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12 परियों की कहानी | रंग बिरंगी परियों की कहानी | नन्ही परी की कहानी | jadui pari ki kahani

 आज की इस 2023 की 12 परियों की कहानी मे आप सभी पढ़ने वाले है तितली परी की कहानी क्यूंकी इसी त्राह की 7 राजकुमारियों की कहानी पढ़ना बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और साथ ही आपको रंग बिरंगी परियों की कहानी और खोई हुई परी की कहानी , नन्ही परी की कहानी  भी पढ़ने को मिलने वाली है। 

तो चलिये शुरू करते है 12 परियों की कहानी 


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12 परियों की कहानी 

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खोई हुई परी की कहानी

नन्ही परी की कहानी 



चार पारियों की अनाथ बेटी

आज की इस 2023 की 12 परियों की कहानी मे आप सभी पढ़ने वाले है तितली परी की कहानी क्यूंकी इसी त्राह की 7 राजकुमारियों की कहानी पढ़ना बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और साथ ही आपको रंग बिरंगी परियों की कहानी और खोई हुई परी की कहानी , नन्ही परी की कहानी  भी पढ़ने को मिलने वाली है।   तो चलिये शुरू करते है 12 परियों की कहानी
12 परियों की कहानी 

एक बार की बात है चार खूबसूरत परियां अपने टोली के साथ एक जंगल के ऊपर से गुजर रही थी तभी उन्हें जंगल के पास एक बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी।

चारों परियों ने आसपास देखा तूने कुछ दिखाई नहीं दिया तो वह सब वहां से चली गई लेकिन वहां पर सचमुच एक छोटी बच्ची थी जिसे किसी ने वहां छोड़कर चला गया था।

वह छोटी बच्ची जोर-जोर से रो रही थी जिसकी वजह से सारे जंगल के जानवर भी उसे आवाज को सुन पा रहे थे तभी वहां पर एक खूंखार शेर आ गया और शेर ने उसे बच्ची को देखा तो वह बहुत खुश हो गया क्योंकि उसने बहुत दिनों से भरपेट खाना नहीं खाया था।

शेर उसे बच्चों को देखते देखते आगे बढ़ने लगा और यह भी देखने लगा कि कहीं इसके साथ कोई और तो नहीं है कहीं इसके साथ इसकी मां तो नहीं है और यह सोचते सोचते शेर आगे बढ़ने लगा और बच्ची को खाने की तैयारी करने लगा।


लेकिन तभी उन चार परियों की टोली वहां से दोबारा वापस गुजर रही थी तभी उन्होंने शेर को देख लिया और शेर को देखने के बाद वह समझ गई की शेर किसी ने किसी का शिकार करने वाला है लेकिन वह जब जमीन पर उतरी चारों के चारों परियां तो वह देखकर दंग रह गई क्योंकि वहां एक पत्थर के ऊपर एक छोटी सी बच्ची पड़ी हुई थी जो जोर-जोर से रो रही थी वह मुश्किल से पाच से 6 महीने की बच्चे होंगी।


यह देखते ही वह तुरंत वहां शेर के सामने आ गए और चारों परियों ने शहर से कहा खबरदार जो तूने इस छोटी सी बच्ची को हाथ भी लगाया था शेर यह देखकर दंग रह गया और शेर ने कहा कि मैं इसे खाना चाहता हूं तुम मेरे बीच में क्यों आ रहे हो यह बच्चे तुम्हारी कौन लग रही है जैसे ही यह शेर ने सवाल पूछा पर यह दंग रह गई क्योंकि परियों को भी पता नहीं था कि वह इस बच्ची को क्यों बचा रहे हैं।


शेर ने कहा तुम चारों परियां तुम्हारा रिश्ता इस बच्ची के साथ बता दो तो मैं इस बच्चे को नहीं खाऊंगा यह सुनकर चारों पर या दंग रह गई और उन्होंने बिना सोचे समझे ऐसा जवाब दिया कि हमारी बेटी है और हम सब चारों इसकी मां है यह सुनकर शेर भी थोड़ी देर के लिए खामोश रह गया और वहां से भाग ने लगा।


जैसे ही शहर भाग रहा था तभी एक परी ने जोर से आवाज लगाकर कहा अब दोबारा मेरे बच्चे के आसपास दिखाई दिया तो टांगे तोड़ दूंगी और शेर यह सुनकर और स्पीड से भागने लगा।


चारों पारियों में से एक परी कहने लगी यह बच्ची किसकी हो सकती है किसने इस सुनसान जंगल में से छोड़कर गया है चारों पर यह इस पर चर्चा कर रही थी तभी उसमें से एक परी बोली हमें जंगल के सभी हिस्सों में छानबीन करना चाहिए ताकि हमें इस बच्ची की मां यह इस बच्चे का कोई भी परिवार वाला मिले ताकि हम उसे यह सब दे क्योंकि यह छोटी सी बच्ची इस जंगल में अकेले तो नहीं रह सकती वरना कोई ना कोई जानवर इसका शिकार जरूर कर लेगा।

चारू प्रिया इस बात पर सहमत हो गई लेकिन उन्होंने पूरे दिन जंगल का चप्पा चप्पा जान मारा लेकिन उन्हें कोई भी इंसान का नामोनिशान नहीं मिला सिवाय उसे छोटी सी बच्ची के सारी परियां शाम को थक हार कर एक जगह जमा हुई और एक दूसरे से कहने लगी क्या तुम्हें कोई दिखाई दिया है क्या तुम्हें कोई दिखाई दिया है लेकिन किसी को कोई इंसान दिखाई नहीं दिया था उसे सुनसान जंगल में।


तभी उसमें से एक परी रहती है क्यों ना हम इस बच्चे को गोद ले ले और हम चारों इसकी मां बन जाए यह सुनकर चारों प्रिया मान गई और उसे बच्चों को गोद ले लिया अब उसे बच्चों की परवरिश चारों पर या कर रही थी और वह चारों भी उस बच्ची की मां थी।


चारों परियों ने मिलकर उसे बच्चे का नाम सुनैना रखा सुनैना एक बहुत ही खूबसूरत थी और इसीलिए चारों परियां उसे बहुत प्यार करती थी अब सुन ना 2 साल की हो गई थी और चारों पर या उसे जंगल के गुफा में रखती थी ताकि जंगली जानवरों से वह सुरक्षित रह सके।


लेकिन एक दिन एक जादू कराया और उसे जादूगर ने वह चारों परियों को सुनैना के साथ देख लिया और सोचने लगा इन परियों की बच्चे कैसे हो सकती है पर यह तो शादी ही नहीं करती है ।

पूजा तू घर बहुत ही लालची था उसे जादूगर को पता था कि इस जंगल में एक पहाड़ के नीचे बहुत सारा खजाना है लेकिन वह अकेला उसे पहाड़ को नहीं खोज सकता था उसे किसी की जरूरत थी और वह अच्छी तरह जानता था कि वह चारों परियों की मदद से उसे पहाड़ के नीचे का खजाना आसानी से अपने कब्जे में कर सकता है लेकिन वह परियों को कैसे कह सकता है कि वह उसकी मदद करें।


लेकिन वह चारों परियों को सुनैना के साथ देखकर समझ गया कि इसे कैसे काम करवाना है वह जब चारों पर या बाहर जाती है तभी वह जादूगर सुन ना को लेकर आता है और एक पिंजरे में बंद कर देता है और वह पिंजरा मगरमच्छ के सामने रख देता है।


शाम को जब चारों परी आती है तो वह देखी है की सुनैना एक पिंजरे में बंद है और वह पिंजरा मगरमच्छ के बिल्कुल पास है अगर वह पिंजरा खुला तो मगरमच्छ सुनैना को खा जाएगा सारी परियां मिलकर चारों परियां उसे पिंजरे को खोलने की कोशिश करती है ताकि सुनैना को बचाया जा सके लेकिन चारों परियों से वह पिंजरा नहीं खुलता क्योंकि जादूगर ने उसे पर जादू कर कर रखा होता है।


अब जादूगर चारों परियों से कहता है कि तुम मुझे उसे पहाड़ के नीचे का खजाना लाकर दो तभी मैं तुम्हारी बेटी सुनने को इस पिंजरे से आजाद करूंगा तभी सारी परियों का एक ही जवाब रहता है हम तुम्हारी इस काम में मदद नहीं कर सकते तुम बहुत लालची हो और जंगल का सारा खजाना लूटने चाहते हो यह सुनकर जादूगर को बहुत गुस्सा आ जाता है और वह गुस्से में कहता है कि अब तुम्हारी चारों परियों की बेटी सुन लेना मेरी जाएगी और यह कहते सही है वह वहां जाता है और पिंजरा खोल देता है।

लेकिन जैसे ही वह पिंजरा खोलना है मगरमच्छ सुनैना को खाने की बजाय जादूगर पर हमला कर देता है और जादूगर को मार डालता है और उसे वही खा लेता है जैसे ही जादूगर मरता है उसका जादू भी खत्म हो जाता है और सारी परियां पिंजरे में से निकल जाती है और सुनैना भी पिंजरे में से निकल जाती है।

चारों परियां मगर मुझसे कहती है तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद हमारी मदद करने के लिए मगरमच्छ रहता है पिछले कुछ सालों से मैं तुम्हारे और इस बच्ची के प्यार को देख रहा हूं कि तुमने किस तरह इस बच्चे को बचाया है इसीलिए मैंने तुम्हारी मदद की है उसे जादूगर को मार कर।


और इसके बाद चारों परियां को समझ में आ जाता है कि जंगल उनके लिए सुरक्षित नहीं है इसीलिए वह सभी सुनने को लेकर परी लोक में चले जाते हैं और बाद में सुनेगा भी एक परी बन जाती है इसी तरह हं

सते-हंसते यह कहानी समाप्त हो जाती है।

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