आज आप लोग पढ़ने वाले है जादुई परियों की कहानी इस परियों की कहानी मे आप बहुत ही मज़ेदार स्टोरी पढ़ने वाले है और साथ ही परी की कहानी पढ्न आप लोगो को अच्छा लगता है न इसी लिए हमने आपके ही लिए लाये है pari ki kahani in hindi इस पोस्ट मे आप परी की कहानी पद्धने वाले है जिसमे परी चाँद को चुरा लेती है तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते है pari ki kahani in hindi
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चांद की चोरी और सोनम परी ( परी की कहानी )
सोनम एक गरीब परिवार में रहती थी सोनम के पिता मजदूरी कर कर घर चलाते थे और सोनम घर के कामकाज कर कर अपने परिवार का सहारा बनती थी।
रोज सुबह सोनम के पिता काम पर जाते हैं और शाम को घर वापस आते थे और सोनम दिन भर घर में अपना काम करते रहते एक बार सोनम के पिता को यह लगा कि अब उस उनकी बेटी बड़ी हो गई है अब उसकी शादी करवा देना चाहिए।
यह सोचकर सोनम के पिता ने उसके बहन को फोन किया और कहा कि सोनम के लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूंढ लीए
परियों की कहानी
यह सुनकर उसकी बहन ने कहा ठीक है मैं लड़का देखती हो।
दिन बीते गए फिर एक हफ्ते बाद सोनम के वह वह घर आई और सोनम की पिता से कहने लगी मैंने सोनम के लिए एक बहुत ही होनार लड़का देखा है और मैं यह दावे के साथ कह सकती हो कि इससे अच्छा लड़का सोनम को नहीं मिल सकता वह एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर है।
यह सुनकर सोनम के पिता कहते हैं तुमने देखा होगा तो लड़का अच्छा ही होगा उन्हें घर पर बुला वह सोनम को भी देख लेंगे यह सुनने के बाद सोनम के पिता की बहन लड़के को और उसकी मां को घर बुलाते हैं।
विनोद सोनम को देखते ही पसंद कर लेता है क्योंकि सोनम दिखने में खूबसूरत थी और रिश्ते की बातें हो जाती है और कुंडली मिलाने के बाद शादी भी तय हो जाती है।
परियों की कहानी
शादी के बाद जब सोनम अपने घर जाती है तभी उसकी सास घर के सारे नौकरों को छुट्टी दे देती है और खुद ही काम करने लगती है सोनम अपनी सास को काम करते देख कहती है यह क्या सासुमा तुम क्यों काम कर रहे हो मैं हूं ना यह सुनकर उसकी सांस कहती है नहीं नहीं बेटा अभी तुम्हें आए हुए कुछ ही दिन हो रहे हैं तुम्हें काम करता हुआ देख मुझे लोग ताना देंगे कि अपनी नई बहू से काम करवा रही हो।
यह सुनकर सोनम कहती है ऐसा नहीं है मैं आपकी बहू हूं मुझे भी काम करना चाहिए और सोनम अपनी सास से पूछा लेकर घर में पोछा मारने लगती है।
यह देखकर उसके साथ खुश हो जाती है और कहती है मुझे तो यह फ्री की नौकरी मिल गई है अब तो मुझे से अगर भी नहीं देना पड़ेगा और सोनम बेचारी रोजाना पूरे घर का काम करती है बर्तन धोती है कपड़े धोती है और खाना बनाती है और उसकी सास आराम से बैठ कर खाते हैं।
एक मर्तबा जब सोनम पोछा लगा रही थी तभी उसका छोटा देवर घर आया और फर्श पर से आने लगा यह देखकर सोनम ने कहा अभी रुको मैंने पूछा लगाया है 2 मिनट रुको यह सुनकर वह छूट गया और कहा यह मेरा घर है मैं जहां से चाहू आ सकता हूं।
यह सुनकर सोनम ने कहा हां लेकिन मैंने अभी पूछा लगाया है तुम्हारे पैरों से यह गंदा हो जाएगा यह सुनकर उसका देवर अपनी मां को बुलाता है और कहता है देखो मां मुझे यह अपने ही घर में कह रही है कि इधर से आओ इधर से आओ।
परियों की कहानी
यह सुनकर उसकी सांस कहती है सोनम तुम्हें यह कहने का कोई हक नहीं है यह सुनकर सोनम कहती है कि मां जी यह क्या करें कह रही हो आपका जितना इस घर पर हक है मेरा भी उतना ही हक है क्योंकि मैं इस घर की बहू हूं।
सोनम का देवर यह सारी बातें मोबाइल में रिकॉर्ड कर लेता है और सोनम के पति के आने के बाद उसे सुना देता है सोनम का पति अपनी मां से इस तरह बात करते हुए देख सोनम पर बहुत गुस्सा होता है और सोनम को बहुत मारता है और उसे बाहर निकाल देता है।
सोनम कहती है कि मुझे अभी क्यों निकाल रहे हो इतनी रात में मुझे दो घर का पता भी नहीं पता यह सुनकर उसके साथ कहती है जा मर गई खाई में जाकर हमें इससे कोई लेना-देना नहीं और वह सब घर में चल जाते हैं और सोनम बेचारी जंगल के रास्ते में जाती है और वहां बैठ जाती है और सोचती है कि मैं अब घर कैसे जाऊंगी।
तभी उसे वह बहुत अंधेरा दिखाई देता है और वह कहती है कि आज तो कोई घ्राण भी नहीं है फिर इतना अंधेरा कैसा है।
तभी उससे दो परियों की बातें सुनाई देती है वह नजदीक जाकर देखती है तो दो पर यह बातें कर रही होती है जिसमें से एक परी कहती है हमने चांद को चुरा लिया है अगर वह जादूगर ने को पता चल गया तो वह हमसे चांद को छुड़ा लेंगे और अगर हम जल्दी से परीलोक में यह शाम को लेकर चले गए तो पूरी दुनिया पर हमारा ही राज होगा।
परियों की कहानी
यह बात सुनकर सोनम घबरा जाती है और कहती है मुझे उस जादूगरनी को इस बारे में बताना होगा लो जल्दी से जंगल के गुफा में जाती है और जादू करने से कहती है क्योंकि परियों ने चांद को चुरा लिया है यह सुनकर जादूगरनी कहती है मुझे जिसका डर था वही होगा और वह जल्दी से वह आ जाती है जहां पर यह बातें कर रही होती है।
फिर जादूगरनी यह झाड़ू सोनम को देती है और सोनम के साथ जादुई झाड़ू पर उड़कर आसमान में जाती है और उन परियों का पीछा करने लगती है तभी उन्हें वह परिया दिख जाती है जो चांद लेकर जा रही होती है जादुई झाड़ू से जादूगरनी एक जादू निकलती है और दोनों परियों पर फेंकती है दोनों पर या अपनी जान बचाकर भागते हैं और चांद को वहीं छोड़ देते हैं।
फिर सोनम चांद को अपनी जगह पर रख देती है और जमीन पर आ जाती है यह देखकर जादूगरनी बहुत खुश हो जाती है
और सोनम से कहती है तुम बहुत बहादुर लड़की हो मैंने तुम जैसी बहादुर लड़की अभी तक नहीं देखी लेकिन मैं यह जानना चाहती हो कि इस जंगल में तो इस वक्त कोई नहीं आता जाता फिर तुम कैसे आई हो।
यह सुनकर सोनम अपनी पूरी कहानी बताती है यह सुनकर जादूगरनी कहती है कोई बात नहीं मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ती हो और जादूगरनी सोनम को उसके घर जाकर छोड़ती है।
घर जाकर सोनम की पिता कहते हैं बेटी तुम इतनी रात को यहां क्या कर रही हो और यह तुम्हारे साथ कौन है तभी सोनम अपने पिता को यह सब बात बताती है और उसके पिता कहते हैं अच्छा होगा तुम घर आ गई मुझे ऐसे लोगों में तुम्हें देना ही नहीं था यह सुनकर सोनम कहती है पापा जो हुआ सो हुआ अब हमें सब बातें भूल जानी चाहिए।
फिर जादूगरनी सोनम का घर बहुत ही बड़ा कर देती है और सोनम को बहुत सारे पैसे देती है इससे सोनम और उसके पिता बहुत ही अमीर हो जाती है और आसानी से अपनी जिंदगी गुजारते हैं फिर सोनम का पिता उसे डिवोर्स दिला देते हैं और सोनम की दूसरी शादी करा देते हैं।
अब सोनम को बहुत ही अच्छा ससुराल मिला था और सोनम बहुत ही खुशी खुशी अपने ससुराल में रहती है और उसके पिता भी खुद बहुत खुश होते हैं।
परी का जादुई सोने का स्कूल
(जादुई परियों की कहानी )
एक छोटे से गांव में मोहिनी नाम की एक लड़की रहती थी वह लड़की बहुत ही सीधी साधी और भली थी वह किसी की भी मदद करती थी और सभी की दुआएं लेती रहती थी।
लेकिन उसकी मां मर चुकी थी और उसके पिता ने दूसरी शादी की थी तो उसकी सौतेली मां उससे बहुत ही दुख और परेशानी देती थी उसकी एक बहन भी थी जो सौतेली बहन थी उसकी सौतेली मां उसकी सौतेली बहन को बहुत प्यार करती थी उसे स्कूल में भेजती थी लेकिन मोहिनी को स्कूल में नहीं भेजती थी बल्कि उस से घर का काम करवाती थी।
मोहिनी को स्कूल में जाना और पढ़ना लिखना बहुत पसंद था लेकिन उसकी सौतेली मां की वजह से वह स्कूल नहीं जा पाती थी इसकी वजह से वह बहुत ही उदास रहने लगी और किसी से भी बात नहीं करने लगी यहां तक के जब उसने अपने पिता से कहा तो उसका पिता भी कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि उसका पिता भी अपनी दूसरी बीवी से बहुत डरता था।
एक दिन जब मोहिनी सामान लाने के लिए बाजार गई तो बाजार से आते-आते जंगल का रास्ता पड़ता था जंगल के रास्ते में उसे एक बहुत ही कमजोर हिरण दिखाई दी उसे हीरोइन को देखकर मोहिनी के दिल में दया गई और उसने अपने पास जो सब्जी थी वह सब्जी हिरण को खिला दी और जो थोड़ा बहुत पानी था वह पानी भी हिरण को पिला दिया हिरण वह पानी पीकर और वह सब्जी खाकर फिर से खड़ी हो गई थी क्योंकि वह बहुत भूखी थी इस वजह से जमीन पर लेट गई थी।
अब खाना खाकर वह हिरण खड़ी हो गई और मोहिनी उसे देखकर बहुत खुश हो गई लेकिन मोहिनी ने उसे हिरण से कहा मैंने तुम्हें सारी सब्जी खिला दी है अब मेरी सौतेली मां मुझे बहुत डाटेंगी और मुझे बहुत मारएंगी यह सुनते ही वह हिरण एक परी बन गई और वह परी बनते ही मोहिनी से कहने लगी मैं परी हूं तुमने मुझे खाना खिला कर पानी पिला कर मेरा दिल जीत लिया है मांगो जो तुम्हें मांगना है।
यह देखकर पहले तो मोहिनी चौक गई फिर परी से कहने लगी मुझे स्कूल पढ़ना बहुत पसंद है इसीलिए मुझे एक स्कूल में जाना है और मेरी सौतेली मां मुझे बहुत नफरत करती है कुछ ऐसा करो कि मेरी सौतेली मां मुझसे प्यार करने लगे परी अपनी जादू की छड़ी घुमाती तभी वह जंगल में एक सोने का स्कूल बन जाता है वह सोने की स्कूल में पढ़ने के लिए पर यह थी यह देखकर मोहिनी चौक जाती है और परी से कहती है यह तो सोने का स्कूल है।
पर यह कहती है हां लेकिन यह स्कूल सिर्फ तुम्हें ही दिखाई देगा बाकी किसी को दिखाई नहीं देना तुम जब चाहे यहां आकर पढ़ सकती हो इस सोने की स्कूल में तुम्हें यह परियां पढ़ाएंगे यह सुनकर मोहिनी रहती है लेकिन मेरी मां आने देंगी मुझे यहां।
परी दोबारा अपनी छड़ी घूमती है और अब कहती है कि मैं तुम्हारे मन के दिल में दया डाल दी है अब तुम्हारी सौतेली मां तुमसे बहुत प्यार करेंगे और तुम्हें रोज इसकी भेजेगा और यह कहकर परि से गायब हो जाती है।
जैसे ही मोहिनी अपने घर गाती है उसकी सौतेली अमावस से बहुत प्यार करती है और कहती है कि कल से तुम स्कूल जाऊंगी तुम्हें घर का काम करने के कोई जरूरत नहीं है यह सुनकर मोहिनी बहुत खुश हो जाती है और खुशी-खुशी रोज स्कूल जाती है।
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