तो चलिये आज शुरू करते है पंचतंत्र की तीन कहानियां क्यूंकी पंचतंत्र की तीन कहानियां पढ्न खास कर के बच्चो को बहुत पसंद होता है क्यूंकी पंचतंत्र की तीन कहानियां से बच्चो को बहुत कुछ सीखने को मिलता है तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते है Panchtantra Ki Kahaniyan
चालाक बकरी की कहानी (पंचतंत्र की तीन कहानियां)
एक छोटा सा गांव होता है उसे गांव में एक साधु बाबा रहते थे लोगों ने बहुत ही शक्तिशाली समझते थे और उन्हें भविष्य देखने वाला मानते थे वह साधु बाबा इसी बात का फायदा उठाकर लोगों को भविष्य बताते थे और खूब सारा पैसा कमाते थे।
एक बार एक पति पत्नी बाबा के पास आए और कहां साधु बाबा हमारी शादी को कई साल बीत गए हैं लेकिन हमें कोई औलाद नहीं हुई है क्या आप हमारी समस्या का हाल बता सकते हैं ढोंगी बाबा ने सोचा कि यह पैसे वाले लगते हैं इनसे अच्छे पैसे ऐंठ लेने चाहिए।
साधु बाबा ने कहा ठीक है तुम्हारी इस समस्या का हाल हो सकता है लेकिन तुम्हें इसके लिए मुझे ₹100000 देने होंगे यह सुनकर पति-पत्नी ने कहा वह क्यों।
साधु बाबा ने कहा मैं इसे एक बकरी लूंगा और उसकी बलि दूंगा और वह बलि देने के बाद तुम्हें एक संतान प्राप्त होगी यह सुनकर पति पत्नी करने लगते हैं ठीक है साधु बाबा आप जैसा करें और वह ₹100000 साधु बाबा को दे देते हैं।
साधु बाबा अपने दो शिष्यों को बुलाते हैं और उनसे कहते हैं गांव में जाओ और एक बकरा लेकर आओ और वह बकरी खूबसूरत होनी चाहिए और हट्टी कट्टी होनी चाहिए यह सुनकर दोनों शिष्य गांव में बकरा लेने के लिए जाते हैं।
गांव में पहुंचकर वह एक घर में जाते हैं जहां बहुत सारी बकरियां थी वह दो बकरियां एक दूसरे से बातें कर रही होती है जिसमें एक काली बकरी होती है और एक सफेद बकरी होती है सफेद बकरी काली बकरी से कहती है देखो मैं बहुत ही खूबसूरत हूं और मोटी ताजी हो इसीलिए यह मुझे ही खरीदेंगे काली बकरी सुनकर रहती है यह तुम्हें खरीद कर खा ले जाएंगे यह सुनकर सफेद बकरी रहती है यह मुझे अपने आश्रम में लेकर जाएंगे मुझे खूब खिलाएंगे और मैं इसके बदले उन्हें दूध दूंगी।
वह बकरी को ₹10000 में खरीदने हैं और तभी बकरी बेचने वाला कहता है यह रोज का 5 लीटर दूध देंगे यह सुनकर दोनों शिष्य कहते हैं हमें दूध से कोई लेना-देना नहीं है हम कल इस बकरी की बलि देने वाले हैं यह सुनकर वह बकरी बहुत ही दंग रह जाती है और अपने घमंड पर अफसोस करती है।
दोनों शिष्य बकरी को लेकर आश्रम में जाते हैं और साधु बाबा से कहते हैं यह रही बकरी साधु बाबा कहते हैं ठीक है कल सुबह तुम्ही से अच्छी तरह से नहला-धुला कर तैयार रखना कल सुबह इसकी बलि देने वाले हैं हम।
बकरी रात भर सोचती है कि आप क्या किया जाए और आखिरकार वह यह सोचती है कि अब तुम मरना ही है क्यों ना एक तरकीब आजमाई जाए जैसे ही दोनों शिष्य उसे नहलाने के लिए नदी पर लेकर जाते हैं वह उनसे कहती है मुझे एक बात पता है जो बहुत ही रहस्यमय है लेकिन मैं तुम्हें नहीं बताऊंगी।
यह सुनने के बाद दोनों शिष्य बकरी से बहुत पूछते हैं कि वह कौन सी बात है जो एक रहस्यमई बात है हमें बता दो यह सुनकर बकरी कुछ नहीं करती और जोर-जोर से हंसने लगती है यह देखने के बाद दोनों शिष्य बकरी को साधु बाबा के पास लेकर जाते हैं।
साधु बाबा यह सुनने के बाद बकरी से कहते हैं यह बकरी जल्दी से कह दे तुम कौन सी रहस्यमई बात जानती हो यह सुनकर बकरी रहती है पिछले जन्म में मैं इंसान थी लेकिन मैंने एक बकरी की बलि दी थी इसीलिए मुझे शराब की वजह से बकरी बना दिया गया और मैं यह सोचकर हंस रही हो कि अगर तुम मुझे बाली दोगे तो अगले जन्म में तुम बकरी बनोगे और मैं इंसान बनूंगी इसलिए मैं हंस रही थी।
यह देखकर साधु बाबा डर जाते हैं और बकरी को आजाद कर देते हैं और कहते हैं आज से यह बकरी हमारे आश्रम में रहेंगे खाएंगे पंगे और हम उसका दूध पियेंगे।इस तरह बकरी में अपनी अकल मंडी से अपनी जान बचा ले और खुशी-खुशी आश्रम में रहने लगी।
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