आज आप सभी पढ़ने वाले है बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां सुंदर-सुंदर कहानियां, hindi short story और बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां क्यूंकी सुंदर-सुंदर कहानियां पढ़ना हर किसी को अच्छा लगता है और खास करके बच्चो को ।
इसी बात को ध्यान मे रखते हुए आज हम आपके लिए है सुंदर-सुंदर कहानियां, hindi short story तो चलिये शुरू करते है बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां
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बैल का गोबर ( सुंदर-सुंदर कहानियां )
बागपुर नाम का एक गांव था उसे गांव में सारे लोग रोज सुबह काम पर जाते और शाम में वापस लौट कर आते लेकिन वहां पर बल्लू नाम का एक लड़का रहता था वह बिल्कुल काम धाम नहीं करता था और दिन भर गांव में अपने दोस्तों के साथ फिरता था।
एक दिन बल्लू के पिता आए और बल्लू से कहने लगे तब बल्लू आराम से बैठकर फल खा रहा था तभी उसके पिता ने उससे कहा तुम रोजाना गांव में अपने निठलले दोस्तों के साथ घूमते रहते हो और यहां बैठकर फल खा रहे हो अगर तुमने दो दिन के अंदर नौकरी नहीं ढूंढी तो मैं तुम्हें घर से निकाल दूंगा।
यह सुनकर बल्लू कहता है पिताजी मैं रोज तो नौकरी की तलाश में ही रहता हूं लेकिन मुझे नौकरी नहीं मिलती तो मैं क्या करूं यह सुनकर उसके पिता कहते हैं हा हा मुझे पता है कि तुम कितनी नौकरी ढूंढते हो दिन भर तो अपने दोस्तों के साथ करते रहते हो और तुम तो एक नंबर के कामचोर हो लेकिन याद रखो अगर इस बार तुमने दो दिन के अंदर काम नहीं ढूंढा तो मैं तुम्हें सच में घर से निकाल दूंगा।
बल्लू को पता चल जाता है कि इस बार उसके पिता बहुत गुस्से में है और उससे वह दो दिन के बाद अगर नौकरी नहीं ढूंढा तो उसे सच में घर से निकाल देंगे।
शाम को बल्लू की मां बल्लू के पिता से कहती है कि अगर बल्लू ने 2 दिन के अंदर नौकरी नहीं ढूंढी तो क्या सच में तुम उसे घर से निकाल दोगे यह सुनकर बल्लू के पिता कहते हैं हां मैं उसे सच में हूं घर से निकाल दूंगा इसी से वह सुधरेगा नहीं तो वह और भी कामचोर बन जाएगा।
2 दिन गुजर जाते हैं लेकिन बालू कोई काम धंधा नहीं ढूंढ पता लेकिन जब सुबह बल्लू की मां बल्लू को जगाने के लिए जाती है तो बल्लू जमीन पर बैठ जाता है और कागज खाने लगता है और अंबा अंबा चिल्लाता है यह सुनकर बल्लू की मां बहुत डर जाती है और बल्लू के पिता को बुलाकर लाती है।
बल्लू के पिता बालू से कहते हैं तुम्हें क्या हुआ कुछ तो बोलो लेकिन बालू अंबा अंबा ही करता रहता है और बाकी कुछ नहीं करता।
थोड़ी देर में पूरे गांव वाले बल्लू के घर के सामने जमा हो जाते हैं और बल्लू सभी को देखकर अंबा अंबा चिल्लाता है और बाकी कुछ नहीं करता यह देखने के बाद गांव वाले सलाह देते हैं इस डॉक्टर के पास ले जाओ बल्लू के पिता बल्लू को डॉक्टर के पास ले जाते हैं डॉक्टर को बल्लू की बीमारी का पता नहीं चलता और डॉक्टर कहता है मैंने अपनी जिंदगी में पहला ऐसा पेशेंट देखा है जो ऐसा कर रहा है।
बल्लू के पिता एक पेड़ के नीचे बैठे रहते हैं और सोचते हैं और कहते हैं कि मेरा बेटा गाय की तरह क्यों कर रहा है और दिन भर अंबा अंबा चल रहा है यह सुनकर बगल वाला आदमी कहता है अगर वह गाय की तरह कर रहा है तो तुम उसे गाय के डॉक्टर के पास लेकर जाओ यह सुनकर बल्लू के पिता कहते हैं हां यह तो मैंने सोचा ही नहीं।
दूसरे दिन बल्लू के पिता बल्लू को जानवरों के अस्पताल में लेकर जाते हैं जानवरों का डॉक्टर बल्लू को देखा है और बल्लू की पिता से सब कुछ पूछता है सब कुछ पूछने के बाद डॉक्टर को पता चल जाता है की बीमारी क्या है डॉक्टर एक रस्सी मंगवाता है और बल्लू को रस्सी से बांध देता है।
इसके बाद वह दो बड़े-बड़े इंजेक्शन लाता है और बल्लू से कहता है मैं तुम्हें यह इंजेक्शन दूंगा इससे तुम्हारी बीमारी ठीक हो जाएंगे इतने बड़े-बड़े जानवरों के इंजेक्शन देखकर बल्लू डर जाता है।
और बोलने लगता है कि मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि अगर मैं नौकरी नहीं ढूंढ लूंगा 2 दिन के अंदर तो मुझे घर से निकाल देंगे इसीलिए नौकरी से बचने के लिए और घर से बेघर होने से बचने के लिए मैंने यह ड्रामा किया था।
यह सुनकर बल्लू के पिता कहते हैं इसका मतलब यह है कि तुम हमें दो दिनों से बेवकूफ बना रहे थे और इतना कहते उसे ही वह बल्लू के पीछे उसको करने के लिए भागते हैं और बल्लू को उसकी होशियारी भारी पड़ जाती है।
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