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कहानी हिंदी में लिखा हुआ | गरीब खमन ढोकला वाली | interesting hindi stories

आक की 2024 की बिलकुल नयी कहानिया मे आप सभी लोग पढ़ने वाले हो हमारी इस वैबसाइट पर कहानी हिंदी में लिखा हुआ वाली interesting hindi stories क्यूंकी interesting hindi stories पढ्न और कहानी हिंदी में लिखा हुआ सभी लोगो को पढ़ना अच्छा लगता है इसी लिए आज हमने कहानी हिंदी में लिखा हुआ लाये है तो चलिये शुरू करते है बगैर किसी देरी के कहानी हिंदी में लिखा हुआ

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गरीब खमन ढोकला वाली ( कहानी हिंदी में लिखा हुआ )


 एक बहुत ही छोटे गांव में महेश नाम का आदमी रहा करता था वह दिन भर सब्जी का ठेला लगा था और इसी तरह वह अपने घर वालों का पेट पाल करता था लेकिन दिनभर सब्जी बेचने के बावजूद भी उसे ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी जिसकी वजह से महेश बहुत ही उदास रहा करता था।

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एक दिन जब महेश थक हार कर घर आता है तभी अपनी बीवी से कहता है भगवान में हमें रैबिट क्यों पैदा किया मैं दिन भर मेहनत करता हूं फिर भी अपनी परिवार का पेट नहीं भर पता हो अच्छी तरह यह सुनकर उसकी बीवी कहती है हमारी भी अच्छे दिन आएंगे हमें अभी बस सब्र करना है।

एक दिन जब महेश सब्जी बेचकर घर वापस लौट रहा था तभी एक ट्रक वाला महेश के ठेले को टक्कर मार देता है और महेश का एक्सीडेंट हो जाता है और महेश को बहुत सारी चोट लग जाती है जिसकी वजह से अब महेश कुछ काम नहीं कर पता और घर पर ही रहता है।

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अब महेश के घर के हालात बहुत ही कठिन होते जा रहे थे अब महेश के यहां खाने के लिए भी पैसे नहीं थे तभी महेश की बीवी कहती है अब मैं कोई छोटा-मोटा कारोबार करना चाहती हूं ताकि अपना घर चल सके यह सुनकर महेश का बेटा कहता है, मां तुम बहुत अच्छे और स्वादिष्ट खमन ढोकले बनाती हो तुम खमन ढोकले का ठेला क्यों नहीं लगाती।


यह सुनकर महेश कहता है हां तुम बहुत अच्छा खमन ढोकला बनाती हो तुम खमन ढोकले का ठेला लगाओ यह सुनकर महेश की बीवी जमींदार से कुछ पैसे उधार लाती है और अपना खमन ढोकले का ठेला लगाती है।

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महेश की बीवी बहुत ही स्वादिष्ट खमन ढोकले बनती थी इसीलिए उसकी महक पूरे बाजार में चलने लगी और बहुत से लोग उसके पास खमन ढोकला खाने आने लगे एक हफ्ते में उसकी अच्छी खासी कमाई हो गई और उसने जमींदार से जो कर्ज लिया था वह भी चुका दिया।

अब अब समय बिता गया और महेश की बीवी का अच्छा धंधा बन गया घमंड ढोकले बेचते बेचते, कुछ महीनो के बाद महेश की तबीयत भी ठीक हो गई और वह भी अब काम करने लगा सब्जी बेचने का अब महेश की बीवी और वह दोनों मिलकर काम करने लगे और उनके घर में डबल इनकम होने लगी।

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अब उन्हें गरीबी से छुटकारा मिल गया था अब वह बहुत ही अच्छे से अपने जिंदगी गुजारने लगे और उन्होंने अपने बच्चों को एक अच्छी स्कूल में भी डाल दिया ,और सभी खुशी-खुशी रहने लगे।


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टेस्टी आलू पेटिस वाला ( कहानी हिंदी में लिखा हुआ )

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चमन का एक भजिए का ठेला था वह भजिए बना था और अपना धंधा चलता था और उसका धंधा अच्छा भी चलता था लेकिन चमन बहुत ही कंजूस था वह हर बार ग्राहकों को बहुत ही टोल-तोल कर भजिए देता था जिसकी वजह से उसे ग्राहक बहुत नाराज होते थे।

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लेकिन उसके भजिए स्वादिष्ट होते थे इसीलिए लोग उसके ठेले पर बाजे खाने आते थे लेकिन उसके कंजूसी की वजह से बहुत ही लोग उसका गुस्सा करते थे लेकिन उसका स्वभाव ही ऐसा था।

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एक बार जब चमन अपने घर जाता है तभी उसकी बीवी कहती है कि पड़ोस वाली विमला ने तो सोने का हर बनाई है मुझे भी सोने का हार चाहिए यह सुनकर चमन कहता है तुम पागल हो गई हो क्या सोने का हार बनाने में तो मेरे पूरे पैसे खत्म हो जाएंगे अभी तो तुम नकली हार से ही काम चलाओ जब मेरे पास बहुत पैसे आ जाएंगे जब तुम्हें मैं सोने का हर लेकर दूंगा।


कुछ दिनों बाद चमन के ठेले के सामने एक आदमी जिसका नाम गगन होता है एक आलू पेटिस की दुकान खोल लेता है चमन जैसे ही देखा है कि उसके ठेले के सामने किसी ने आलू पेटिस का ठेला खोल लिया है तो उसे बहुत ही जलन होती है और वह पूछताछ करने के लिए ठेले पर पहुंचता है।

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वह ठेले पर पहुंच कर गगन से पूछता है कि तुमने यह ठेला कब लगाया है तभी गगन कहता है मैंने यह कुछ दिन पहले ही ठेला लगाया है और मेरे अच्छे हाथ से गिरेगी भी हो रही है यह सुनकर चमन कहता है क्यों ना हम दोनों मिलकर एक नहीं होटल खोले जिसमे दो काउंटर हो मेरे बजे का और तुम्हारे आलू पेटिस का।

गगन विचार बहुत ही शरीफ आदमी था उसने बिना कुछ सोच समझ चमन को हां कह दिया यह सुनकर चमन कहता है यह होटल बनाने के लिए हमें ₹400000 चाहिए ₹200000 मैं देता हूं ₹200000 तुम दो इसे हम एक नया होटल बनाएंगे और खूब सारे पैसे कमाएंगे।

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गगन अपने घर जाता है और अपनी बीवी से कहता है यह सारी बातें उसकी बीवी कहती है यह तो अच्छी बात है ना नहीं होटल खोलेंगे तो हमारा धंधा भी अच्छा होगा यह सुनकर गगन कहता है लेकिन मेरे पास तो पैसे नहीं है तो गगन की बीवी अपने गहने देती है गिरवी रखने के लिए और गगन दो लाख रुपए ले जाकर चमन को देता है लेकिन कोई पेपर वर्क नहीं करता जिससे यह सबूत रहे कि उसने चमन को ₹200000 दिए हैं।

अब चमन होटल का काम शुरू करता है तभी गगन वहां पहुंचता हैऔर गगन चमन से कहता है होटल का काम शुरू हो गया चमन कहता है यहां इसी बात पर चमन करता है अभी होटल बनने में टाइम है जब तक तुम अपना टाइम क्यों खराब कर रहे हो तुम अपना आलू पेट इसका ठेला लगाओ जब तक तुम्हारी कमाई भी हो जाएगी और जब यह होटल बन जाएगा तब तुम यहां आ जाना।


गगन बेचारा चमन की बात मान लेता है और आलू पेटिस का ठेला लगा लेता है एक महीने बाद जब गगन जाकर देखा है तो होटल तैयार थी और चमन बच्चे बेच रहा था होटल में लेकिन उसने एक ही काउंटर बनाया था और गगन का काउंटर नहीं बनाया था।


गगन वहां पहुंचता है और कहता है चमन भैया तुमने तो अपना ही काउंटर बनाया मेरा काउंटर नहीं बनाया यह सुनकर चमन कहता है तुम कौन हो भाई मैं तो तुम्हें नहीं जानता यह सुनकर गगन कहता है भाई आपने मुझे भी ₹200000 लिए है यह सुनकर चमन करता है तुम्हारे पास क्या सबूत है कि मैं तुम्हारे साथ ₹200000 लिए है और यह कहकर चमन गगन से कहते हैं तुम यहां से चले जाओ नहीं तो मैं पुलिस को बुला लूंगा।



गगन बेचारे को समझ में नहीं आता क्या वह क्या करें क्योंकि वह बहुत ही शरीफ आदमी था और वह समझ गया था कि चमन ने उसके साथ गद्दारी की है वह सीधा-सीधा जंगल में जाता है और उसे कुछ समझ में नहीं आता क्या क्या करूं उसने तय कर लिया था कि वह बाद में हत्या कर लेना क्योंकि उसके सारे पैसे चले गए हैं वह जैसे ही एक पहाड़ पर जाता है नीचे कूदने के लिए वहीं पर उसके पीछे एक शेर लग जाता है।


शेर से बचने के लिए गगन भागता है और भागते ही रहता है अचानक एक गुफा में छुप जाता है थोड़ी देर के बाद गगन बाहर देखा है तो शेर वहां से जा चुका था लेकिन जैसी ही गगन गुफा के अंदर जाता है उसे बहुत सारा सोना चांदी हीरे जावरा दिखते हैं एक तरह का वह खजाना ही था।


गगन बहुत खुश हो जाता है और वह समझ जाता है कि ऊपर वाला किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने देता भले ही चमन ने उसके साथ गद्दारी की थी लेकिन ऊपर वाले ने गगन को बहुत सारा खजाना देकर उसे मालामाल कर दिया।


उन पैसों से गगन अपनी बीवी के जेवरात वापस ला लेता है सुंदर के पास से और वह अपना एक नया बिजनेस शुरू करता है और बहुत ही अमीर बन जाता है।


इधर चमन ने गगन के साथ धोखा किया था इसीलिए उसका धंधा ठप हो जाता है और उसके दुकान को ताला लग जाता है और वापस से वह ठेले पर भजिए बेचने लगता है, क्योंकि अगर कोई किसी के साथ बुरा करता है तो उसके साथ भी बहुत बड़ा होता है इसलिए चमन वापस से रा

स्ते पर आ गया और गगन का राजा की तरह जिंदगी गुजारने लगा।


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