10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी

 आज की इस पोस्ट मे हम लोग पढ़ने वाले है  motivational kahaniya in hindi क्यूंकी इसी तरह की  motivational kahaniya in hindi पढ़ना बहुत लोगो को पसंद होता है क्यूंकी  motivational kahaniya in hindi कहानी से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है तो चलिये बगैर किसी देरी के शुरू करते है  motivational kahaniya in hindi


 पत्थर और मूर्तिकार की कहानी

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी
motivational kahaniya in hindi

एक बार की बात है एक गांव में एक बहुत ही प्रतिभाशाली मूर्तिकार रहता था वह मूर्तिकार पत्थर को तलाश कर मूर्तियां बनाने में बहुत प्रसिद्ध था और वह पत्थरों को इतना अच्छा तरसता था की मूर्ति लगते ही नहीं थी कि पत्थर से बनी है।
10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी

एक बार जो मूर्तिकार मूर्ति बनाने वाला था तभी उसने देखा कि उसके पास कोई अच्छा ढंग का पत्थर नहीं है मूर्ति बनाने के लिए तभी उसने सोचा कि जंगल में जाकर कोई अच्छा सा पत्थर लेकर आता हूं जब वह जंगल में गया तो बहुत ढूंढने पर उसे पत्थर नहीं मिला।

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी

फिर वह देखता है कि एक बहुत ही अच्छा पत्थर है जो उसके मूर्ति के लिए एकदम परफेक्ट है वह पत्थर अपने गाड़ी में रख लेता है फिर आगे चलकर उसको एक और पत्थर दिखता है तो वह भी पत्थर मूर्तिकारअपनी गाड़ी में रख लेता है।

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी

अब वह दोनों भी पत्थर को अपने गाड़ी में डालकर अपने घर ले जाता है और उनमें से दोनों में पत्थर अपने कार्य गिरी की जगह पर रख देता है।


10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी


दूसरे दिन वह उनमें से एक पत्थर लेता है और उसे तराशने लगता है हथौड़ी और छेनी से लेकिन जैसे ही पत्थर पर हथौड़ी और छेने की मार पड़ती है पत्थर जोर-जोर से चिल्लाने लगता है और कहेता है " यह क्या हुआ तुम मुझे हथौड़ी से क्यों मार रहे हो मुझे बहुत दर्द हो रहा है कृपया करके मुझे मत मारो मुझे बहुत दर्द हो रहा है"


पत्थर की आवाज सुनकर मूर्तिकार को पत्थर पर दया आ जाती है और वह पत्थर को साइड में रख देता है।

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी


 और दूसरे पत्थर को ले लेता है और दूसरे पत्थर को तराशने लगता है और उसे पर मूर्ति बनाने लगता है कुछ ही दिनों में मूर्ति बनाकर तैयार हो जाती है।

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी


अब मंदिर में मूर्ति की स्थापना का टाइम आ जाता है लोग पूर्तिकर के पास जाते हैं और मूर्तिकार से कहते हैं हमारी मूर्ति तैयार है मूर्तिकार कहता है हां मूर्ति तैयार है इसे ले जाओ जब लोग मूर्ति ले जा रहे होते हैं कि मूर्तिकार कहेता हैं अरे नारियल फोड़ने के लिए तुम्हें पत्थर चाहिए ना तो यह पत्थर ले जाओ मूर्तिकार उन्हें वही पत्थर देता है जो उसने पहले मूर्ति बनाते हुए रख दिया था।


10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी


अब लोग मूर्ति को मंदिर में स्थापित करते हैं और जो पत्थर साथ में लाए थे उसे नारियल फोड़ने के लिए रख देते हैं अब लोग रोजाना उसे पत्थर पर नारियल फोड़ते हैं तो उसे पत्थर को बहुत चोट लगती है और रोज वह चिल्लाता है और रोज लोग उसे पर पत्थर फोड़ते हैं और जो पत्थर से मूर्ति बनी थी उसकी पूजा करते हैं उसे पर दूध चढ़ाते हैं उसे मिठाई खिलाते हैं और उसे पर फूल चढ़ाते हैं।

10+ motivational kahaniya in hindi | पत्थर और मूर्तिकार की कहानी


अब वह पत्थर जिस पर नारियल फोड़ा जाता था वह बहुत दुखी होता है क्योंकि अगर वह पहले हथौड़ी और छैनी का मार सह लेता तो उसे एक ही बार दुख होता और तकलीफ होती फिर मूर्ति बनने के बाद उसकी पूजा की जाती लेकिन उसने पहले बिगड़ा नहीं उठाई तो अब उसे रोज पीड़ा का सामना करना होंगा।


कहानी से मिलने वाली सीख: ऐसे ही हमारी जिंदगी में भी जब कठिन समय आता है तो हम कठिन समय से बचने की कोशिश करते हैं और थोड़े दिन के सुकून और चैन की तलाश करते हैं लेकिन सच तो यह है कि कभी ना कभी हमें कठिन समय से गुजर नहीं होता है और अगर आप पहले हम कठिन समय लेंगे तो बाद में हमारे लिए बहुत ही आसानी होगी लेकिन अगर हम पहले कठिन समय से बचेंगे तो बाद में हमारे लिए बहुत ही बुरा समय आ जाएगा और फिर हमें हर दिन पीड़ा साहेनी होंगी।


इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जब भी हमारे सामने दो रास्ते हो एक के हमें बिगड़ा सही नहीं होगी यह एक हमें आराम करना होगा तो हमें पीड़ा वाला रास्ता चुनना चाहिए क्योंकि पीड़ा दुख और तकलीफ हमें कभी ना कभी मिलने वाली है और अगर हम पहले उसे स्वीकार कर लेंगे तो बाद में हमारे लिए बहुत ही आसानी होगी।


ठीक उसी पत्थर की तरह जिसने पहले पीड़ा सीने से इनकार किया लेकिन बाद में उसे पर रोज लोग नारियल फोड़ने लगे हमें उसे पत्थर की तरह बना है जो तरसते के लिए तैयार हो और पीड़ा सहने के लिए तैयार हो क्योंकि सिर्फ हमें पत्थर तरसते ताकि तकलीफ होगी।


लेकिन जब हम मूर्ति में ढल जाएंगे जब लोग हमारी पूजा करेंगे हमें पीड़ा नहीं देंगे इसीलिए यह बात को ध्यान में रखते हुए हमें चाहिए कि पहले दुख और तकलीफ बर्दाश्त करें और बाद में आराम करें और जिंदगी का मजा ले।


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