आज की इस कहानी मे आप सभी लोग पढ़ने वाले है पंचतंत्र की कहानी- चतुर खरगोश क्यूंकी बेडटाइम स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी पढ्न सभी को बहुत अच्छा लगता है और आज आप लोग पढ़ोंगे sher aur khargosh ki kahani तो चलिये बिना किसी देरी के पढ़ते है 2024 की बिलकुल नयी कहानी sher aur khargosh ki kahani
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पंचतंत्र की कहानी- चतुर खरगोश
बेडटाइम स्टोरी फॉर किड्स इन हिंदी
sher aur khargosh ki kahani
पंचतंत्र की कहानी- चतुर खरगोश
एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे और सभी आपस में मिलजुल कर रहे थे लेकिन इस जंगल में एक शेर भी रहता था जो हर दिन सभी जानवरों को मार कर खाया जाता था इसकी वजह से सारे जानवर बहुत तंग आ गए थे।
एक दिन सभी जानवरों ने यह तय किया कि शेर के पास जाएंगे और उनसे बात करेंगे तो सभी जानवर जिसमें चीता हाथी खरगोश और भेड़िया सभी शामिल थे शेर के पास गए और कहां की तुम रोजाना इतनी जानवर मारते हो लेकिन सभी को का भी नहीं पाए इसकी वजह से जंगल के जानवरों की संख्या कम होती जा रही है।
यह सुनकर शेर बोल तो फिर मैं क्या करूं एक भी जानवर को नहीं मारू मैं खुद ही भूखा मर जाऊं।
यह सुनकर एक गीदड़ बोला नहीं महाराज आप रोजाना कितने जानवरों को मारते हैं लेकिन सभी को ठीक से का भी नहीं पाते हमने यह योजना बनाई है कि रोजाना आपके गुफा में एक जानवर भेज देंगे जिसकी वजह से आपको शिकार भी नहीं करना पड़ेगा और ज्यादा जानवर भी नहीं मारे जाएंगे।
शेर को बहुत अच्छा सुझाव लगा और उसने कहा ठीक है लेकिन याद रखना अगर कोई भी दिन एक जानवर मेरे गुफा में नहीं आया तो मैं फिर जितने चाहो उतने जानवरों को खा सकता हूं यह बात सभी जानवरों ने मंजूर कर ली।
अब सभी जानवर एक-एक कर कर हर दिन शेर की गुफा में जाते थे जिसकी वजह से शेर गुफा से बाहर नहीं निकलता और बाकि जानवरों की जानवर जाति और उन्हें शेर का खतरा भी महसूस नहीं होता था।
एक दिन शेर की गुफा में जाने का खरगोश का नंबर आ गया वैसे तो खरगोश छोटा सा था लेकिन बहुत चतुर था उसने सोचा कि मैं बेवजह शेर का खाना क्यों बानो उसने तरकीब निकाली और शेर की गुफा में लेट पहुंचा वह शेर का भूख से बुरा हाल था ।
और उसने खरगोश को देखकर चिल्लाते हुए कहा एक तो उन जानवरों ने इतना सा जानवर भेजा है ऊपर से तुम भी लेट आए हो यह सुनकर खरगोश कहने लगा।
नहीं महाराज जानवरों ने तो पूरे 6 खरगोश भेजे थे लेकिन रास्ते में हमें एक दूसरा शहर मिल गया जिसने हमारे पास खरगोश को खो गया और मैं किसी तरह उसे बचता बचता भागते आया हो आपका भोजन बनने के लिए।
यह सुनकर शेर जोर-जोर से दहाड़ने लगा और कहने लगा यह जंगल मेरा है यहां कोई दूसरा शहर नहीं आ सकता और शेर ने खरगोश से कहा चलो मुझे उसे शेर का पता बताओ।
खरगोश ने शेर को अपने साथ ले गया और एक कुएं के बाहर खड़ा हो गया और कहने लगा मुझे वह शेर यही दिखा था शायद यह कुआं उसकी गुफा है और शायद वह इसको एक ही अंदर होगा।
कुएं में बहुत सारा पानी था जैसे ही शेर ने कुएं के अंदर झांका तो उसे उसकी ही परछाई दिखाई दी और वह जोर से धरने लगा उसे लगा कि कुएं के अंदर सच में एक दूसरा शेर है ।
और उसे करने के लिए वह कुएं में खुदा और कुएं में बहुत ज्यादा पानी था इसलिए शेर डूब कर मर गया और सारे जानवरों को शेर से छुटकारा मिला।
सारे जानवरों ने खरगोश का धन्यवाद अदा किया और सभी जंगल में शांति से और खुशी से रहने लगे।
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