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50+ क्लास 1 के बच्चों की कहानियां | short story for class 1 in hindi

 आज की इस क्लास 1 के बच्चों की कहानियां  मे आप सभी पढ़ने वाले है short story for class 1 in hindi क्यूंकी इसी तरह की क्लास 1 के बच्चों की कहानियां पढ्न बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और इसी लिए मैंने आप सभी के लिए  short story for class 1 in hindi लेकर आया हु और वो भी 2023 की बिलकुल क्लास 1 के बच्चों की कहानियां


    50+ क्लास 1 के बच्चों की कहानियां | short story for class 1 in hindi

    बन्दर और मगरमच्छ


    एक जंगल में एक बहुत ही बड़ा और घना वृक्ष था। उस वृक्ष पर कई प्रकार के फल लगते थे, जिससे वहां के सभी जानवर बहुत खुश रहते थे। जंगल के एक छोटे से नदी में रहने वाला एक मगरमच्छ भी उस वृक्ष के निकट ही अपना घर बनाए हुए था।

    मगरमच्छ को वृक्ष पर लगने वाले फलों का बहुत शौक था। हर दिन वह वृक्ष की ऊंची डालियों से नीचे कूदकर फल खाता और खुशी-खुशी वापस अपने घर जाता। वहां रहने वाले बंदरों को भी उसके इस शौक का पता था, लेकिन उन्हें इसे बड़े रूप से खराबी लगती थी। उन्होंने बहुत बार मगरमच्छ से कहा कि वह उस वृक्ष पर फल नहीं खा सकता, क्योंकि वह उसके लिए विशेष है और सभी का अधिकार नहीं। लेकिन मगरमच्छ उनकी बातों को नजरअंदाज करता था और अपना शौक जारी रखता।

    एक दिन, बन्दरों ने मिलकर तय किया कि अब उन्हें इस मगरमच्छ का समाधान निकालना होगा। उन्होंने सोचा कि यदि हम इसे दिखाएंगे कि वृक्ष पर जाने के लिए उसके पास कोई खास रास्ता है, तो शायद यह फिर से वृक्ष के फल खाना छोड़ देगा।

    बन्दरों ने मिलकर वृक्ष के पास जाकर उसे अगवा कर लिया और उसको उस वृक्ष के ऊपर चढ़ा दिया। उसके बाद बन्दरों ने मगरमच्छ को कहा, "देखो, हमने तुम्हारे लिए रास्ता दिखा दिया है, अब जाओ और खाना खाओ।"

    मगरमच्छ ने देखा कि वो ऊंचाई पर है और वृक्ष के नीचे से फल खाने की वास्तविकता कुछ और ही थी। वह बहुत दुखी हो गया। उसने बन्दरों से कहा, "आप लोग ठीक नहीं हो, मुझे जाने दो, मैं यहां से नहीं उतर सकता।"

    बन्दरों ने मगरमच्छ को धक्के मारकर उसे वृक्ष से नीचे उतार दिया और कहा, "यह तुम्हारा शिकार नहीं है। तुम बस वहां रहो, जहां से तुम्हें खाने की इजाज़त है।"

    मगरमच्छ ने उसकी बात मान ली और वह फिर से अपने विशेष वृक्ष पर वापस गया। उसने फिर से अपना पसंदीदा फल खाया और खुशी-खुशी अपने घर वापस चला गया।

    short story for class 1 in hindi  कहानी का  मोरल है कि हमें हमेशा अपने अधिकार के मापदंड के अनुसार ही काम करना चाहिए। दूसरों के अधिकारों को अवलंबन न करते हुए हमें अपने सीमित क्षेत्र में ही रहना चाहिए और उसमें खुशी ढूंढनी चाहिए।



    चूहे की बड़ी सीख

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटा सा गाँव था, जहां एक बहुत ही छोटा सा चूहा रहता था। वह चूहा बड़ी ही हुंकारी और जिद्दी था। वह हमेशा अपनी मां से बड़ा होने की बात करता रहता था और उसे बहुत चिढ़ भी जाता था।

    एक दिन, उसकी मां ने उसे एक बड़ी सीख देने का फैसला किया। उसने उसे बुलाया और कहा, "बेटा, तुम बहुत जिद्दी होते हो और हमेशा अपने आप को सबसे बड़ा बताना चाहते हो। परन्तु यह सच नहीं है। असली बड़े वही होते हैं जो दूसरों की मदद करते हैं और उनके साथ उनके समय में खड़े रहते हैं। जो सबकी बुराईयों को छोड़कर, सबको अच्छाई की दिशा में प्रेरित करते हैं, वे ही असली बड़े होते हैं।"

    चूहा ने उसकी बातों को ध्यान से सुना और वह सोचने लगा। उसके मन में उठने लगे सवालों के जवाब ढूंढने लगे। वह समझ गया कि जिद्दी होने से कोई फायदा नहीं होता, बल्कि सही रास्ते पर चलने से ही हम असली बड़े बनते हैं।

    उस दिन से चूहा ने अपनी जिद्दी आदत छोड़ दी। वह दूसरों की मदद करने लगा और सभी के साथ खड़ा रहने का प्रयास करने लगा। वह बड़ी से बड़ी मुश्किल में भी दूसरों की मदद करने से पीछे नहीं हटा।

    दिन बितते-बितते, उसकी अच्छी सोच और सच्ची नेकी सभी के दिलों को जीत लेने लगी। उसके आसपास के लोग उसके नेक कामों को देखकर उसे बड़ा मानने लगे।

    एक दिन, उसका गाँव एक बड़े आपदा के सामने खड़ा हो गया। गाँव को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा था। लोग चिंतित थे और सभी एक-दूसरे की मदद के लिए उतावले थे। चूहा ने देखा कि वहां की सभी लोग परेशान हो रहे हैं और उनकी मदद की ज़रूरत है।

    बिना सोचे समझे, वह अपने अंदर की शक्ति को बुलंद करके लोगों की मदद करने निकल पड़ा। वह अपनी जिद्दी और खुदगर्ज आदतें छोड़कर लोगों की सहायता करने में जुट गया।

    उसने बड़ी मेहनत से लोगों को उनकी घरों तक पहुंचाया, खाने की व्यवस्था की, चिंताएं दूर की और सबको सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। उसकी मदद से लोगों को बड़ी राहत मिली और सभी उसके नेक कामों को सराहने लगे।

    बाढ़ के बाद, सभी लोग उसे बड़े सम्मान के साथ घर ले गए। उस दिन से वह चूहा नहीं, गाँव के बड़े नेता बन गया। लोग उसके सामर्थ्य और उसकी नेक आदतों के साथ प्रभावित हो गए। उसने देखा कि जिद्दी होने से कोई फायदा नहीं होता, बल्कि दूसरों की मदद करने से ही हम असली बड़े बनते हैं।




    शेर की साहसिक कहानी

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    दिन-प्रतिदिन जंगल में एक भयानक शेर रहता था। उसका विक्रमी स्वभाव और भयानक दिखावा उसे जंगल का राजा बना देता था। दूसरे जानवर उससे डरते थे और उसके आग्रह पर उन्हें उसकी मार्गदर्शन करने को विवश कर दिया करते थे।

    एक दिन, जंगल में अचानक भयानक शेर आक्रोशित हो गया। उसके मन में उत्साह उमड़ा और उसने सोचा कि वह अब जंगल के सभी जानवरों को दिखाएगा कि वह असल में कितना साहसी है। वह जंगल के सभी जानवरों को एक साथ इकट्ठा करने का निर्णय लिया।

    उसने सोचा कि वह एक अद्भुत प्रदर्शन करेगा, जो उसे जंगल का असली राजा बना देगा। लोगों ने देखा कि भयानक शेर एक बड़े बटेर में बैठकर उनके सामने आया। उसे देखकर जंगल के सभी जानवर विस्मित हो गए। वे सोचने लगे कि शेर क्या अब इस बड़े बटेर को कैसे पकड़ पाएगा।

    शेर ने एक बार फिर उस बड़े बटेर के सामने जाकर रुक गया और जंगल के सभी जानवरों को एक सवाल पूछा, "क्या तुम सभी इस बड़े बटेर को पकड़ सकते हो?"

    उसका एक साथी जानवर उससे कहने लगा, "नहीं शेर, यह बड़ा बटेर बहुत तेज़ और चालाक है। हम उसे पकड़ नहीं सकते।"

    शेर हँसकर बोला, "तो अगर तुम सब मिलकर एक साथ प्रयास करोगे, तो क्या तुम उसे पकड़ सकते हो?"

    सभी जानवर चुपचाप रह गए। शेर ने उनसे कहा, "देखो, मैं तुम्हें बताता हूँ, जब तुम सभी एक साथ मिलकर सामर्थ्य का इस्तेमाल करोगे, तो तुम किसी भी मुश्किल को आसानी से आसान बना सकते हो।" शेर ने फिर से कहा, "आओ, हम सभी मिलकर इस बड़े बटेर को पकड़ने का प्रयास करें।"

    सभी जानवरों ने शेर की बात मानी और उन्होंने मिलकर एक साथ काम किया। वे सब ने एक साथ मिलकर उस बड़े बटेर को पकड़ लिया। सभी जानवर बहुत खुश थे और उन्होंने शेर को सराहने लगे।

    शेर ने उन्हें समझाया कि सामर्थ्य का सही इस्तेमाल करने से हम किसी भी मुश्किल को आसानी से हल कर सकते हैं। भयानक शेर की यह साहसिक कहानी उस दिन के बाद सभी जानवरों के बीच प्रसिद्ध हो गई। उसके शौर्यपूर्ण कर्म ने उसे जंगल का असली राजा बना दिया। लोग उसकी साहसिक कहानी सुनकर प्रेरित होते और उससे नेक काम सीखते थे।



    बगीचे का रहस्य

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटे से गाँव में एक बड़ा सुंदर बगीचा था। यह बगीचा गुलाबी फूलों, हरी पत्तियों और मिठे फलों से भरा हुआ था। इस बगीचे का देखना ही एक सपने की तरह था। गाँव के सभी लोग इसे देखने के लिए बेताब रहते थे।

    बगीचे के बारे में एक रहस्य का ख्याल गाँव के लोगों को अपनी चिंता का कारण बन रहा था। कहा जाता था कि बगीचे में एक चमकता हुआ संदूक छिपा हुआ है जो अनमोल धन से भरा हुआ है। लेकिन कोई भी इस रहस्य को सुलझा नहीं पाया।

    गाँव के एक बहादुर और समझदार बच्चे ने देखा कि लोग इस रहस्य को सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन वे सभी बिना सफलता के वापस आ रहे हैं। उस बच्चे को यह समझ में आया कि यदि वह रहस्य को सुलझाना चाहता है, तो उसे अलग तरीके से सोचना होगा।

    उस बच्चे ने सोचा कि रहस्य का समाधान सिर्फ उसे ही मिलेगा जो अनोखे और नए रास्तों पर चलता है। उसने अपने दोस्तों को बताया कि वह उन्हें बगीचे के रहस्य को सुलझाने के लिए एक नया प्लान बनाएगा।

    उस बच्चे ने बगीचे की ताला खोलने का नया तरीका सोचा। उसे लगा कि बगीचे की ताला तो खुल जाएगा जब वह सुबह सूरज निकलने से पहले खड़ा होगा। तभी तो रहस्य सुलझेगा।

    वह बच्चा अपने दोस्तों को उस जगह पर बुलाया जहां उसे लगा कि रहस्य छिपा हुआ है। सभी उत्साहित थे क्योंकि वे जानना चाहते थे कि रहस्य क्या है।

    सभी बच्चे बगीचे में पहुँचे और उस बच्चे ने सभी को बताया कि वह सुबह सूरज निकलने से पहले यहाँ आने की कहानी सुनाएगा। उसने बताया कि बगीचे के एक साधू बाबा ने इसे छिपा हुआ है और सबका इंतज़ार है जब वह इसे खोलेंगे तो रहस्य सामने आ जाएगा।

    उस बच्चे ने फिर सभी से कहा, "बगीचे की ताला खुलने से पहले हमें एक साथ इसे चुग लेना चाहिए। जो भी सबसे पहले चुगेगा, उसे बगीचे का रहस्य मिलेगा।" बच्चे सभी मिलकर उसे चुगने लगे।

    सबने बगीचे की ताला खोलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। तभी वह बच्चा, जिसने पहले से ही नए तरीके से सोचा था, उसे चुगा और बगीचे का रहस्य सामने आ गया।

    बगीचे का रहस्य यह था कि उसमें एक खास प्रकाश वाला गहना छिपा हुआ था जो पूरे गाँव की समृद्धि का प्रतीक था। उस दिन से गाँव और उसके लोग धन के साथ समृद्धि को प्राप्त करने के लिए एकजुट हो गए।

    short story for class 1 in hindi  कहानी की  जीवन में सफलता पाने के लिए नए और अनोखे रास्ते चुनने की ज़रूरत होती है और सभी मिलकर काम करने से हमें सफलता मिलती है।



    चमकता हुआ तारा

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक चमकता हुआ तारा रहता था। वह तारा रात को आकाश में खूबसूरती से चमकता था और सभी लोग उसे देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे।

    गाँव के एक छोटे से बच्चे को भी वह तारा बहुत पसंद था। रात को वह अपने छत पर जाकर उस तारा को देखता रहता था। वह अपनी माँ से पूछता, "माँ, तारे इतने प्यारे कैसे चमकते हैं? क्या उनके पास भी एक सिर्फ एक दिन में 24 घंटे होते हैं, जैसे हमारे पास?"

    माँ ने प्यार से उसे गले लगाया और कहा, "बेटा, तारे इतने प्यारे और चमकते हैं क्योंकि वे अपने अंदर के रौशनी को सभी के साथ बाँटते हैं। वे अपनी चमक से आसमान को सजाते हैं और सभी जगह रौनक फैलाते हैं। इसलिए, जितनी ज्यादा रौशनी और प्रेम तुम दूसरों के साथ बाँटोगे, तुम्हारी चमक भी उतनी ही अधिक बढ़ेगी।"

    छोटे बच्चे ने माँ की बातें ध्यान से सुनी और उसे समझ गया। वह सोचने लगा कि वह भी दूसरों के साथ अधिक प्रेम और समर्थन देने लगेगा और अपनी रौशनी को सभी के साथ बाँटेगा।

    उस दिन के बाद, छोटे बच्चे ने सोची समझी रौशनी से अपने दोस्तों को मदद करने लगा और उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार रहता था। वह दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाता और उनकी चार्मिकता को निखारता।

    उसके इस प्रयास से वह भी चमकता हुआ तारा बन गया। लोग उसकी सदैव बनी रौशनी को देखकर प्रेरित होते और उसे आदर से याद करते।

    short story for class 1 in hindi  कहानी की   हम शिखर चर्चा कर सकते हैं कि जैसे चमकता हुआ तारा अपनी रौशनी को सभी के साथ बाँटता है, हमें भी अपने प्रेम और प्रकाश को दूसरों के साथ बाँटना चाहिए और उनकी मदद करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। इससे हमारी रौशनी भी बढ़ती है और हम भी चमकते हुए तारे बन जाते हैं।



    जादुई पेड़


    एक छोटे से गांव में एक जादुई पेड़ था। वह पेड़ बहुत ही अजीब और चमत्कारी था। इस पेड़ पर हर रंग के फूल खिलते थे, और यह चमकीले रंगों में बदल जाता था। गांव के बच्चे इस पेड़ की खोज में लगे रहते थे, लेकिन कोई भी उसे नहीं ढूंढ पाता था। इसलिए, वे उसे "जादुई पेड़" के नाम से जानते थे।

    एक दिन, गांव के एक नन्हे सीधे साधे लड़के ने जादुई पेड़ की खोज करने का निर्णय किया। वह लड़का बहुत उत्साहित था और उसके दिल में उम्मीद की किरणें चमक रही थीं। वह अपने दोस्तों के साथ निकल पड़ा और जादुई पेड़ की तलाश में जंगल में घूमने लगा।

    बच्चे जंगल में ढेर सारे पेड़-पौधों के बीच मेहनती से खोज करने लगे, लेकिन जादुई पेड़ का कोई पता नहीं मिल रहा था। वे थक गए और अपने प्रयास छोड़ने की सोच रहे थे, लेकिन उनके दिल में एक आशा थी कि उन्हें जादुई पेड़ मिल जाएगा।

    इतने मेहनती प्रयास के बाद भी, लड़के ने आशा नहीं हारी। वह उदास और निराश था, लेकिन उसके दोस्त उसे समझते थे और उसे खुश करने का प्रयास कर रहे थे।

    तभी, एक बुढ़िया जो उन्हें देख रही थी, वहां पहुंची और उन्हें ध्यान से सुनने लगी। वह बुढ़िया बहुत ही दयालु और ज्ञानी थी। उसने लड़के से पूछा, "बेटा, तुम इतने उदास क्यों हो? क्या तुम्हारी किसी ख्वाहिश को पूरा करने में मेरी मदद कर सकती हूँ?"

    लड़का उसे बताया कि उसे जादुई पेड़ ढूंढना है, और उसके पास ना तो ताक़त है और ना ही उपाय।

    बुढ़िया ने प्यार से उसका हाथ पकड़ा और कहा, "बेटा, तुम्हारे पास शक्ति और ताक़त दोनों है, बस तुम्हें उसे खोजने के लिए अपने दिल की सुननी होगी।"

    लड़के ने उस बुढ़िया के बातें समझी और वह अपने दोस्तों के साथ फिर से जादुई पेड़ की खोज में निकल पड़ा। इस बार उसने अपने दिल की सुनी और उसे जादुई पेड़ मिल गई।

    जादुई पेड़ के नीचे एक संदूक़ थी, जिसमें चमत्कारी वस्त्र और सभी चीज़ें थीं जो उसके दिल की ख्वाहिशें थीं। लड़का खुशी से झूम उठा और अपने दोस्तों के साथ वस्त्रों का उपयोग करके गांव में खुशियाँ बाँटने लगा।

    जादुई पेड़ ने उस लड़के को सिखाया कि चमत्कार उसके अंदर ही है और जब वह अपनी ख्वाहिशों को साझा करता है, तो सब कुछ संभव हो जाता है। लड़के ने सिखा हुआ यह ज्ञान अपने जीवन में उपयोग किया और वह हमेशा से खुशियों से भरा रहा।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि हमारे अंदर भी असीम शक्ति है, बस हमें अपने सपनों को साझा करना होता है और विश्वास रखना होता है कि सब कुछ संभव हो जाएगा। हमें अपने अंदर के जादू को खोजने की जरूरत है और उसे दूसरों के साथ बाँटने के लिए तैयार रहना होगा।



    गुलाबी इंद्रधनुष

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गुलाबी इंद्रधनुष ने सभी लोगों को अपनी खूबसूरत रंगत और प्रकाश के साथ मोह लिया था। यह गुलाबी इंद्रधनुष बारिश के बाद दिखाई देता था जब सूरज के किरणों ने बादलों को छोड़ दिया। लोग उसे देखकर आश्चर्यचकित हो जाते और उसकी सुंदरता का लुत्फ़ उठाते।

    गाँव के एक छोटे से बच्चे को भी वह गुलाबी इंद्रधनुष बहुत पसंद था। रोज़ बारिश के बाद, वह अपने माता-पिता के साथ बगीचे में खेलता और गुलाबी इंद्रधनुष की खूबसूरत छाया का आनंद लेता। एक दिन, उसे बगीचे के किनारे पर जाते हुए एक बड़ा सा गुलाबी पत्ता मिला। वह पत्ता बहुत ही सुंदर और चमकीला था। उस पत्ते के ऊपर लिखा था, "मेरे अंदर एक रहस्य छिपा है। जिसे खोजने के लिए तुम्हें अपनी ख्वाहिशों के पीछे देखना होगा।"

    बच्चे को बड़ी रहस्यमयी बात लगी। वह पत्ते को अपने पास रख लिया और रोज़ उस पर ध्यान देने लगा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह रहस्य क्या हो सकता है। लेकिन वह हिम्मती था और उसे खोजने का निर्णय किया।

    उसने गुलाबी इंद्रधनुष के बारे में अपने माता-पिता से पूछा, और उन्होंने उसे समझाया कि हर इंसान के अंदर एक खास रहस्य छिपा होता है। वह रहस्य उसके सपनों, इच्छाओं और प्रत्याशाओं का प्रतिबिम्ब होता है। जब वह अपने सपनों का पीछा करता है और उन्हें पूरा करने का प्रयास करता है, तो वह अपने अंदर के रहस्य को खोजता है।

    उस बच्चे को उस दिन से यह समझ आया कि उसके अंदर भी एक रहस्य है, और वह जीवन में सफलता पाने के लिए उसे खोजने की कोशिश करेगा। उसने अपने सपनों की ओर ध्यान देना शुरू किया और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनती से काम किया। जैसे-जैसे वह अपने सपनों के क़रीब पहुँचता गया, उसके अंदर का रहस्य भी खुलता गया।

    जैसे गुलाबी इंद्रधनुष के रंग बदलते हैं, उसी तरह उस बच्चे की जिंदगी भी रंगीन हो गई। उसने अपने सपनों को पूरा करके खुद को सबूत दिया कि जीवन में रंगीनाई और ख़ुशियाँ पाने का सबसे बड़ा राज़ उसके अंदर के रहस्य में छिपा होता है।


    नदी में मिला सबक

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक समय की बात है, एक छोटे से गांव के बच्चे नीलू नामक एक नन्ही सी लड़की थी। वह बड़ी समझदार और उत्साही थी। उसके गांव के पास ही एक सुंदर सी नदी बह रही थी। नीलू बच्चे रोज़ नदी के किनारे खेलने जाया करती थी।

    एक दिन, नीलू नदी के किनारे बहते पानी को देख रही थी। उसे लगा कि पानी उसे आगे बढ़ने से रोक रहा है। वह सोचने लगी, "मुझे भी आगे बढ़ना है, पर यह पानी मुझे आगे कैसे जाने देगा?" नीलू को बहुत परेशानी होने लगी।

    तभी एक बुढ़िया वहां से गुजर रही थी। वह नीलू की परेशानी को देखकर उसके पास आई और पूछा, "बच्चे, तुम इस पानी को पार करना चाहती हो?" नीलू ने हाँ कह दी। बुढ़िया ने कहा, "तो तुम्हें यह सीखने की जरूरत है कि जब बाधाएँ आए, तो उनसे डरने की बजाय उन्हें पार करना सीखो।"

    नीलू बच्चे ने समझा और धीरे-धीरे नदी के पानी में कदम रखने लगी। शुरुआत में उसके पैर थोड़े भीग गए, लेकिन वह हार नहीं मानी। वह धीरे-धीरे पानी में आगे बढ़ती गई और अपने मन की शक्ति से नदी को पार कर लिया। वह खुशी से झूम उठी और बुढ़िया को धन्यवाद दिया।

    बुढ़िया ने मुस्कराते हुए कहा, "बच्चे, जीवन में हमें कई बार बाधाएँ आती हैं, पर हमें हार नहीं माननी चाहिए। इन बाधाओं से सीखना और मुड़कर आगे बढ़ना हमारी मानसिकता को मजबूत बनाता है।"

    उस दिन से नीलू ने जीवन में सभी बाधाओं का सामना करना सीख लिया। उसकी निरंतरता, धैर्य, और सकारात्मक सोच उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती रही।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से हमारे बच्चे यह सिख लेते हैं कि जीवन में हमें बाधाओं का सामना करना आवश्यक है। ये बाधाएँ हमें मजबूत बनाती हैं और हमें अपने अंदर की असीम शक्तियों को पहचानने की सामर्थ्य प्रदान करती हैं। इससे हम अपने जीवन की समस्याओं का सामना करना सीखते हैं और उन्हें पार करते हुए अग्रसर होते हैं।



    एकता का महत्व

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटे से गाँव में बहुत सारे बच्चे रहते थे। वे सभी अपने घरों में खेलने के लिए बहुत उत्साहित रहते थे, परंतु कभी-कभी उनके बीच लड़ाई-झगड़े हो जाते थे। किसी भी खेल में चीता नामक एक छोटा सा बच्चा अपने दोस्तों से अलग हो जाता था और बाकी सभी बच्चे उसे भागा भगाकर खेलने से मना कर देते थे।

    एक दिन, उन बच्चों को उनके गांव के ग्राम पंचायत में बुलाया गया। गांव के सभी बड़े लोग वहां मौजूद थे। पंचायत के पदाधिकारी ने बच्चों से पूछा, "तुम लोगों के बीच इतनी जल्दी लड़ाई-झगड़े क्यों हो जाते हैं? हमारे गाँव की एकता ख़तरे में पड़ रही है।"

    सभी बच्चे शर्माए हुए थे। चीता ने बुलंद आवाज़ में कहा, "सभी बड़ों को धन्यवाद कि आपने हमारे बीच आकर एकता का महत्व समझाया। मुझे खेलने में विशेष रुचि है और मैं वाकई खेलने के लिए उत्साहित हूँ, परंतु अब मैं एकता का संदेश सभी बच्चों को देना चाहता हूँ। हम सभी को साथ मिलकर खेलना चाहिए, एक-दूसरे के साथ मिलजुलकर रहना चाहिए और एकता के साथ रहकर हम सभी मिलकर किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं।"

    सभी बड़े लोग चीता के वचनों से प्रभावित हुए और उसकी सराहना की। वे सभी बच्चों को साथ मिलकर खेलने की सलाह दी और एकता का महत्व समझाया।

    इसके बाद से, गांव के बच्चे सभी कामों में साथ मिलकर काम करने लगे। वे एक-दूसरे की मदद करते और समस्याओं का समाधान मिलकर ढूंढते। उनकी एकता ने गांव को मजबूत बना दिया और सभी ने एक साथमिलकर बड़े समस्याओं का सामना किया।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से  हमारे बच्चे यह समझते हैं कि एकता का महत्व है। जब हम सभी मिलकर काम करते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलजुलकर रहते हैं, तो हम हर कठिनाई का सामना कर सकते हैं और समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।


    अच्छाई का फल

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटे से गाँव में एक अच्छा-सा पेड़ था। इस पेड़ पर बहुत सारे फल लगते थे और वह फल बहुत स्वादिष्ट और लाभदायक होते थे। यह पेड़ गाँव के लोगों के लिए एक वरदान से कम नहीं था।

    पेड़ के नीचे एक छोटे से बच्चे का घर था। वह बच्चा बड़ा ही निकम्मा और दुश्मनीला था। वह अपने साथी बच्चों के साथ नहीं खेलता और उनसे हमेशा झगड़ा करता रहता था।

    एक दिन, बच्चा पेड़ के नीचे खेलते समय अच्छा-सा फल देखा। वह फल बहुत सुंदर और आकर्षक दिख रहा था। बच्चा ने फल को उचित समझ कर तुरंत उखाड़ने की कोशिश की, परंतु फल बहुत ऊंचा था और बच्चा उसे छू नहीं सकता था।

    बच्चा ने अपने साथी बच्चों से कहा, "तुम लोग मेरी मदद क्यों नहीं करते हो? मुझे यह फल उखाड़ना है।" साथी बच्चे भी बच्चे से अच्छा व्यवहार नहीं करते थे, और वे बच्चे की मदद करने को तैयार नहीं थे।

    तभी पेड़ ने अपनी सुन्दर पत्तियों से अपना शाखा झुका दिया और बच्चे को फल तक पहुंचाने में मदद कर दी। बच्चा ने फल को खुशी-खुशी उखाड़ लिया और खाया। उसको बड़ी खुशी हुई और उसने पेड़ को धन्यवाद दिया।

    पेड़ ने हंसते हुए कहा, "बच्चे, जब तुम सभी बच्चों के बीच में मिलकर अच्छा व्यवहार करते हो, तो सभी चीजें आसानी से मिल जाती हैं। तुम्हारे साथी बच्चे भी तुम्हारी मदद करने को तैयार होते, परंतु तुम उनसे अच्छा व्यवहार नहीं करते। एकता में शक्ति होती है, और विरोध में दुर्बलता।"

    बच्चा ने अपनी गलती समझी और अपने साथी बच्चों से माफी मांगी। वह सभी बच्चों ने साथ मिलकर खेलना शुरू किया और अब वे सभी दोस्त थे। उन्होंने समझ लिया कि एकता का फल सबसे मीठा होता है और उसे पाने के लिए वे सभी मिलकर काम करेंगे।

    इस कहानी से हमारे बच्चे यह समझते हैं कि अच्छाई का फल हमेशा मीठा होता है और एकता में ही सभी कामों की सफलता होती है। हमें सभी लोगों के साथ मिलकर रहना चाहिए और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। इससे हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और समरसता बनी रहेगी।



    बंदर बंदरिया की दोस्ती

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक जंगल में एक बड़ा सा पेड़ था। उस पेड़ पर बहुत सारे बंदर रहते थे। वे बंदर रोज़ उस पेड़ पर खेलते, नाचते, और मस्ती करते रहते। पेड़ पर एक बंदर था जो बहुत शरारती और जिद्दी था। उसे हर बात पर लड़ना पसंद था और वह अपने दोस्तों को बहुत तंग करता था। इसीलिए उसके दोस्त उससे बचकर रहते थे और उससे दूर खेलने जाते थे।

    एक दिन, उस शरारती बंदर को देखकर एक प्यारी सी बंदरिया ने उससे बात की। वह बंदरिया बड़ी मीठी और समझदार थी। उसने शरारती बंदर से कहा, "आप इतने शरारती क्यों हो? अगर आप सभी के साथ मिलकर अच्छे से खेलेंगे तो हम सभी को आपसे प्यार होगा।"

    शरारती बंदर ने उस बंदरिया के बात को ध्यान से सुना और समझा। उसे अपने दोस्तों के प्यार की ख्वाहिश थी और वह उनसे प्यार से मिलना चाहता था। इसलिए उसने अपनी शरारती और जिद्दी आदतें बदलने का फैसला किया।

    उस बंदर ने बंदरिया से कहा, "तुम सही कह रही हो, मैं अब शरारत नहीं करूंगा। मैं सभी के साथ मिलकर खेलूंगा और प्यार से रहूंगा।" बंदरिया ने उसे आशीर्वाद दिया और उससे दोस्ती की।

    उस दिन से, बंदर बंदरिया की दोस्ती हुई। उसने अपनी शरारत छोड़ दी और सभी के साथ मिलकर खेलना शुरू किया। उसके दोस्त भी खुश हो गए और वे सभी बंदर मिलकर एक साथ मस्ती करते रहते। उनकी दोस्ती ने उन्हें खुशियाँ और सफलता का एहसास कराया।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से हमारे बच्चे यह समझते हैं कि दोस्ती में भगवान का अच्छाई होता है। हमें दूसरों के साथ भाईचारे का भाव रखना चाहिए और उनसे प्यार से मिलना चाहिए। दोस्ती से हमारी जिंदगी में खुशियाँ और सफलता का पौधा खिलता है और हम सभी एक साथ मिलकर खेलते हुए एकदिवसीय जंगल को सजाते हैं।



    सच्चे मित्र

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटे से गांव में राम और श्याम नामक दो दोस्त रहते थे। वे दोनों बड़ी खुशनुमा और खिलखिलाते हुए रहते थे। राम और श्याम दोनों के बीच बहुत अच्छी मित्रता थी। वे सभी कामों में साथ मिलकर किया करते थे और एक दूसरे के साथ खेलते रहते थे।

    एक दिन, राम को अपने गांव के सभी बच्चे उसके दोस्त श्याम के साथ खेलते देखकर अचानक एक गुस्से से भर गया। उसको लगा कि श्याम उसके साथ सभी बच्चों के साथ खेलने को तरस रहा है और उसने उससे अपनी दोस्ती टूटने की धमकी दी।

    श्याम ने राम की धमकी को हंसते हुए नजरअंदाज़ किया और कहा, "अरे राम, तू भी ना! मैं तो बस उन सभी बच्चों के साथ खेल रहा था। मुझे तो यह बात भी नहीं पता थी कि तू रूठ जाएगा।"

    राम ने भी हंसते हुए उत्तर दिया, "हाँ, तू सही कह रहा है, मैं भी बिलकुल बुरा लग रहा था। यह तो मेरा गलती था। मुझे बस यह दिखा नहीं कि तू मेरे सबसे सच्चे मित्र है और तू सिर्फ मेरे ही दोस्त है।"

    श्याम ने राम को आलिंगन किया और कहा, "राम, हम दोस्त हैं और हमेशा रहेंगे। कभी-कभी ऐसी चीजें हो जाती हैं, परंतु हमें अपनी मित्रता को कभी नहीं खोना चाहिए।"

    दोनों दोस्त फिर से हंसते हुए खेलने लगे और सभी कामों में साथ मिलकर किया करते रहे। उनकी दोस्ती में सच्चाई थी और वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खुश रहते थे।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से हमारे बच्चे यह समझते हैं कि सच्चे मित्र हमारे जीवन में एक अमूल्य रत्न होते हैं। हमें दोस्ती को हर मुश्किल में निभाना चाहिए और अपने मित्रों की ख़ुशियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। विश्वासी और सच्चे मित्र हमें आगे बढ़ने में सहायता करते हैं और हमें जीवन में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।



    रंगों का जहाज

    क्लास 1 के बच्चों की कहानियां 

    एक छोटे से गांव में रहने वाले रोहन नामक बच्चे को रंगों से बहुत प्यार था। वह हर दिन रंगों के साथ खेलना और चित्र बनाना पसंद करता था। रोहन के घर के पास ही एक छोटा सा झील था। वह झील बहुत सुंदर और शांतिपूर्ण दिखती थी। रोहन रोज़ उस झील के किनारे बैठकर रंगों से भरी नावों के चित्र बनाता और खुशी से उन्हें देखता था।

    एक दिन, रोहन ने अपने पिता से कहा, "पापा, मुझे एक रंगों से भरी नाव चाहिए। क्या आप मुझे एक नाव देने का क़र्ज़ ले सकते हैं?" पिता ने रोहन के इच्छाओं को समझा और खुशी से उसे एक लकड़ी की नाव दी।

    रोहन ने उस नाव को बहुत प्यार से सजाया। वह उसे रंगों से भरने लगा। नाव की सभी छोटी-छोटी जगहों में वह विभिन्न रंगों के पैटर्न बना रहा था। उसने नाव को लाल, पीला, हरा, नीला, गुलाबी और और भी बहुत सारे रंगों से भर दिया। अंत में, नाव बहुत खूबसूरत और रंगीन हो गई।

    रोहन ने अपने रंगों से भरे हुए नाव को झील में लैंच किया। वह नाव झील के पानी में बहुत खूबसूरत दिख रही थी। रोहन ने नाव को हाथ में लेकर झील के चारों ओर घुमाया और बड़ी खुशी से खेलते रहा।

    वहां से एक छोटी सी लालची बंदर आया। उसे रोहन के रंगों से भरी नाव देखकर बहुत खूशी हुई। वह बंदर भी नाव में बैठने की कोशिश करने लगा। परंतु नाव बहुत छोटी थी और उस बंदर को नाव में बैठने में मुश्किल हो रही थी।

    रोहन ने बंदर की मदद करने के लिए नाव के किनारे से एक पत्थर निकाला और उसे बंदर को दिया। बंदर ने पत्थर का सहारा लेकर नाव में बैठ गया और खुशी से रोहन को देखता रहा।

    रोहन और बंदर एक साथ नाव में बैठे और झील के पानी में खेलते रहे। रोहन ने बंदर को अपने सच्चे मित्र के रूप में स्वीकार किया और दोनों दोस्त बहुत खुश थे।

    short story for class 1 in hindi  कहानी से हमारे बच्चे यह समझते हैं कि अच्छे दोस्त हमारे जीवन में एक अमूल्य रत्न होते हैं और हमें अपने दोस्तों के साथ सबकुछ बाँटना चाहिए। सच्ची मित्रता में समर्थ होते हुए हम अपने जीवन को खुशियों से भर सकते हैं।



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