आज 2024 की बिलकुल नयी कहानियो मे आप सभी लोग पढ़ने वाले है बुद्धिमान राजा की कहानी क्यूंकी बुद्धिमान राजा की कहानी पढ्न बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और बुद्धिमान राजा की कहानी पढ़ने से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसीलिए आज हम सभी पढ़ने वाले है बुद्धिमान राजा की कहानी
सूरजपुर नाम का एक खुशहाल राज्य था उसे राज्य में सभी लोग बहुत ही सुकून और आराम से रहा करते थे और खेती करके अपना जीवन गुजारते थे।
उसे राज्य का राजा बहुत ही विनम्रता वाला था और वह अपने प्रजा का बहुत ही ख्याल रखता था लेकिन उसे कद्दू खाना बहुत ही पसंद है वह रोजाना कोई ना कोई कद्दू की नई दिश खाया करता था।
इसकी वजह से उसका बावर्ची बहुत ही परेशान था क्योंकि राज्यों को इतना पसंद था कद्दू खान की वह बावर्ची से रोजाना कद्दू की नई-नई किस्म खाया करता था लेकिन बावर्ची बेचारा रोजाना कद्दू के नए-नए पकवान कैसे बना सकता था।
एक दिन राजा दरबार में बैठा हुआ था कि तभी उसने ऐलान किया कि आज के बाद राज्य का कोई भी किसान अपने खेत में कद्दू के अलावा कोई भी फल सब्जी नहीं उठाएगी और अगर किसी ने कद्दू के अलावा कोई चीज हो गई तो उसकी जमीन हम छीन लेंगे।
यह खबर फैलते हैं सारे किसानों ने राजा के डर की वजह से अपने-अपने खेतों में कद्दू की फसल लगाना शुरू कर दिया और पूरे राज्य में कद्दू ही कद्दू दिखने लगे कोई भी खेत में।
अब राजा की वजह से पूरे राज्यों के लोगों को भी कद्दू की ही सब्जी खानी पड़ रही थी रोज-रोज। राजा के ऊपर कद्दू का ऐसा भूत चढ़ गया था कि एक दिन उसने दोबारा सभा बुलाई और राज्य के सभी कारीगरों को बुलाया और कहा कि मुझे एक महल बनवाना है लेकिन उसका आकार बिल्कुल कद्दू के जैसा होना चाहिए।
अब भला महाराज से कौन बहस कर सकता था काम शुरू हुआ और राजा के लिए एक आलीशान कद्दू जैसा दिखने वाला महल बनकर तैयार हो गया इसकी वजह से महाराज की रानी मतलब की रानी साहिबा बहुत ही नाराज थी।
वह महाराज से हर वक्त कहती रहती थी कि तुम इतना प्यार क्यों करते हो कद्दू से लेकिन महाराज महारानी की इतना सुंदर वह अपनी मनमानी करता और एक दिन तो हद ही हो गई जब राजा ने महारानी को बुलाया और कहा हम तुम्हारे लिए नए जेवर बनाने जा रहे हैं यह सुनकर महारानी बहुत खुश हो गई।
इसके बाद महाराज ने कहा के सारे जेवर पर कद्दू का आकार होगा, यह सुनकर महारानी दुखी हो गई और वह सोचने लगी कि यह कद्दू मेरा कब पीछा छोड़ेगा और यह सोचकर वह अपने कक्ष में चली गई।
महाराज का कद्दू को लेकर इतना पागलपन उसे खा जा रहा था और उसे बहुत चिंता हो रही थी कि अगर ऐसे ही चला रहा तो कैसा होगा।
महारानी के कक्ष में एक तोता रोज आया करता था महारानी उसको दाना पानी खिलाया करती थी लेकिन उसे दिन जब तोता या महारानी के कक्ष में तो महारानी ने तोते को कुछ नहीं खिलाया तोता बेचारा वैसे ही चला गया।
दूसरे दिन जब तोता आया महारानी के पास तो तोते ने कहा कि महारानी तुम मुझे दाना पानी क्यों नहीं मिला रही हो यह सुनकर महारानी चौक गई क्योंकि उसने पहली बार तोते को बोलते हुए सुना था।
महारानी ने कहा तुम बोलते हो यह सुंदर तोते ने कहा हां महारानी साहिबा मैं परी लोक का तोता हूं और मैं बहुत सारा जादू जानता हूं यह सुनकर महारानी बहुत खुश हो गई और कहने लगी यह तो बहुत अच्छी बात है लेकिन फिर तोते ने कहा कि तुम मुझे 2 दिन से खाना क्यों नहीं दे रही हो।
फिर महारानी ने तोते को सभी बात बताई। तोते ने सभी बात सुनकर रानी से कहा मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं यह सुनकर महारानी खुश हो गई फिर तोते ने महारानी को एक मंत्र बताया और रानी से कहा कि मैं तुम्हें एक मंत्र बताता हूं तुम जिस पर भी यह मंत्र बोलेगी तो वह 12 घंटे के लिए तुम्हारी हर बात मानेगा। लेकिन तुम यह मंत्र केवल एक बार ही इस्तेमाल कर सकती हो।
यह सुनकर महारानी बहुत खुश हो गई और वह जानती थी कि वह इस मंत्र के जरिए राजा को अच्छा सबक सिखा सकती है।
फिर वह राजा के पास गई और कहने लगी कि हम सारे आसपास के राजाओं को बुलाते हैं और उनकी एक शानदार दावत करते हैं यह सुनकर राजा कहाँ लगा मेरे सभी दोस्त मुझे दावत नहीं खाएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि मैं उन्हें सिर्फ कद्दू भी खिलाऊंगा वह नहीं आएंगे दावत में यह सुनकर रानी कहने लगी यह सब मुझ पर छोड़ दो बस तुम मुझे यह आज्ञा दो कि मैं सबको बुलाऊं और शानदार दावत का इंतजाम करू।
यह सुनकर राजा कहता है ठीक है ठीक है तुम कोशिश कर सकती हो लेकिन तुम यह बात मुझे लिख कर ले लो कि तुम्हारी दावत में कोई नहीं आएगा और कोई आ भी गया तो वह कद्दू से बनी चीज नहीं खाएगा क्योंकि कद्दू किसी को पसंद नहीं है।
फिर रानी ने कहा कि अगर कोई आज सभी लोग आ गए और उन्होंने अच्छी तरह खाना भी खा लिया तो तुम मुझे क्या दोगे यह सुनकर राजा कहते हैं अगर मेरे सभी दोस्त आ गए और उन्होंने खाना भी खा लिया अच्छी तरह से तो फिर जो तुम मुझे मांगोगे मैं तुम्हें दूंगा।
रानी के पास यह बहुत अच्छा मौका था कद्दू से पीछा छुड़वाने का रानी ने सभी राजाओं को एक-एक खत लिखा और सभी को भिजवा दिया।
दावत के दिन सभी आसपास के राजा महल में आ गए और सभी एक साथ बैठ गए लेकिन तभी रानी ने वह मंत्र जो तोते ने उसे दिया था सभी पर वह मंत्र बोल दिया जिसकी वजह से सभी मेहमानों को कद्दू की बनाई हुई चीज की बजाय दूसरी चीज दिखाने लगी। मतलब कि अगर कद्दू का हलवा है तो किसी को गाजर का दिखने लगा किसी को किसी और का दिखने लगा लेकिन कद्दू की कोई चीज किसी को नहीं देखी जादू की वजह से।
सभी मेहमानों ने सारे पकवान को खाए और वह जाति बहुत राज्यों से कहा कि बहुत ही स्वादिष्ट पकवान थे सभी ही सुनकर राजा तो दम ही रह गया और रात में जब रानी राज्य के पास आई और कहने लगी कि तुम्हें तुम्हारी शर्ट याद है यह सुनकर राजा कहाँ लगा हां मुझे आपकी शर्त याद है बताओ तुम्हें क्या चाहिए।
यह सुनकर रानी कहने लगी तुम मुझसे वादा करो कि आज के बाद तुम कोई भी कद्दू का पकवान नहीं खाओगे और राज्य में भी सभी को कद्दू के अलावा सभी चीज उगने की अनुमति दूंगी यह सुनकर राजा कहाँ लगा ठीक है ठीक है और दूसरे दिन से राज्य के लोगों ने कद्दू से छुटकारा पाया।
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बुद्धिमान राजा की कहानी
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