भूत वाली कहानियां | bhutiya kahaniyan

 आज की इस कहानी मे आप सभी लोग पढ़ने वाले है भूत वाली कहानियां क्यूंकी इसी तरह की भूत वाली कहानियां पड़ना बच्चो को और साथ ही बड़े लोगो को भी पसंद होती है और साथ ही आपको इस पोस्ट मे 2023 की भूत वाली कहानियां पढ़ने को मिलने वाली है और वो भी मज़ेदार कहानिया तो चलिये शुरू करते है bhutiya kahaniyan


    भुतिया रसस्ता 

    भूत वाली कहानियां |  bhutiya kahaniyan
    भूत वाली कहानियां

    सोनकपुर गांव में एक परिवार रहता था उसमें दो बच्चे थे और मैं भी अभी थे एक बार खाना खाते-खाते बच्चों ने मां से कहा कि अब हमें स्कूल की छुट्टियां लग रही है अब हमें नानी के घर जाना है यह सुनकर मैंने कहा नहीं अभी मुझे बहुत काम है मैं तुम्हें बाद में नानी के घर ले जाऊंगी।


    लेकिन बच्चे बहुत जिद करने लगते हैं यह देखकर मां कहती है ठीक है ठीक है कल तुम्हें मैं नानी के घर लेकर जाऊंगी पर यह कहकर बच्चे सो जाते हैं और सुबह खुशी-खुशी उठते हैं कि नानी के घर जाना है।


    लेकिन उनके गांव से बस के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था और बस का बहुत रास्ता देखना पड़ता था तो दोनों बच्चे अपने पिता के साथ जाती है और बस का रास्ता देखने लगते हैं लेकिन उन्हें कोई बताता है कि आज बस नहीं आने वाली है यह सुनकर बच्चे बहुत ही नाराज हो जाते हैं।


    फिर दोनों बच्चों के पिता कोई दूसरी गाड़ी देखते हैं कि उनके नानी के घर छोड़ दे लेकिन कोई भी गाड़ी वर नजर नहीं आती वह एक सुनसान रास्ता था उस रास्ते के ऊपर पूरा सन्नाटा था और सिर्फ पेड़ पौधे थे और लोग आने जाने वाले नहीं थे और गाड़ियों का भी नामोनिशान नहीं था।


    यह देखकर बच्चों को डर भी लग रहा था लेकिन मैं नानी के घर जाना था तो वह क्या करें तब उनके पिता कहते हैं बच्चों अब तो यह गाड़ी नहीं आने वाली नहीं बस आने वाली है इसलिए मैं घर वापस चलना चाहिए।


    यह सुनकर बच्चे कहते हैं ठीक है पिताजी हम घर वापस जाते हैं इतने में वहां एक बूढ़ी औरत आ जाती है जो साइकिल पर होती है वह उनसे कहती है तुम्हें कहां जाना है बच्चे कहते हैं कि हमें तो नानी के घर जाना है और हम नानी के घर जाने के लिए कल से बहुत बेताब है लेकिन बस नहीं है यह सुनकर वह बूढ़ी औरत कहती है।


    तुम्हारे नानी का घर कहां है यह सुनकर बच्चों के पिता कहता है कि उनके नानी का गांव यही आस पास में है यह सुनकर बुढ़िया कहती है मैं भी वही जा रही हो मैं साइकिल पर अब तुम्हारे बच्चों को छोड़ देती हूं।


    यह सुनकर बच्चों के पिता कहता है ठीक है छोड़ दीजिए लेकिन बच्चे साइकिल पर बैठने के लिए तैयार नहीं थे यह सुनकर बच्चों का पिता कहता है देखो तुम्हारे पास दो ऑप्शन है या तो इस गुड़िया के साइकिल पर बैठकर अपने नानी के घर जाओ या फिर अपने घर चलो मैं तुम्हें कल नानी के घर छोड़कर आऊंगा।


    यह सुनकर बच्चे कहते हैं ठीक है आप हमें कल छोड़कर आना यह सुनकर बुढ़िया नाराज हो जाती है और वह चुड़ैल बन जाती है बुढ़िया को चुड़ैल देखकर सारे बच्चे डर जाते हैं और जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं बच्चों का पिता उसे चिड़िया को जोर-जोर से करने लगता है लेकिन वह चुड़ैल बहुत ताकतवर थी।


    उसने दोनों बच्चों को भी मांगा और उसके पिता को भी मारा और बच्चे को साथ में ले जाने लगे साइकिल पर यह देखकर बच्चे के पिता साइकिल पर लटक गया।


    चुड़ैल को और भी गुस्सा आने लगा उसने अपनी ताकत से उस साइकिल को भगाना शुरू किया बच्चे भी उसके ऊपर बैठे हुए थे कि देखकर बच्चे का पिता बहुत रोने लगा लेकिन अचानक से साइकिल गिर गई और चुड़ैल को बहुत चोट आ गई इस बीच बच्चों की पिता ने बच्चों को लिया और अपनी जान बचा कर घर वापस लौट आया।



    बूढ़े आदमी के खेत में चुड़ैल

    भूत वाली कहानियां |  bhutiya kahaniyan
    भूत वाली कहानियां


    एक छोटे से गांव में एक बूढ़े आदमी रहते थे। वे बड़े मेहनती और ईमानदार थे। उनके पास एक छोटी सी जमीन थी, जिसमें वे फसले उगाकर अपने परिवार की देखभाल करते थे। उनके खेत में उगती हुई फसल की खुशबू से पूरा गांव महसूस करता था।


    एक रात, जब सभी लोग सो रहे थे, उनके खेत में कुछ अजीब घटनाएं होने लगी। बूढ़े आदमी को आवाज़ आने लगी। उन्होंने बहुत सी बार कोशिश की लेकिन न तो आवाज़ का पता लगा सकते थे और न ही उस स्थान का पता।


    दिन बितते जा रहे थे और घटनाएं बढ़ती जा रही थीं। फिर एक दिन, जब बूढ़े आदमी खेत में गेहूँ काट रहे थे, एक चुड़ैल का रूप धारण करके वहां पहुंची। उसके बड़े और भयानक नाक और लंबे पंखे थे। वह बूढ़े आदमी को देखकर चिल्लाई और भागने लगी।


    बूढ़े आदमी को देखकर चुड़ैल और भी डर गई और वह भी भागने लगी। वह अपने पुराने और गंदे घर छोड़ दिया और निकल भागी। बूढ़े आदमी ने इस दृश्य को देखा और हंसते हुए अपने घर वापस चले गए।


    दोनों के बीच एक अजीब सी दोस्ती हो गई। चुड़ैल ने अब तक कभी सोचा नहीं था कि भीषण रूप धारण करके उसका मजाक बनाएगा एक बूढ़े आदमी। बूढ़े आदमी ने भी सोचा नहीं था कि एक चुड़ैल भी उसके खेत में उगती हुई फसल को चुरा लेगी।


    इस घटना से बूढ़े आदमी ने सीखा कि इंसान को हमेशा दिखावा और भीषणता से ज्यादा, अच्छाई और ईमानदारी का महत्व होता है। इस घटना ने दोनों को सच्चे दोस्त बना दिया और वे आपसी सहायता करते हैं और खेत में उगती हुई फसल को मिली-जुली करते हैं।


    "सच्चे दोस्ती की मिसाल" एक सरल और प्यारी बच्चों की कहानी थी, जो उन्हें अच्छे और बुरे के बीच अंतर को समझाती है। यह कहानी बच्चों को दिखाती है कि सच्चे मित्रता में सबकुछ समाविष्ट होता है और यह एक जीवन के लिए मूल्यवान सबक है।



    मोटा भूत 

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    भूत वाली कहानियां


    एक गांव में एक मोटा भूत रहता था। वह भूत अपने मोटे शरीर और बड़ी सी आंखों के साथ बहुत डरावना दिखता था। लोग उससे डरते थे और भाग जाते थे जब वह उनके पास आता।


    एक दिन, एक बच्चा बहुत उत्साहित था और उसे भूत देखने की खूब इच्छा थी। वह दिन भर भूत की खोज में लगा रहा और उसे आखिरकार उसके घर के पीछे एक पुराने हाथी की खोखली जगह पर मिला।


    बच्चा ने सोचा, "यहां भूत छुपा हुआ हो सकता है!" धीरे-धीरे वह खोखली जगह के पास पहुंचा और अपने दोस्तों को भी बुलाया। वे सभी मिलकर उस जगह के अंदर देखने लगे।


    सबके आँखों के सामने वाकई ही एक मोटा भूत खड़ा था! बच्चा का दिल धड़कने लगा, लेकिन वह अपने दोस्तों के साथ बहादुरी से खड़ा रहा।


    वह दूसरे बच्चों से बोला, "चलो, हम भूत के पास जाकर देखते हैं कि वह असल में है या सिर्फ एक चिट्ठी बनाया गया है।" सभी बच्चे रोज़ ख़िलवाड़ और मस्ती करते थे, इसलिए उन्होंने भूत के पास जाने का फैसला किया।


    बच्चे बौखलाए हुए भूत के पास पहुंचे और देखा, कि भूत की आंखों में आंसू आ रहे हैं। वह खुशी से गले लगाने की कोशिश कर रहा था। भूत ने देखा कि बच्चा उसके पास आया है, तो वह उसे हँसाने के लिए बोला, "हे बच्चो, मैं तो बिलकुल भी डरावना नहीं हूं। मैं तो एक मजाकिया भूत हूं!"


    बच्चा और उसके दोस्त बहुत खुश हुए और उन्होंने भूत के साथ मिलकर मस्ती की। वे सभी एक साथ खेले और हँसे। उस दिन से उनकी दोस्ती मोटे भूत के साथ हो गई और उन्होंने सभी को यह सिखाया कि दिखावा और दरावना रूप के पीछे एक खूबसूरत और मजेदार दोस्त छिपा हो सकता है।


    "मोटा भूत" एक छोटी और मजेदार कहानी थी, जो बच्चों को हंसाने और सिखाने के लिए थी। यह कहानी बच्चों को यह बताती है कि कभी-कभी हमारी भ्रमित धारणाएं हमें गलत समझने में मिल सकती हैं, और हमें दृढ और सच्चे दोस्तों को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए।



    साइकल चुराने वाली चुड़ैल

    भूत वाली कहानियां |  bhutiya kahaniyan
    भूत वाली कहानियां

    एक छोटे से गांव में एक छोटी सी बच्ची रहती थी जिसका नाम चंदा था। वह बहुत ही शरारती और मस्तिकोर थी। चंदा की एक बड़ी सी मनोरंजक दिवस्वप्न थी, वह बिना रुके साइकल चलाना चाहती थी। एक दिन, उसने अपने पिताजी से कहा, "पिताजी, मुझे साइकल चलानी है।"


    पिताजी ने हँसते हुए कहा, "अच्छा, चलो साइकल चलाते हैं।"


    चंदा बहुत खुश हुई और उसने साइकल पकड़ी। वह धूप में साइकल चलाने निकली। चंदा चारों तरफ धूप की रौनक और हँसी फैलाती हुई साइकल चला रही थी।


    गांव के सभी बच्चे और लोग चंदा को देखकर हँस रहे थे। चंदा बड़ी खुशी से उन्हें हँसाने की कोशिश कर रही थी।


    तभी वह एक गहरे जंगल में पहुंची, जहां एक बड़ी सी कुंडली वाली चुड़ैल रहती थी। वह चुड़ैल चंदा को देखकर खुश हुई और बोली, "हे बच्ची, क्या कारण है तुम्हारे इतने खुश होने का?"


    चंदा ने उत्साह से कहा, "देखो देखो, मैंने साइकल चलानी सीख ली है!"


    चुड़ैल ने हँसते हुए कहा, "अच्छा, चलो तो मुझे भी साइकल चलाओ।


    चंदा बिना सोचे समझे चुड़ैल को साइकल पर बिठा दी। चुड़ैल खुशी से साइकल चलाने लगी। चंदा ने बड़ी खुशी से देखा कि चुड़ैल साइकल चला रही है।


    तभी वह देखती है, चुड़ैल के पास एक बड़ा सा दिक्कतवार बना हुआ है। चुड़ैल का दिक्कतवार खिड़कने का इशारा कर रहा था।


    चंदा ने चुड़ैल को पूछा, "आप इसका क्या करती हैं?"


    चुड़ैल ने हँसते हुए कहा, "देखो, यह दिक्कतवार खुल नहीं रहा है। मैं इसे कैसे खोलूं?"


    चंदा ने खुशी से कहा, "चिंता न करें, मैं आपकी मदद करूंगी।"


    चंदा ने चुड़ैल के दिक्कतवार को आसानी से खोल दिया। चुड़ैल बड़ी खुश हुई और उसने चंदा को धन्यवाद दिया।


    चंदा को चुड़ैल की मदद करने में बड़ी खुशी मिली। उसके दिल में एक अजीब सी खुशी हुई कि उसने एक चुड़ैल की मदद की और वह भी उसे खुशी मिली।


    इस चुटकुली भरी मजेदार कहानी के साथ चंदा ने देखा कि हर व्यक्ति में अच्छाई होती है और हमें किसी की मदद करने में खुशी मिलती है। चंदा के दिल में इस छोटी सी कहानी ने एक प्यारी सी छाप छोड़ दी।



    सब्ज़ी मंडी का भूत 

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    भूत वाली कहानियां


    एक छोटे से गांव में एक बड़ी सब्जी मंडी थी। वहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग सब्जियां खरीदने आते थे। परंतु इस मंडी में एक अजीब सी घटना हो रही थी। लोग कह रहे थे कि मंडी में भूत आ गया है!


    एक दिन, राजू नाम का एक शरारती बच्चा भी मंडी में गया। उसके दोस्तों ने उसे डराया कि भूत आ गया है, और मंडी में भूत रह रहा है।


    राजू डर गया और सोचा कि यहां जाने से अच्छा है वह घर वापस चला जाए। परंतु फिर उसने सोचा कि कुछ तो खेलना चाहिए। वह अपने दोस्तों को बताने के लिए वहां बहुत चिड़चिड़ा भूत है, और वह उससे डरता नहीं।


    राजू ने अपने दोस्तों को बताया कि उसको भूत से डर नहीं लगता। दोस्त उसे हंसते हुए देख रहे थे, और उन्होंने कहा, "अच्छा, तू जाकर उस भूत से मिलकर आएगा तो हम भी देखेंगे।"


    राजू ने अपने दोस्तों को अच्छे से समझाया कि वह भूत सिर्फ उनको दिखाने के लिए झूठ बोल रहा है। वह भूत वास्तव में नहीं था। परंतु दोस्तों ने उसके झूठ को सच मान लिया।


    राजू को देखते ही दोस्त चिल्लाए, "भूत! भूत!" और भागने लगे। राजू भी दोस्तों के पीछे भागा। भगते-भगते वह दूसरी तरफ घूम लिया और देखा कि भूत वहीं खड़ा है।


    राजू ने फिर दोस्तों को बताया कि देखो, भूत वहीं खड़ा है। दोस्तों ने देखा तो सच में वहां भूत नहीं था। दोस्त और राजू हंसते हुए वापस गांव चले गए।


    राजू ने सोचा, "ये मजेदार हुआ! दोस्तों को झूठ बोलने से तो मजा आया, पर अब और झूठ नहीं बोलूंगा। आगे से सच का साथ दूंगा।"


    इस छोटी सी कहानी में राजू ने सीखा कि झूठ बोलने से सिर्फ मजा आता है, पर आगे चलकर सच का साथ देना बेहतर होता है। वह सबका मजाक बन गया था, लेकिन उसको यह अनुभव एक महत्वपूर्ण सीख देने वाला था।

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