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50+ छोटी कहानियां शिक्षा वाली | Hindi Long stories with moral | top 10 moral stories in hindi

आज की इस 2024 की बिलकुल नयी कहानिया मे आप सभी पढ़ने वाले है छोटी छोटी कहानियां शिक्षा वाली क्यूंकी इस तरह की कहानिया बच्चो को सुनाना बहुत जारूरी है आउट साथ मे छोटी कहानियां शिक्षा वाली और नैतिक शिक्षा पर कहानी भी बच्चो को सुनना चाहिए तो कुल मिलाकर आज आप लोग पढ़ोंगे छोटी छोटी कहानियां शिक्षा वाली छोटी कहानियां शिक्षा वाली, नैतिक शिक्षा पर कहानी

 हेलो दोस्तो आज आप पढ़ने वाले है Hindi Long stories with moral क्योंकि ऐसी स्टोरीज पढ़ना बहुत लोगो को पढ़ना पसंद होता है और छोटी छोटी कहानियां शिक्षा वालीभी पढ़ना सभी को अच्छा लगता है तो चलिए शुरु करते है छोटी कहानियां शिक्षा वाली


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छोटी छोटी कहानियां शिक्षा वाली

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नैतिक शिक्षा पर कहानी

Hindi Long stories with moral

top 10 moral stories in hindi


धोबी का मुर्गा ( Hindi Long stories with moral ) 

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नैतिक शिक्षा पर कहानी

एक बार की बात है एक गांव में एक धोबी और उसकी बीवी कपड़े धो कर अपनी जिंदगी गुज़ार रहे थे। लेकिन अभी भी उनके जिंदगी गरीबी में ही गुज़र रही थी।


दिन भर काम करने के बाद जब धोबी घर आकर खाना खाने बैठता है तो अपनी बीवी से कहता है आज तुमने खाने में क्या बनाया है।


उसकी बीवी कहेती है। आज खाने में मैने दाल चावल बनाया है। ये सुन कर धोबी कहेता है क्या रोज़ रोज़ दाल चावल खिला रही हो ।


आंगन में हमारे इतने मुर्गे घूमते है उन्हे काट कर कभी मुर्गे का स्वादिष्ट भोजन भी बना लिया करो ।



तब उसकी बीवी कहती है ठीक है आज दाल चावल खा लो कल तुम्हे मुर्गे का स्वादिष्ट भोजन खिलाऊंगी।


रात होती है और दोनो पति पत्नी सो जाते है। सुबह होती है और धोबी टहलने के लिए निकलता है तो उसे पेड़ की टहनी पर दो मुर्गे दिखा देते है।


एक मुर्गा ऊपर की टहनी पर और दूसरा मुर्गा नीचे की टहनी पर सोए हुए थे की ऊपर का मुर्गा जाग जाता है और बांग देते हुए अपने पर फड़ फाड़ता है और झाड़ की पत्तियां नीचे वाले मुर्गे पर गिरा देता है।


नीचे वाला मुर्गा ये देख कर नाराज़ हो जाता है और कहेता है तुम्हे दिखाई नही देता मैं नीचे सोया हुआ हु। तुम मुझ पर पत्तियां कैसे गिरा सकते हो तुम्हे पता है जो भी मुझे खाएगा वो लखपति बन जाएगा।


ये सुन कर ऊपर वाला मुर्गा कहेता है बस लाख पति मुझे जो भी खाएगा ना वो तो करोड़ पति बन जाएगा।

ये सब बाते धोबी सुन रहा होता है। दोनो मुर्गों की बातें सुनकर धोबी मन ही मन सोचता है कि अरे वाह ऊपर वाले मुर्गे को अगर मैं खाऊंगा तो करोड़पति बन जाऊंगा।


और यह कहकर रुको ऊपर वाले मुर्गे को पकड़ता है और अपनी बीवी को ले जा कर देता है और कहता है कि आज मैं इसका गोश्त खाऊंगा।

और वह उस गमुर्गे को पका कर मजे ले ले कर खाता है।



  ( Hindi Long stories with moral ) कहानी से  सीख! 


बेमतलब के डींगे मार कर हम अपना ही नुकसान कर देते हैं।




मिट्टी में हीरे ( Hindi Long stories with moral ) 

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एक गांव में तुलसीदास नाम का एक आदमी रहता था वह कुमार था और दिन भर मिट्टी के बर्तन बना बना कर अपना गुजारा करता था उसकी बीवी भी घर का काम निपटा कर मिट्टी के बर्तन बनाने में उसकी मदद करती थी।


लेकिन तुलसीदास को पानी की बहुत समस्या थी उसे बहुत दूर से पानी लाना पड़ता था अपने घर के लिए और मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए भी।


एक बार जब तुलसीदास बहुत दूर से पानी लेकर आया और अपनी बीवी से कहा कि यह लोग पानी तो उसके बीवी के कहा अरे मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए भी तो मिट्टी चाहिए मिट्टी तो खत्म हो चुकी है तुमने साथ आते-आते मिट्टी क्यों नहीं लाई।


तुलसीदास ने कहा कि मेरे चार चार हाथ थोड़ी ना है मैं एक बार में या तो पानी ला सकता हूं या मिट्टी ला सकता हूं तुम मुझे समझती क्या होगा तुम तो आराम से घर पर भर्ती हो और मुझे दूर से पानी और मिट्टी लाना पड़ता है।


इस पर उसकी बीवी कहती है हा हा तुम ही बहुत मेहनत का काम करते हो मैं तो कुछ करती ही नहीं ना बंदा तो घर के काम करती हो ना ही बर्तन बता दे मैं तुम्हारी मदद करती हूं।



इस पर तुलसीदास करता है हां भाई तुमसे बहस करने में फायदा नहीं है चलो मैं मिट्टी लेकर आता हूं और यह कह कर वह मिट्टी लेने चले जाता है।


उसके घर से 5 किलोमीटर दूर मिट्टी मिलती थी। वह भाग गया और एक पूरी भर के मिट्टी लाकर अपनी बीवी को दिया।


यह देख उसकी बीवी ने कहा अच्छा हुआ तुमने आज सादा मिट्टी लाई है क्योंकि आज हमें ज्यादा बर्तन बनाने हैं क्योंकि कल महिला है और मेले में अच्छे खासे बर्तन बिक जाएंगे।

अब तुलसीदास कहता है कि हां जब तक तुम बर्तन बना हो मैं थोड़ा थक गया हूं मैं थोड़ा आराम कर लेता हूं। 


उसकी बीवी जैसे मिट्टी में होती है उसे मिट्टी में एक हीरा दिखाई देता है वह मिट्टी को और खुलती है तो देखती है कि उसमें और दो हीरो है इसी तरह उसे कुल मिलाकर तीन हीरे मिल जाते हैं।


यह देखकर वह बहुत खुश हो जाती है और अपने पति को जाकर कहती है यह देखो मुझे मिट्टी में से तीन हीरे मिले हैं क्या यह असली है अगर यह असली है तो हम इसे शहर में बेचकर अपना नया घर बनाएंगे और हमें इतनी मेहनत का काम नहीं करना पड़ेगा।


उसका पति कहता है हां यह हीरो तो असली लगते हैं इसे रख दो कल सुबह हम इसे शहर में बेचकर बहुत सारा पैसा लायेंगे लेकिन एक बात याद रखना कि इस हीरो के बारे में किसी को नहीं बताना।


लेकिन उसकी बीवी के पेट में यह बात पचती नहीं है और वह अपने पड़ोसी को यह बात बता देती है और कहती है कि यह हीरो वाली बात किसी से ना कहे।


लेकिन उसकी सहेली भी पूरे गांव में हीरो वाली बात फैला देती है। यह बात छोर तक भी पहुंच जाती है और वह चोर रात में घुसकर उनके घर से हुए हीरे चुरा लेता है।

और अगली सुबह वह दोनों पति-पत्नी फिर से अपनी गरीबी की जिंदगी ही गुजारते हैं।



( Hindi Long stories with moral ) कहानी से  सीख! 

हमें हमारे कामों की जानकारी हमेशा गुप्त ही रखनी चाहिए किसी को नहीं बताना चाहिए।




कला को निखारे ( Hindi Long stories with moral ) 

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नैतिक शिक्षा पर कहानी

एक बार की बात है गांव में अमर नाम का एक लड़का रहता था। वो इस बात से दुखी था की उसे शतरंज खेलना अच्छी तरह से नहीं आता था।


क्योंकि उसके गांव में एक से एक शतरंज के मास्टर थे जो किसी को भी शतरंज में हरा सकते थे। लेकिन अमर अपने गांव वालो की तरह शतरंज नही खेल पाता था।


एक बार जब उसके गांव में शतरंज की प्रतियोगिता हुई तो अमर ने उस में एक बाजी भी नही जीती ।


इस कारण वो बहुत दुखी था। सारे गांव वाले उसको ताना दे रहे थे की उसे शतरंज खेलना नही आता उस की वजह से गांव वालो की बदनामी हो जाएंगी।


ये सब सुन कर अमर बहुत नाराज़ हो गया और अपने खेत में जा कर बैठ गया। और सांप सीढी खेलने लगा। अमर को चाहे शतरंज खेलते हुए नही आता था लेकिन वो सांप सीढी बहुत अच्छी तरह से खेलता था।


अमर के पिता ने जब देखा की अमर घर में नही है तो उसे ढूंढने लगे। बहुत देर ढूंढने के बाद अमर के पिता को अमर खेत में एक झाड़ पर बैठा हुआ दिखाई दिया।


वो शकल से बहुत नाराज़ लग रहा था । उसके पिता अमर के पास गए और उससे कहा क्या हुआ बेटा।

तो अमर ने बताया की वो शतरंज के खेल में हारा तो सारे गांव वाले उसे ताना देने लगे।


ये सुन कर उसके पिता मुस्कुराए और कहा एक इंसान किसी एक काम में ही एक्सपर्ट हो सकता है।

अगर तुम गांव वालो को शतरंज में नहीं हारा सकते तो गांव वाले भी तुम्हे सांप सीढी के खेल में नही हरा सकते क्योंकि तुम सांप सीढी बहुत अच्छी तरह से खेलते हो।


ये सुन कर अमर मुस्कुराया और कहा हा ये तो सच है सांप सीढी के खेल में मुझे कोई नही हरा सकता है। 


फिर उसके पिता ने कहा जाओ अब गांव वालो को चैलेंज करो के वो तुम्हे सांप सीढी के खेल में हराए।


अमर ने ऐसे ही किया और पूरे गांव वालो में से किसी ने उसे सांप सीढी के खेल में नही हरा पाया। इससे अमर बहुत खुश हुआ।



( Hindi Long stories with moral ) कहानी से  सीख! 

हमारे अंदर जो कला ( skill ) है  हमे उसे ही निखारना चाहिए ना की दूसरो की देखा देखी अपनी कला को छोड़ कर किसी और तरफ जाना चाहिए। 


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