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25+ अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां | hindi mein kahaniyan


25+ अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां | hindi mein kahaniyan

आज की इस पोस्ट  मे आप पढ़ने वाले है 25+ अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां  और साथ ही मज़ेदार कहानिया भी क्यूंकी ऐसी ही  ही  अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां  पढ़ना बच्चो को बहुत अच्छा लगता है और इस  अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां मे तो एक मज़ेदार चोरकी कहानी पढ़ने वाले है आप सभी तो चलिएम शुरू करते है  अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां 


लालची चोर

अच्छी अच्छी कहानियां अच्छी अच्छी कहानियां 

जनकपुर गांव में एक जगदीश नाम का आदमी रहता था वह बहुत ही चतुर चालाक और घमंडी था और वह एक जरूरी था और हो जाना गरीब लोगों के जेब से पैसे चुरा लेता था और कहीं से भी फ्री में खाना खा लेता था।


गांव के सभी लोग जगदीश से बहुत परेशान थे और सारे लोग यह चाहते थे किंतु जगदीश गांव छोड़कर चला जाए क्योंकि वह सभी लोगों को परेशान करता था पर ज्यादातर दो लोगों के जेब से पैसे भी चुरा लेता था।


लेकिन जगदीश बहुत ही मुंह फट और झगड़ालू किस्म का आदमी था वह जो भी उसे कहता था कि गांव छोड़कर चले जाए वह उसे बहुत झगड़ा करता था और झगड़े की वजह से कोई भी गांव का आदमी उसे गांव छोड़ने के लिए नहीं कहता था।


एक बार की बात है जब तक जगदीश अपने गांव की तरफ लौट रहा था तो उसे रास्ते में एक आदमी दिखाई दिया वह आदमी बहुत ही अमीर था उसके पास एक बहुत ही बड़ा बैक था जगदीश ने सोचा कि इस बैंक में बहुत पैसे हैं अगर उसने यह बैग चुरा लिया तो उसकी तो लॉटरी ही लग जाएंगी।


 और उसने सोचा के उस आदमी का बैग चुरा ले लेकिन उस बयान को आदमी ने अपने पास रखा था और पूरी नजर उस पर थी यह देखकर जगदीश उसके पास गया और कहा कि तुम्हारी कार का पीछे का टायर पंचर है यह देखने के लिए वह आदमी पीछे गया उतनी ही देर में जगदीश ने बैग उठाया और भागने लगा।


भागते भागते वह अपने घर चला गया और पैसों का बैग अपने घर में छुपा दिया और थोड़ी ही देर के बाद पुलिस उस गांव में आ गई और पुलिस के साथ वह आदमी भी था वह आदमी ने पुलिस से कहा कि एक आदमी ने मेरे हाथ से बैग चुरा लिया है और इसी गांव की तरफ भागते हुए आया है शायद भूल से गांव का रहने वाला है।


यह सुनकर जगदीश ने वह बैग लिया और अपने घर के छत के ऊपर फेंक दिया पुलिस ने पूरे गांव के घर चेक किए लेकिन किसी की भी छत चेक नहीं की और उस आदमी से कहा कि शायद वह चोर किस गांव से दूसरा गांव भाग गया है और हमें उधर जाकर तहकीकात करनी चाहिए।


पुलिस उस गांव से चली गई हम जगदीश ने सोचा कि चलो बच गए हम वह सोचने लगा कि वह कौन सा बिजनेस करें जिसकी वजह से उसके पास बहुत पैसा जाए और उसे चोरी करना ना पड़े।


फिर उसने सोचा कि वह खाने की होटल खुलेगा लेकिन यह सोचकर उसने सोचा कि मेरे गांव में तो खाने के बहुत सारे होटल है और अगर मैं भी खाने के होटल खोल लूंगा तो फिर मेरे होटल में खाने के लिए कौन आएगा।


लेकिन उसके दिमाग में एक तरकीब सूझी उसने एक बहुत बड़ी होटल लगाया और लोगों को खाने के लिए बुलाया लेकिन जहां बिरयानी दूसरे होटलों में ₹100 की बिक रही थी यह जगदीश अपने होटल में वह बिरयानी ₹40 की ही बेच रहा था।


जब लोगों ने देखा कि दूसरे होटलों में बिरयानी ₹100 की बिक रही है पर जगदीश के होटल में ₹40 की बिक रही है तो जगदीश की होटल में लाइन लग गई और सारे लोग वहां खाने के लिए आने लगे।


लेकिन जब दूसरे होटल वाले ने देखा कि बिरयानी बनाने में ही ₹50 लग जाते हैं तो जगदीश ₹40 की बिरयानी कैसे दे सकता है तब बाकी होटलों वालों को समझ में आ गया कि होना हो जगदीश नहीं उस अमीर आदमी का पैसों का बैग चुराया है और इसीलिए इतनी बड़ी होटल लगाई है।


इसीलिए उन होटल वालों ने पुलिस को इंफॉर्मेशन दी पुलिस ने जगदीश है घर में जाकर छानबीन की तो पुलिस को जगदीश के यहां वह पैसों का बैग मिला जिस में से आधे से ज्यादा पैसे खर्च भी कर दिए थे जगदीश ने।


अब जगदीश को पुलिस ने जेल में ले गया और जेल में बंद कर दिया और गांव के लोगों को भी जल्दी से छुटकारा मिला।


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चोरी करना बुरी बात है हम कितने खुश हैं और चतुर क्यों ना हो चोर एक न एक दिन पकड़ा ही जाता है इसलिए हमें चोरी नहीं करनी चाहिए बल्कि मेहनत और ईमानदारी से कोई भी काम या बिजनेस करना चाहिए।


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