आज की इस long emotional story hindi मे आप सभी लोग पढ़ने वाले हो long emotional story hindi क्यूंकी long emotional story hindi पढ्न सभी को बहुत अच्छा लगता है इसी लिए आज हम आप सभी के लिए 2024 की बिलकुल नयी long emotional story hindi लाये है।
और साथ ही इस long emotional story hindi को पढ़ कर आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेंगा तो चलिये शुरू करते है 2024 की बिलकुल नयी long emotional story hindi
गरीब के घर में बारिश ( long emotional story hindi )
मोहन एक गरीब मजदूर होता है, वह अपनी मजदूरी कर रहा होता है तभी वहां पर बारिश आ जाती है और वह अपने घर के लिए रवाना हो रहा होता है कि तभी उसे एक दुकान पर टीवी में न्यूज़ दिखती है।
उसे न्यूज़ में बताया जा रहा था कि जिनके घर निचले इलाकों में है वहां पर बहुत बारिश की वजह से पानी घुस रहा है इसीलिए लोग वहां से घर खाली कर रहे हैं यह न्यूज़ देखकर मोहन बहुत ही डर जाता है क्यों उसका घर भी निचले इलाके में था।
तभी उससे दुकानदार पूछता है कि मोहन भाई तुम इतना परेशानी में क्यों दिख रहे हो यह सुनकर मोहन कहता है मेरा घर भी निचले इलाके में है कहीं वहां पर पानी तो भर नहीं गया मैं जल्दी से जाकर देखा हूं तभी मोहन खाने पीने की थोड़ी चीज लेता है और अपने घर के लिए रवाना होता है।
वह जब घर पहुंचता है तो देखता है कि उसके घर में पूरा पानी भर गया है और उसकी बीवी और उसकी बेटी सारे सामान को उठाकर ऊपर रख रहे हैं यह देखकर मोहन कहते हैं मैं भी तुम्हारी मदद करने लगता हूं और यह समान ऊपर की तरफ लेता हूं।
यह सुनकर उसकी बीवी कहती है क्या पागल तुम इतनी देर से कहां गए थे बारिश इतनी तेज आई कि हमारे घर में पूरा पानी गिर गया है यह सुनकर मोहन कहता है इसीलिए तो मैं जल्दी आ गया हूं अब बारिश खत्म हो जाती है और घर से थोड़ा पानी भी खाली हो जाता है।
यह देखकर मोहन अपनी बीवी से कहता है चलो अभी हमें जल्दी घर खाली करना होगा पता नहीं बारिश वापस से शुरू हो जाएंगे तो हमारा घर भी डूब जाएगा पर हम भी यह देखकर उसकी बीवी कहती है तो ठीक है हम आज की रात यहीं रुक जाते हैं कल सुबह होती ही हम घर खाली कर देंगे।
तभी मोहन को पड़ोसी आता है और कहता है चलो हम सब गांव के उसे ऊंचे पुल पर जा रहे हैं जहां पानी का आना नामुमकिन है यह सुनकर मोहन कहता है मैंने सुबह से कुछ नहीं खाया इसलिए मत थोड़ा सा खा लेता हूं फिर हम चलेंगे यह सुनकर उसका पड़ोसी कहता है ठीक है अब रात हो चुकी है हम सुबह घर खाली कर कर उसे पुल पर चलेंगे।
मोहन सुबह से थका हुआ था इसीलिए वह खाना खाकर जल्द ही गहरी नींद में सो गया लेकिन जब सुबह हुई तो वह देखकर हैरान रह गया बारिश का पानी उसके खटिया तक आ गया था और बहुत ज्यादा बारिश शुरू थी और तूफान का माहौल था यह देखकर उसके पड़ोसी आए और कहने लगे चलो हमारे पड़ोस का गांव बाढ़ में डूब गया है और पानी अब हमारी तरफ आ रहा है।
तभी मोहन की बीवी सामान बटोरने लगी यह सुनकर मोहन कहने लगा अब सामान लेकर कोई फायदा नहीं है अपने-अपने बच्चों को उठाओ और चलो मोहन अपने दोनों बच्चों का हाथ पकड़ते ही वाला होता है कि मोहन के लड़के के सर पर एक ऐड गिर जाती है जिससे उसका सर फट जाता है यह देखकर मोहन और परेशान हो जाता है।
तभी मोहन की बीवी रोने लगती है और कहती है देखो ना हमारे बिट्टू का क्या हाल हो गया है और उससे तेज बुखार भी है यह देखने की बात मोहन डॉक्टर को ढूंढता है लेकिन उसे कोई डॉक्टर नहीं मिलता तभी वह पानी में तैरता हुआ बड़े पुल पर जाता है लेकिन वहां भी उसे भाग तोड़ती दिखाई देती है लेकिन वहां पर कोई डॉक्टर नहीं दिखाई देता।
तभी वह एक आदमी से पूछता है कि यह कोई डॉक्टर मिलेगा तभी वह आदमी कहता है कि यहां पर तो अभी किसी का कोई हाल-चाल नहीं है यहां तुम्हें कहां से कोई डॉक्टर मिलेगा।
तभी मोहन को वहां पर एक डॉक्टर दिखाई देता है जो दूसरे शहर से आया था और बारिश की वजह से वहां रुका था तभी मोहन डॉक्टर से कहता है कि मेरे बेटे का सर फूट गया है क्या तुम मेरी मदद करोगे उसे बहुत तेज बुखार भी है।
लेकिन डॉक्टर की बीवी कहती है कि तुम इतनी बारिश में वहां कैसे जाओगे तुम्हारी जान को भी खतरा हो सकता है वहां तो बहुत ही पानी भरा हुआ है उसे गांव में यह सुनकर डॉक्टर कहता है कि मैं पहले डॉक्टर हूं और मेरा जो कर्तव्य है कि मैं मरीज की जान बचा हूं और इस आदमी का बेटा बहुत ही पीड़ा में है इसलिए मुझे वहां जाना ही होगा।
डॉ मोहन से कहते हैं कि चलो तुम्हारे घर ले चलो मुझे यह सुनकर मोहन कहता है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद लेकिन हम वहां कैसे जाएंगे वहां तो सब जगह पानी भरा है यह सुनकर डॉक्टर कहता है कि ठीक है मुझे तैरना आता है हम तैरते हुए वहां तक जाएंगे।
फिर मोहन और डॉक्टर तैरते हुए उसके घर जाते हैं घर पहुंचते ही डॉक्टर मोहन के बेटे बिट्टू का इलाज करते हैं ।
और उसके सर पर पत्ती बनती है और उसे कोई दवाई देते हैं कुछ ही देर में मोहन के बेटे बिट्टू को पहुंच जाता है और मोहन डॉक्टर के पैर पड़ने लगता है और कहता है कि इतनी परेशानी में कोई किसी का साथ नहीं देता तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद।य ह सुनकर डॉक्टर कहता है अरे कोई बात नहीं यह तो मेरा करते हुए था इतने में बारिश कम हो जाती है और सुरक्षा करने भी लोगों की मदद करने के लिए आ जाते हैं।
और सभी को जरूरत का सामान दे देते हैं और जिसकी वजह से सभी गरीब अपना पेट भर कर खाना खा लेते हैं । और जिन लोगों को चोट लगी होती है या जो बहुत बीमार हो गए होते हैं उन्हें एंबुलेंस के द्वारा शहर ले जाकर उनका ट्रीटमेंट किया जाता है।
और कुछ ही दिनों के बाद और भी मदद आती है सरकार की तरफ से और सभी के घर वापस बनाए जाते हैं पर सभी गरीब दोबारा अपनी जिंदगी नए सिरे से गुजारने लगते है।
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