किसका दरबार है।


    ये सुनने के बाद तोते ने कहा " ये इस देश के राजा बादशाह अकबर का दरबार है और बादशाह अकबर बहुत ही बहादुर और आदर करने योग्य है मैं बादशाह अकबर को नमन करता हु।


    यह सुनने के बाद बादशाह अकबर को वह तोता बहुत पसंद आ जाता है और वह उसे आदमी से कहते हैं तुम इस तोते को कितने रुपए में भेजोगे वह आदमी कहता है 10000 सोने के सिक्कों में बादशाह अकबर वह तोते को खरीद लेते हैं।


    बादशाहअकबर उसे तोते की बहुत ही अच्छी तरह देखभाल करते हैं और कई लोग तोते की देखभाल में लगा देते हैं और वह तोते की देखभाल करने वाले सभी सैनिकों को यह बताते हैं कि इस तोते की अच्छी तरह देखरेख की जाए किसी भी तरह यह तोता मरना नहीं चाहिए अगर किसी ने मुझे इस तोते के मरने की खबर दी तो मैं उसे फांसी पर चढ़ा दूंगा।


    अब वह तोते की बहुत अच्छी खातेदारी होती है और बादशाह अकबर हफ्ते में एक दो बार उसे तोते के पास आते हैं तो वह तोता बादशाह अकबर के बहुत तारीफ करता है ऐसे ही एक महीने तक चलता है।


    लेकिन एक महीने के बाद अचानक वह तोता मर जाता है और पिंजरे के अंदर ही उसे सैनिक मारा हुआ पाती है अब सब सैनिक बहुत डरे हुए थे क्योंकि बादशाह अकबर को कौन तोते की करने की खबर दे क्योंकि बादशाह अकबर ने तो तोते की करने की खबर देने वाले को फांसी की सजा का हुक्म दिया है।


    सैनिक बेचारे डरते हुए बीरबल के पास जाते हैं और बीरबल से कहते हैं कि आप ही हमारी इस समस्या का हल निकालिए हम तो बहुत ही डरे हुए हैं।


    बीरबल सभी सैनिकों से कहता है तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं मैं बादशाह अकबर को इसके बारे में बताऊंगा बीरबल दरबार में जाते हैं और बादशाह अकबर से कहते हैं जहां बना आपका तोता ना तो खाता है ना पीता है ना ही बात करता है ना ही सांस लेता है और ना ही ठीक से खड़ा हो पता है।


    यह सुनकर बादशाह अकबर कहते हैं तो बीरबल सीधा-सीधा कहो ना हमारा तोता मर गया है " यह सुनकर बीरबल कहते हैं बादशाह अकबर मैंने यह नहीं कहा कि आपका तोता मर गया है बल्कि मैंने कहा वह खाता है ना पीता है बल्कि यह तो आप ही ने कहा कि आपका तोता मर गया है कृपया करके मुझे बख्श दीजिए और मुझे फांसी पर मत चढ़ाए।

    यह सुनकर बादशाह अकबर समझ जाते हैं कि उन्होंने उनके मुंह से ही कहा कि तोता मर गया है और वह बीरबल को माफ कर देते हैं।




    पान वाला और आदा किलो चुना

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    एक दिन बादशाह अकबर को पान खाने की तलब हुई तो उन्होंने शाही पान बनाने वाले को पान बनाने के लिए कहा उसे पान बनाने वाले ने एक बहुत ही अच्छा पान बनाया और बादशाह अकबर को खाने के लिए दिया बादशाह अकबर ने वह पान खाया और उस पान बनाने वाले से कहा।


    कल तुम महल में आधा किलो चुनाव लेकर आना यह सुनकर उसे पान बनाने वाले को कुछ समझ नहीं आया लेकिन बादशाह का हुक्म था इसीलिए वह चुनाव लाने के लिए बाजार गया बाजार में जाने के बाद उसने छूने वाले से कहा कि मुझे आधा किलो चुना चाहिए।


    छूने वाले में कहां की तुम्हें इतना सारा सोना क्यों चाहिए तो उसने कहा मैं कल बादशाह अकबर को एक पान दिया था तो पान खाने के बाद बादशाह बने कहा कि कल महल में आधा किलो चुना लाना।


    यह सुनने के बाद दुकानदार फौरन समझ गया और उसे पान बनाने वाले से कहा कि तुम महल में यह चुनाव लेकर जाओ लेकिन महल में जाने से पहले 1 किलो घी पीकर जाना यह सुनने के बाद पान वाले को कुछ समझ नहीं आया उसने महल में जाने से पहले 1 किलो घी पिया और आधा किलो चूना महल में ले गया।


    महल में जाने के बाद बादशाह पढ़ने का की आधा किलो चुना तुम खा लो यह सुनकर पान वाले को कुछ समझ नहीं आया लेकिन वह तो इसकी तैयारी पहले से ही करके आया था 1 किलो घी पीकर आया था उसने वह चुना फौरन खा लिया चूना खाने के बाद भी उसे कुछ नहीं हुआ तो बादशाह अकबर ने उससे पूछा।


    तुम्हें कैसे पता था कि मैं यह चुना तुम्हें खिलाने वाला हूं। यह सुनने के बाद पान वाले ने कहा कि मैं चुना लेने जिस दुकान पर गया था उसे दुकानदार ने मुझसे पूछा कि इतना सारा चुना क्यों ले जा रहे हो तो मैंने उसे कहा कि बादशाह अकबर को मैं पान बना कर दिया था इसीलिए उन्होंने मुझे आधा किलो चुना लाने के लिए कहा।


    यह सुनने के बाद उसे दुकानदार ने मुझसे कहा कि तुम महल में जाने से पहले 1 किलो घी पीकर जाना इसीलिए मैं 1 किलो घी पीकर आया और मुझे चूना खाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।


    बादशाह अकबर ने सोचा कि उसे दुकानदार को मेरे दिल की बात कैसे मालूम चल गई बादशाह अकबर ने उसे दुकानदार को महल में हाजिर करने के लिए कहा दुकानदार महल में हाजिर हुआ और बादशाह बनने से पूछा तुम्हें मेरे दिल की बात कैसे मालूम चल गई कि मैं यह चुना इस पान वाले को खिलाने वाला हूं।

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    उसे दुकानदार ने कहा जैसे ही मुझे इस पान वाले ने कहा कि उसने आपको पान बना कर दिया और आपने उसे आधा किलो चुनाव लाने के लिए कहा मैं फौरन समझ गया कि उसने गलती से ज्यादा चूना लगा दिया आपके पास में और आपके मुंह में चले आ गए इसी के लिए तुम उसे सबक सिखाने के लिए आधा किलो चूना खाने के लिए कहोगे इसीलिए मैंने उससे पहले ही कह दिया था कि तुम 1 किलो घी पी कर जाना जिससे तुम्हें छूने का कोई असर ना हो।


    और वह दुकानदार और कोई नहीं दिल के बीरबल ही था बादशाह बने बीरबल की चतुराई और समझदारी को सराहा और उसे इनाम भी दिया और पान वाले को माफ कर दिया।



    बादशाह का गुस्सा

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    अकबर बीरबल की कहानी छोटी सी

    एक दिन बादशाह पर अपनी बेगम से किसी बात पर गुस्सा हो गए और उन्होंने अपने बेगम से कहा कि जो तुम अपने मायके चले जाओ तुम्हें मेरे महल में रहने की कोई जरूरत नहीं है यह सुनने के बाद बेगम ने सोचा कि बादशाह ने ऐसी ही कह दिया होगा और बेगम मायके नहीं गई।


    दोपहर में जब बादशाह अकबर अपने दरबार से वापस लौटे तो उन्होंने देखा कि उनकी बेगम अभी तक यही है तो बादशाह अकबर ने कहा तुम अपने मायके नहीं गई यह सुनने के बाद बेगम को लगाकर बादशाह अकबर सच में उनसे बहुत नाराज है बादशाह अकबर ने कहा कि कल सुबह तुम अपने मायके चले जाना और चाहो तो तुम अपनी मनपसंद चीज यह इस महल से लेकर जा सकती हो।


    अब बेगम को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें वह इस समस्या का हल निकालने के लिए बीरबल के पास गई और बीरबल से यह सब कहा बीरबल ने कहा ठीक है तुम कल मायके चले जाना लेकिन मैं जैसा कहता हूं वैसा करना बादशाह ने मनपसंद चीज ले जाने के लिए कहा है ना मैं जो चीज का हूं वही लेकर जाना अपने मायके में।


    बेगम भी बीरबल के बताए हुए तरीके के मुताबिक रात में बादशाह अकबर के दूध में नींद की दवाई मिला देती है और सुबह होते ही उन्हें अपने मायके में पालकी में डालकर ले जाती है जब बादशाह अकबर की नींद खुलती है तो वह देखते हैं कि वह किसी अनजान जगह पर है वह कहते हैं अरे कोई है यह सुनने के बाद उनकी बेगम वहां आती है तो बादशाह अकबर समझ जाते हैं कि यह उनका ससुराल है।


    यह देखने के बाद बादशाह अकबर कहते हैं कि मैं तुम्हें अकेले ही मायके जाने के लिए कहा था तुमने मुझे क्यों लेकर आ गया यह सुनने के बाद बीवी कहती है कि आप ही ने तो कहा था मैं महल से अपने मनपसंद चीज ले जा सकती हो तो आप ही मेरे मनपसंद है इसलिए मैं आपको लेकर आ गई।


    यह सुनने के बाद बादशाह अकबर रहती है यह सुझाव तुम्हें जरूर बीरबल ने दिया होगा यह सुनने के बाद बेगम अब हा में अपना सर हिलाती आती है और कहती है हां मुझे बीरबल ने ही यह तरकीब

     बताई थी यह सुनने के बाद बादशाह अकबर का गुस्सा ठंडा हो जाता है और वह वापस अपने बेगम को लेकर अपने महल में जाते हैं और बीरबल की बुद्धिमानी की तारीफ करते हैं।



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